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डीएम ने एसएमओ को किया संस्पेंड, एआरओ को दी प्रतिकूल प्रविष्टि

मुख्य विकास अधिकारी को जांच अधिकारी नामित करते हुए सम्बन्धित कार्मिकों के विरूद्ध उत्तरांचल सरकारी सेवक नियमावली-2003 के अन्तर्गत अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रारम्भ करते हुए जांच आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए है।

राजकीय अन्न भण्डारण में अनियमितता पर का सख्त एक्शन
देहरादून। गुलरघाटी अन्न भण्डारण में अनियमितता पाये जाने पर एसएमओं को निलम्बित कर एआरओ को प्रतिकूल प्रविष्टि कर सख्त कार्यवाही के निर्देश दिये।
गुरूवार को यहां जिलाधिकारी सविन बंसल ने प्रशासन की टीम के साथ गुलरघाटी अन्न भण्डारण में किए गए औचक निरीक्षण के दौरान अनिमितता पाए तथा मिक्स इंडिकेटर मैथर्ड से परीक्षण के दौरान क्विंटलों अनाज के सैम्पल फेल होने पर रखरखाव व्यवस्था, स्टॉक रजिस्टर मैंटेन न होने आदि कई कमियां पाई गई थी, जिस पर डीएम ने एसएमओ को निलंबित करने तथा लापरवाही पर एआरओ को प्रतिकूल प्रविष्टि के निर्देश दिए थे। विगत सप्ताह लगातार 05 घंटे जिला प्रशासन की टीम ने गोदाम में जांच किए रिकार्ड, अनाज की सैम्पलिंग कराई। मुख्य विकास अधिकारी को जांच अधिकारी नामित करते हुए सम्बन्धित कार्मिकों के विरूद्ध उत्तरांचल सरकारी सेवक नियमावली-2003 के अन्तर्गत अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रारम्भ करते हुए जांच आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए है। एसएमओ विष्णु प्रसाद त्रिवेदी निलम्बित, एआरओ अजय रावत को प्रतिकूल प्रविष्टि। निलम्बित कार्मिक मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय से सम्बद्ध रहेंगे। विष्णु प्रसाद त्रिवेदी, गोदाम प्रभारी व वरिष्ठ विपणन अधिकारी की इन अनियमितताओं के लिए मुख्य भूमिका रही है, जो भण्डारण, खरीद गुणवत्ता नियंत्रण एवं प्राप्ति के लिए उत्तरदायी मानते हुए उन पर निलम्बन की कार्रवाई की गई है। इसी प्रकार एआरओ अजय रावत की भूमिका लापरवाह एवं संदिग्ध प्रतीत हुई है जो जिले के आन्तरिक गोदामों व सरकारी सस्ता गल्ला दुकानों की प्राप्ति के लिए उत्तरदायी हैं एवं बगैर गुणवत्ता सुनिश्चित किए ही अनाज को जिले के निर्बल वर्ग, धात्री महिलाओं, नौनिहालो व बुजुर्गों के सेवन के लिए प्राप्त कर वितरित किया जा रहा है। नकरौंदा स्थित इस अन्न भण्डार से सम्पूर्ण गढ़वाल क्षेत्र के साथ जनपद के आन्तरिक गोदामों, सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों, आंगनवाड़ी केन्द्रों में आने वाले नौनिहालों, धात्री माताओं व राजकीय विघालयों में अध्ययनरत् छात्र-छात्राओं को मिड-डे मील उपभोग के लिए आपूर्ति की जाती है। जनमानस सा जुड़ा विषय होने के कारण डीएम ने सख्त प्रर्वतन कार्यवाही का मन बना लिया है। निरीक्षण के दौरान अन्न भण्डार प्रबन्धन एवं संचालन में सम्बन्धित नियमों व दिशा-निर्देशों के उल्लंघन व गहन अनियमितताएं परिलक्षित हुई थी। मौके पर अनाज का भण्डारण अनुचित पाया गया। रैक जो अनाज को नमी, रैट ट्रेप जो चूहों, कीट से सुरक्षित करते हैं नहीं पाये गये। अनाज के बोरों का वजन नियमानुसार कटृा सहित 50.5 किलोग्राम होता है, परन्तु 50.5 किलोग्राम वजन के सापेक्ष गेहू के बोरे का औसतन वजन 43 किलोग्राम, व चावल के बोरों का औसतन वजन 47 किलोग्राम मौके पर होना पाया गया, जो भारी अनियमितता पाई गई। निरीक्षण के दौरान इन्वेंटरी मैजनेमेंट स्टॉक रजिस्टर अनैतिक ढंग से अपूर्ण अहस्ताक्षरित पाए गए थे और अधिकतर रजिस्टर के अंकन में अत्यधिक भिन्नता थी। अनाज के स्टैक पर स्टैक कार्डस अधिकांश जगह पर डिस्प्ले नहीं थे और जहां पर थे भी उन पर स्थान, तिथि वजन की तिथि, बोरियों की संख्या अंकित नहीं थी। स्टाक रजिस्टर अंकन एवं भौतिक सत्यापन मध्य भी अत्यधिक अन्तर पाया गया। फिफो (फर्स्ट इन फर्स्ट आउट) जो अन्न भण्डारण प्रबन्धन का मौलिक नियम है के किसी भी नियम का पालन किया जाना नहीं पाया गया। न तो फिफो रजिस्टर मैंटेन किये गये और न ही प्रथम आवत माल की प्रथम निकासी की गयी। गुणवत्ता परीक्षण अनाज की गुणवत्ता जांचने हेतु चावल के 61 नमुने लिए गये, जिसमें से 26 नमूने फेल पाये गये जो रद्द श्रेणी अन्तर्गत घोषित किये गये है। भारतीय खाघ निगम ने जारी एसओपी मिक्स इंडिकेटर मैथर्ड के अनुसार रद्द श्रेणी में पाये गये हैं। समस्त अनियमितताऐं खरीफ खरीद नीति 2024-25 एवं उपभोक्ता मामले अनुभाग-2, दिनांक 30 सितम्बर, 2024 एवं भारतीय खाद्य निगम के जारी एसओपी मिक्स इंडिकेटर मैथर्ड में राजकीय अन्न भण्डारों में अनाज के सुव्यवस्थित भण्डारण एवं गुणवत्ता नियंत्रण के लिए जारी निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन।

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