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गोंडा ट्रेन हादसा: कीचड़ में गिरी बोगी को हटाकर देखा तो मच गया शोर, कुछ बोल नहीं पा रहे अधिकारी

शुक्रवार को कीचड़ में गिरी बोगी के नीचे एक शव बरामद किया गया है जिसकी शिनाख्त करवाई जा रही है। हादसे के दूसरे दिन भी घटनास्थल पर लोगों की भीड़ है। लोग अपनों की तलाश में यहां पहुंच रहे हैं। उधर हेल्पलाइन नंबर भी लोग अपनों के बारे में पता कर रहे हैं।

गोंडा। गोंडा-गोरखपुर रेल मार्ग पर गुरुवार की दोपहर हुए ट्रेन हादसे में मरने वालों की संख्या चार पहुंच गई है। शुक्रवार को कोच के नीचे दबे युवक का शव बरामद किया गया है, जिसकी शिनाख्त नहीं हो सकी है।

उधर, अपनों की तलाश में परिजन घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं। यही नहीं, कंट्रोल रूम व अस्पतालों का भी चक्कर काट रहे हैं। परिजनों का कहना है कि उनके अपनों का पता नहीं चल रहा है और न ही उनका मोबाइल फाेन मिल रहा है।

वहीं, रेलवे अधिकारी रेल लाइन सही कर ट्रेनों का संचालन कराने के प्रयास में जुटे हैं। हादसे के बाद से ही ट्रेनों का संचालन बंद है।

खेत में पलटी थी आठ बोगियां

पूर्वोत्तर रेलवे के बाराबंकी-गोरखपुर रेल खंड पर मोतीगंज-झिलाहीं स्टेशनों के मध्य पिकौरा गांव के पास डाउन लाइन पर 15904 चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस की आठ बोगियां पलट गईं, इससे बोगी गन्ने के खेत में जा गिरी थी। दुर्घटना में गुरुवार को तीन यात्रियों के मौत की पुष्टि जिला प्रशासन ने की।

वहीं, 30 से अधिक यात्री घायल बताए जा रहे हैं। शुक्रवार की सुबह कीचड़ में गिरी बोगी को हटाने पर उसके नीचे एक और शव बरामद किया गया है। ऐसे में अब मृतकों की संख्या बढ़ कर चार हो चुकी है। रेलवे की महाप्रबंधक सौम्या माथुर समेत अन्य अधिकारी मौके पर राहत व बचाव कार्यों में जुटे हैं।

हेल्पलाइन पर अपनों की तलाश

पूर्वोत्तर रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि राहत व बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। रेलवे के हेल्पलाइन नंबर पर फोन आ रहे हैं। लोगों को जानकारी दी जा रही है। बचाव यान से यात्रियों को गंतव्य पर भेजा गया है।

दस का नहीं चल रहा पता

हादसे के बाद दस यात्रियों का पता नहीं चल रहा है। उनके परिजन परेशान हैं। अपनों की तलाश में अस्पताल से लेकर घटनास्थल तक पता लगाया जा रहा है। सुरक्षा बल के जवान व अधिकारी भी कुछ नहीं बोल पा रहे हैं।

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