लखनऊ। पुलिस और व्यवसायी की प्रताड़ना से मूर्तिकार गोलू उर्फ रजनीश की आत्महत्या के मामले में पुलिस का संवेदनहीन चेहरा सामने आया है। रजनीश शनिवार को अस्पताल में अंतिम सांसें गिन रहा था, वहीं पुलिस रजनीश के पिता लक्ष्मी नारायण को रिंग रोड पुलिस चौकी में बैठाकर आरोपित रामू और उसकी पत्नी के इशारे पर धमका रही थी।
पीड़ित पिता से पुलिसकर्मी बार-बार यही कह रहे थे कि रामू के बकाया 31 हजार रुपये रजनीश कब देगा? ठीक होने के बाद रजनीश रुपये देगा कि नहीं? अगर गोलू ने रुपये नहीं दिए तो तुम दोगे की नहीं? तरह तरह के सवाल पुलिसकर्मी, लक्ष्मी नारायण से कर रहे थे। यह जानकारी रजनीश की भाभी मीना और बहन सीता ने दी है।
उन्होंने बताया कि जब वह रजनीश के जहर खाने की जानकारी देने के लिए रिंग रोड चौकी पहुंची तो वहां पुलिस कर्मियों के अलावा रामू और उसकी पत्नी ने कहा कि वह नाटक कर रहा है। कोई यह बात मानने को तैयार नहीं था। इस बीच रजनीश की मौत की खबर पहुंची।
वीडियो वायरल हुआ, मची खलबली
इंटरनेट मीडिया पर वीडियो प्रसारित हो गया। वीडियो में रजनीश ने रामू उसकी पत्नी, कथित पुलिस कर्मी साले कुलदीप और चौकी के पुलिस कर्मियों पर प्रताड़ना का आरोप लगा रहा था। वीडियो देखते ही चौकी प्रभारी रविंदर समेत अन्य के हाथ पांव फूल गए।
पुलिस ने लिखा पढ़ी करके आनन फानन चौकी से लक्ष्मी नारायण को छोड़ दिया। लक्ष्मी नारायण बलरामपुर अस्पताल पहुंचे तब तक बेटे के प्राण निकल चुके थे। वह बेटे का जीवित मुंह भी नहीं देख सके। जवान बेटे की मौत से मानो लक्ष्मी नारायण का कलेजा फट गया हो। सदमे में वह गश खाकर वहीं पर गिर पड़े।
अन्य बेटों में प्रदीप, रंजीत, सरवन और प्रवेश ने पानी की छींटें पिता के चेहरे पर मारी। होश आया तो ढांढस बंधाते हुए उन्हें शांत किया। इसके बाद वह गोलू की पत्नी पूजा और उसकी छह साल की बेटी आरोही, तीन साल की रिया का चेहरा देखकर फूट-फूटकर रोने लगे।
रजनीश की मौत ने पुलिस की कार्यशैली पर खड़े किए सवाल
फेसबुक पर वायरल वीडियो में आत्महत्या के कारण और जिम्मेदार लोगों का नाम लेने वाले रजनीश की मौत ने तमाम सवाल खड़े कर दिए हैं। जिस पुलिसकर्मी कुलदीप पर भी रजनीश ने प्रताड़ना का आरोप लगाकर जान दी है, उसके बारे में पुलिस 24 घंटे बाद भी जानकारी नहीं कर सकी है और यह तर्क दिया जा रहा है कि कुलदीप पुलिसकर्मी है या फिर कोई और है।
पुलिस का यह बयान ही बता रहा है कि दाल में कुछ काला है और पुलिस किसी को बचाने में जुट गई है। फिलहाल पुलिस ने व्यवसायी रामू को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि व्यवसायी की पत्नी फरार है।
सिर्फ एक माह दिए रुपये उलटा निकाल दी उधारी
पत्नी पूजा ने बताया कि पति रजनीश ने रामू के मूर्ति कारखाने में पांच से छह महीने काम किया था। छह से सात सौ रुपये की उनकी दिहाड़ी थी। एक महीने तक रामू ने पति को रुपये दिए उसके बाद नहीं दिए।
चूंकि पति को ई-रिक्शा की किस्त जमा करनी होती थी। इस पर पति ने कहा था कि वह रोज रुपये न लेकर किस्त जमा करने के समय इकट्ठा लेगा। पति ने जब किस्त आने पर डेढ़ माह बाद रुपयों की मांग की तो रामू और उसकी पत्नी ने कहा कि 31 हजार रुपये देना होगा।
जेल भेजे जाने के धमकी से डरा था परिवार
पति के विरोध पर खुद को रामू का साला बताने वाले व्यक्ति ने धमकाना चालू कर दिया है और खुद को दारोगा बताकर पति को जेल भेजने की धमकी देता था। 22 दिन पहले पति को घर बुलाकर रामू और उसकी पत्नी ने चाकू और डंडे से हमला कर घायल कर दिया था। पति जेल भेजे जाने के धमकी से डरे थे। इसलिए उन्होंने थाने में शिकायत नहीं की थी।
सपा विधायक ने की मदद, बेटियों की पढ़ाई की ली जिम्मेदारी
रजनीश की मौत की जानकारी होने पर पश्चिम विधानसभा से सपा विधायक अरमान खान शेखपुर में उनके घर पहुंचे। पत्नी पूजा समेत अन्य परिवारीजनों से मुलाकात की। विधायक ने पीड़ित परिवार को 10 हजार रुपये आर्थिक मदद की। रजनीश की बेटी आरोही और रिया की पढ़ाई का खर्च उठाने का जिम्मा लिया। विधायक ने आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।