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कुकुरमुत्ते कथित पत्रकार के लिए पेयजल निगम के अधिकारी बने दुधारू गाय

मौका परस्त पत्रकारों से पत्रकारिता की साख लगातार होती जा रही धूमिल

देहरादून। पत्रकारों लोकतंत्र का चैथा स्तंथ और उस पर समाज का विश्वास है लेकिन कुछ मौका परस्त पत्रकारों से पत्रकारिता की साख लगातार धूमिल होती जा रही है। एक समय था पत्रकार को अपने क्षेत्र विशेष व विस्तृत ज्ञान होता था जिस कारण नौकरशाह, राजनीतिज्ञ इनकी टिप्पणी को गंभीरता से लेते थे। लेकिन आज के समय में अपने आप को कथित पत्रकार करने वाले सोशल मीडिया, न्यूज पोर्टल की दुनिया में हर चैथा आदमी न्यूज पोर्टल पत्रकार, यू ट्यूबर अथवा सोशल क्लीप बनाने वाला बन गया है। वह समाज पर अपना रौब गालिब करने का प्रयास करते है। सामाज में धाक जमाने के लिए आजकल आवश्यक हो गया है की आपके कितने फॉलोवर है, लोग सोशल मीडिया में सेल्फी पोस्ट करने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल देते है। ऐसा ही हाल अनुभवहीन कुकरमुत्ते के तरह फैले वेब न्यूज पोर्टल के कथित पत्रकार लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इनका मुख्य उद्देश्य न्यूज पोर्टल पर आसामी बनकर किसी को सपोर्ट कर अध्धा बॉटल दारू मिल जाए, या किसी अधिकारी से दो चार हजार रुपए लेकर उनका स्वार्थ सिद्ध करने के लिए कुछ लिख देना है, लेकिन कुछ पत्रकार इससे भी आगे बढ़कर बिना कुछ परवाह किए मात्र पांच दस हजार के लिय कुछ भी वेब पोर्टल पर बिना तथ्ये परखे कुछ भी लिख देते हैं। आजकल ऐस है एक कथित पत्रकार के लिए पेयजल निगम के अधिकारी दुधारू गाय बने हुए है। पेयजल निगम के एक अधिकारी ने नाम उल्लेख न करने के शर्त पर स्वयं बताया कि दो माह पूर्व पंद्रह हजार रूपये देकर इंजीनियर एससी पंत तत्कालीन एमडी के खिलाफ एक पत्रकार ने उसके वेब पोर्टल में न्यूज चलवाया। अभी हाल में पत्रकार वार्ता में मुख्य अभियंता सहित कई अभियंताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे। अब अपने को पत्रकार कहने वाले कथित पत्रकार विजय रावत मात्र ने कुछ पैसों और दारू के लालच में फिर से एक वरिष्ठ पेयजल निगम के अधिकारी के बारे में गलत खबर प्रकाशित किया गया है। इस बार अधिकारी ने विजय रावत के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने को ठान ली है। बता दे की पूर्व में भी इस पत्रकार के बॉस पर ऐसे ही प्रकरण में इसी अधिकारी मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है। शायद उसी बात का बदला लेने के लिए कथित पत्रकार विजय रावत पेयजल निगम के कुछ अधिकारियों के साथ मिलकर पूर्व मे मुकदमा दर्ज कराने वाले अधिकारी के खिलाफ बिना सही तथ्यों के अनगर्ल खबरे अपने न्यूज पोर्टल पर चला रहा है। अब देखना है कि इस बार अनुभवहीन पत्रकार विजय रावत को आध्धा बोतल दारू कितना महंगा पड़ेगा? कभी एक मैगजीन वितरण व विज्ञापन की मार्केटिंग करकेे अपने आप को पत्रकार कहलाने वाला विजय रावत अब भी शायद अधिकारियों से समाचारों की मार्केटिंग ही कर रहा है।

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