फगवाड़ा।छठी पातशाही गुरुद्वारा साहिब चौड़ा खूह में युवक की हत्या की बात मंगलवार सुबह करीब सात बजे लोगों तक पहुंच गई। पुलिस और निहंग सिंहों के गुरुद्वारा साहिब के बाहर इकट्ठा होने से स्थानीय लोग व दुकानदार सहम गए। सुबह करीब साढ़े दस बजे आरोपित निहंग सिंह की गिरफ्तारी और बाजार में बड़ी संख्या में पुलिस बल के तैनात रहने से दुकानदार दुकानें खोलने लगे।
सहमे हुए हैं लोग
लोगों को आशंका थी कि आरोपित निहंग सिंह की गिरफ्तारी के दौरान माहौल खराब हो सकता है। इससे लोग सहमे हुए थे। पुलिस को भी माहौल खराब होने की आशंका थी। इसलिए फगवाड़ा के अलावा एसएसपी कपूरथला वत्सला गुप्ता, एसएसपी जालंधर देहात मुखविंदर सिंह भुल्लर, डीआइजी जालंधर रेंज एस भूपति खुद मौके पर पहुंच गए थे। बाद में एडीजीपी जीएस ढिल्लों भी फगवाड़ा पहुंचे थे। पुलिस ने सुबह ही गुरुद्वारा साहिब के बाहर और मुख्य रास्ते से अंदर गलियों में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया था।
अतिरिक्त पुलिस बल फगवाड़ा बुलाए गए
पुलिस ने जांच टीम व पुलिस अधिकारियों के अलावा किसी को भी गुरुद्वारा साहिब के अंदर नहीं जाने दिया। हत्या के बाद युवक का शव गुरुद्वारा साहिब के अंदर एक कमरे में पड़ा रहा। पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह करीब नौ बजे शव को बाहर निकाला और सिविल अस्पताल जालंधर भेज दिया। इसके बाद आरोपित रमनदीप सिंह उर्फ मंगू मठ को गिरफ्तार किया गया। किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए कपूरथला और जालंधर देहात से अतिरिक्त पुलिस बल फगवाड़ा बुलाए गए थे। बस स्टैंड से लेकर अंदर बाजार व थाना सिटी तक फोर्स तैनात की गई थी।
गुरुद्वारा साहिब में अरदास कर आरोपित रमनदीप को पहनाया सिरोपा
आरोपित रमनदीप सिंह को गुुरुद्वारा साहिब में अरदास कर सिरोपा पहनाया गया। इस दौरान गुरुद्वारा साहिब के अंदर एसएसपी कपूरथला और एसएसपी जालंधर देहात भी मौजूद रहे। इसके बाद जब उसे गुरुद्वारा साहिब से बाहर निकाला गया तो निहंग सिंहों ने उस पर फूल भी बरसाए।
मामले की जांच के लिए पुलिस ने लिए सात दिन
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्यों ने बताया कि पुलिस ने आश्वासन दिया है कि वह मामले सात दिन में मामले की जांच पूरी कर लेगी। युवक कहां का रहने वाला है। उसे गुरुद्वारा साहिब में किसने भेजा था। उनका आरोप है कि अमृतसर और कपूरथला में हुई बेअदबी के मामलों में भी पुलिस आज तक किसी आरोपित तक नहीं पहुंच पाई है। हर मामले में आरोपित अज्ञात या मानसिक रूप से कमजोर बताया जाता रहा है।
गुरुद्वारा साहिब में माथा टेकने से रोकने पर संगत ने जताया रोष
इस घटना के बाद गुरुद्वारा साहिब के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस मौजूद थी। किसी को भी गुरुद्वारा साहिब के अंदर नहीं जाने दिया गया। जो लोग गुरुद्वारा साहिब में माथा टेकने आ रहे थे पुलिस ने उन्हें भी अंदर जाने की अनुमति नहीं दी। इस बात को लेकर संगत में रोष भी था। उनका कहना था कि पुलिस अपनी जांच करे लेकिन उन्हें माथा टेकने से न रोके।
पुलिस ने बड़ी सतर्कता से किया काम
एडीजीपी एडीजीपी जीएस ढिल्लों ने कहा कि इस मामले में पुलिस ने बहुत सतर्कता के साथ काम किया है। यह धार्मिक भावनाओं से जुड़ा मामला है। पुलिस अधिकारी नहीं चाहते थे कि किसी तरह की बेअदबी का आरोप पुलिस पर लगे। इसलिए बहुत सोच समझकर सभी कदम उठाए गए। इससे शहर में कानून व्यवस्था को बनाए रखने में सफल हुए।