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16 घंटे में 73 सेमी बढ़ा सरयू का जलस्तर, कई इलाकों में तेजी से हो रही कटान; सहमे तटवर्ती इलाके के लोग

इससे तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। पिछले 16 घंटों में सरयू के जलस्तर में 73 सेमी और गंगा में सात सेमी का बढ़ाव हुआ है। हालांकि सिंचाई विभाग का कहना है कि यह बढ़ाव बारिश के चलते हो रहा है।

बलिया। बारिश होने के साथ गंगा और सरयू का जलस्तर भी बढने लगा है। इससे तटवर्ती लोग सहमने लगे है। गायघाट में गंगा का जलस्तर 49.50 मीटर पर है। यहां खतरा बिंदु 57.615 मीटर है। तूर्तीपार डीएसपी हेड पर सरयू का जलस्तर 61.34 मीटर पर है। यहां खतरा बिंदु 64.010 है। 16 घंटे में सरयू के जलस्तर में 73 सेमी और गंगा में सात सेमी का बढ़ाव हुआ है।

सिंचाई विभाग का कहना है कि यह बढ़ाव बारिश के चलते हो रहा हैं। अभी बाढ़ के हालात नहीं हैं। गंगा क्षेत्र में अब तक 371.8 और सरयू क्षेत्र में 218.2 मिमी वर्षा होने की पुष्टि सिंचाई विभाग ने की है। नदियों का जलस्तर अभी पेटे में है, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से बाढ़ की तैयारियां तेज कर दी गई है।

बाढ़ के दौरान लोगों की सहायता के लिए 61 चौकियां और 73 शरणालय बनाने के लिए कार्य चल रहा है। राहत किट का टेंडर सहित अन्य व्यवस्था भी की जा रही है।

तेजी से उपजाऊ भूमि को निगल रही सरयू

संवाद सूत्र, बांसडीह। बरसात के मौसम की शुरुआत के साथ सरयू में बढ़ाव शुरू होते ही कटान शुरू हो गया है। तहसील क्षेत्र के सुल्तानपुर, भोजपुरवा, मल्लाही चक आदि कई गांवों के किसानों की उपजाऊ भूमि को सरयू निगलने लगी है। कटान से सभी लोग भयभीत हैं। पिछले साल भी इस क्षेत्र में भयंकर कटान हो रहा था, लेकिन समय रहते जिला प्रशासन की ओर से उचित प्रबंध नहीं किया गया है।

कटान के समय सरकार व विपक्ष के नेताओं समेत अधिकारियों की फौज इस समस्या का बेहद गंभीर तरीके से निरीक्षण करती है। निदान का आश्वासन भी देती है, लेकिन धरातल पर जहां सर्वाधिक खतरा है, वहां के लिए कोई प्रयास नहीं होता है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण यह क्षेत्र है।

कटान की जानकारी होने के बाद भी जिला प्रशासन भ्ज्ञयंकर तबाही बचने की प्रतीक्षा कर रहा है। इस संबंध में एसडीएम अभिषेक प्रियदर्शी ने बताया कि मामला संज्ञान में है। इसकी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है। जल्द ही बचाव कार्य शुरू होंगे।

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