देश-विदेशसामाजिक

बाजार में लगातार तेजी ने बिगाड़ा सरकारी गेहूं खरीद का खेल, इस साल भी टारगेट पूरा करना बना संकट; बढ़ सकता है समय

विपणन शाखा व पीसीएफ समेत पांच क्रय एजेंसियों को खरीद के लिए नामित किया गया। मूल्य समर्थन में शासन ने गेहूं का मूल्य 2275 रुपये प्रति क्विंटल तय किया।

फतेहपुर। बाजार भाव में बराबर आ रहे उछाल से सरकारी गेहूं खरीद की उम्मीद टूट रही है। किसानों को समर्थन मूल्य देने के लिए क्रय केंद्र भले ही पंद्रह जून तक खोले गये हैं लेकिन केंद्रों में खरीद की गतिविधियां ठप पड़ी है।

66 हजार टन के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक आठ हजार दो सौ टन खरीद हो पाई है जो कि मात्र 14.50 प्रतिशत है। इस सप्ताह में बाजार में गेहूं का भाव 2400 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच गया जिससे खरीद की संभावनाएं और कम हो गई।

सरकारी दर पर गेहूं खरीद के लिए जिले मे 83 क्रय केंद्र खोले गए। विपणन शाखा व पीसीएफ समेत पांच क्रय एजेंसियों को खरीद के लिए नामित किया गया। मूल्य समर्थन में शासन ने गेहूं का मूल्य 2275 रुपये प्रति क्विंटल तय किया। बाजार भाव कम रहने पर कुछ किसानों ने तो गेहूं बेचा इसके बाद किसानों ने क्रय केंद्रों से मुंह फेर लिया। उतराई के बीस रुपये प्रति क्विंटल अतिरिक्त देने के बाद भी क्रय केंद्रों में खरीद नहीं बढ़ी।

खाद्यान से सरकारी गोदाम भरने के लिए किसानों के घरों से खरीद की व्यवस्था दी गई। संचालित सभी 83 केंंद्रों को सचल केंद्र बना दिया गया जिसमें केंद्र प्रभारी गांव-गांव जाकर खरीद किया। अधिकारियों के लाख प्रयास के बाद आठ हजार एमटी खरीद हुई जिसमे लगभग चार हजार एमटी खरीद सचल केंद्रों के माध्यम से की गई।

एक मार्च से संचालित है केंद्र

किसानों की सुविधा को देखते हुए इस बार एक मार्च से खरीद केंद्र खोल दिए गये थे। हलांकि गेहं की आवक अप्रैल महीने में ही शुरू हो पाई। सरकारी केंंद्रों में 229 रुपये की दर दी जा रही है,।बाजार में 23 सौ से 24 सौ रुपये में खरीद हो रही है।

किसान घर से व्यापारी को सरकारी मूल्य से पचास रुपये कम भी देने का इसलिए तैयार है क्योंकि वह क्रय केंद्र जाने और वहां के औपचारिकताएं पूरी करने में दिक्कत महसूस कर रहा है। यही कारण है कि क्रय केंंद सूने पड़े है।

पंद्रह जून अंतिम तिथि, बढ़ सकता समय

जिला खाद्यान एवं विपणन अधिकारी संजय कुमार ने कहा कि मूल्य समर्थन को उद्देश्य किसानों को न्यूनतम मूल्य दिलाना है, जो पूरा हो रहा है। कहा पंद्रह जून तक खरीद का तय समय है जिसे और बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पिछले साल मात्र 2600 टन खरीद हुई थी जो इस बार बढ़कर 82 सौ टन हो गई है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button