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उत्तराखंड में बारिश बरपा रही कहर

वहीं यात्रा सीजन के दौरान यात्रियों की मौत के आंकड़ों की बात की जाए तो अब तक 169 लोगों हो मौत चुकी है।

भारी बारिश से 245 मार्ग बाधित
नैनीताल और चंपावत जिले में हालात खराब
देहरादून।  मौसम विभाग ने प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। 15 जून से शुरू हुए मानसून सीजन में अब तक 31 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं, जिसमें 71 लोगों की जान गई है। वहीं दैवीय आपदाओं के चलते अब तक 9 लोगों की जान जा चुकी है और कई घरों का भी नुकसान पहुंचा है। वहीं यात्रा सीजन के दौरान यात्रियों की मौत के आंकड़ों की बात की जाए तो अब तक 169 लोगों हो मौत चुकी है। प्रदेश में 245 सड़कें अवरुद्ध है, कुमाऊं के नैनीताल और चंपावत जिले में सबसे बुरा हाल है।
प्रदेश में अगर सड़कों की मौजूदा स्थिति की बात की जाए तो आज 8 जुलाई यानि आज 12 बजे तक की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 245 सड़कें बंद हैं। जिन्हें खोलने की कार्रवाई चल रही है। जिलेवार बंद सड़कों की अगर बात की जाए तो रुद्रप्रयाग में 14 ग्रामीण मार्ग, उत्तरकाशी जिले में 3 ग्रामीण मोटर मार्ग, बागेश्वर जिले में 19 सड़कें, देहरादून जिले में 14 सड़कें, पिथौरागढ़ में 6 बॉर्डर रोड समेत 28 सड़कें, अल्मोड़ा में 19 सड़कें, नैनीताल जिले में सबसे ज्यादा 38 सड़कें, चंपावत जिले में एनएच 09 समेत 35 सड़कें, पौड़ी गढ़वाल जिले में 16 सड़कें, चमोली जिले एनएच-58 समेत 35 सड़कें और टिहरी जिले में भी 1एनएच सहित 24 सड़कें बंद है।
इन सड़कों में 6 बॉर्डर रोड, तीन नेशनल हाईवे समेत कुल 245 सड़कें प्रदेश में अवरुद्ध है। जिन्हें खोलने की कार्रवाई की जा रही है। सबसे ज्यादा बुरा हाल नैनीताल जिले में है, जहां 38 सड़कें बंद है।वहीं चंपावत जिले में भी 34 सड़कें बंद हैं। गढ़वाल में बात करें तो चमोली जिले में सबसे ज्यादा 35 सड़कें बंद हैं।आपदा प्रबंधन विभाग के कोआर्डिनेशन से लगातार इन सड़कों को खोलने का काम किया जा रहा है। विगत पांच दिनों से लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और बाजारों में रौनक गायब है। जिले के स्कूलों को बंद कर दिया गया है। वर्षा के कारण सड़कों में बोल्डर और मलबा गिर रहा है। जिसके कारण अल्मोड़ा जिले की दो स्टेट हाईवे और 17 अन्य सड़कें बंद है। जिन्हें जेसीबी लगाकर खोलने का प्रयास किया जा रहा है।

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