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वनों का विनाश मतलब मानवता का विनाशः द्रौपदी मुर्मु

इस अवसर पर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, वन महानिदेशक और विशेष सचिव जितेन्द्र कुमार, इंदिरा गॉधी राष्ट्रीय वन अकादमी के निदेशक जगमोहन शर्मा एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

महिलाएं समाज के प्रगतिशील बदलाव की प्रतीक हैंः राष्ट्रपति
राष्ट्रपति मुर्मु ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग किया
प्रशिक्षु अधिकारियों को दी बधाई
देहरादून। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि महिलाएं समाज के प्रगतिशील बदलाव की प्रतीक हैं। बुधवार को यहां राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी, देहरादून में प्रशिक्षणरत व्यावसायिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के भारतीय वन सेवा के परिवीक्षार्थियों के दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने परिवीक्षार्थियों को प्रमाण पत्र और पदक प्रदान किये। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने भारतीय वन सेवा के 2022 बैच के सभी प्रशिक्षु अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि इस बैच में 10 महिला अधिकारी हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं समाज के प्रगतिशील बदलाव की प्रतीक हैं। राष्ट्रीय वन अकादमी की पर्यावरण के क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका रही है। भारतीय वन सेवा के अधिकारियों पर जंगलों के संरक्षण, संवर्धन एवं पोषण की जिम्मेदारी है। उन्होंने आशा व्यत्तफ की कि ये अधिकारी अपने इस अप्रतिम दायित्व के प्रति सजग और सचेत होंगे एवं पूर्ण निष्ठा से अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करेंगे। उन्होंने कहा की हमारी प्राथमिकताएं मानव केंद्रित होने के साथकृसाथ प्रकृति केंद्रित भी होनी चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि पृथ्वी की जैवकृविविधता एवं प्राकृतिक सुंदरता का संरक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य है, जिसे हमें अति शीघ्र करना है। भारतीय वन सेवा के पी. श्रीनिवास, संजय कुमार सिंह, एस. मणिकन्दन जैसे अधिकारियों ने ड्यूटी के दौरान अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए प्राण न्योछावर किए हैं। देश को भारतीय वन सेवा ने बहुत अधिकारी दिये हैं, जिन्होंने पर्यावरण के लिए अतुलनीय कार्य किए हैं। उनकी चर्चा बहुत सम्मान से की जाती है। उन सभी को आप अपना रोल मॉडल बनाएं एवं उनके दिखाए आदर्शों पर आगे बढ़ें। राष्ट्रपति ने कहा कि विकास-रथ के दो पहिये होते हैं। परंपरा और आधुनिकता। आज मानव समाज पर्यावरण संबंधी कई समस्याओं का दंश झेल रहा है। इसके प्रमुख कारणों में विशेष प्रकार की आधुनिकता है, जिसके मूल में प्रकृति का शोषण है।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि) ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के दीक्षांत समारोह के अवसर पर कहा कि यह समारोह हमारे राष्ट्रीय वन धरोहर के संरक्षण और प्रबंधन के क्षेत्र में नए योग्य नेतृत्व का उत्थान करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। भारतीय वन्य जीवन और वन्यजीव अध्ययन में उत्कृष्टता के लिए एक प्रमुख संस्था के रूप में, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी ने अपने क्षेत्र में अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस संस्था ने वन्य जीवन के प्रबंधन, और संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्टता के मानकों को स्थापित किया है और नए अधिकारियों को प्रशिक्षित किया है। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, वन महानिदेशक और विशेष सचिव जितेन्द्र कुमार, इंदिरा गॉधी राष्ट्रीय वन अकादमी के निदेशक जगमोहन शर्मा एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

देश को मिले 99 नए आईएफए अफसर
देहरादून। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी देहरादून से आज भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के 99 अधिकारी पास आउट हुए। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी शिरकत की। इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पास आउट हुए इण्डियन फॉरेस्ट सर्विस के अधिकारियों को संबोधित भी किया। 99 पास आउट होने वाली अधिकारियों में तीन उत्तराखंड के हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी देहरादून के साल 2022-24 के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के बाद पास आउट हुए अधिकारियों को प्रमाण पत्र और अवॉर्ड प्रदान किए। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि जंगलों के महत्व को आज समाज भूलता जा रहा है, लेकिन लोगों को याद होना चाहिए की जंगल जीवन देता है। जंगल केवल संसाधनों का भंडार नहीं, बल्कि परिस्थितिकी तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो मनुष्य के जीवन च्रक में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि यहां पास आउट होने वाले भारतीय वन सेवा के अधिकारियों पर प्रकृति के संरक्षण का दायित्व है। उन्हें उम्मीद है कि सभी अधिकारी इस दायित्व वो अच्छी तरह निभाएंगे। विकास और संरक्षण के बीच अच्छा तालमेल बैठाएंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा विकास के मानकों का मूल्यांकन करना होगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्राकृतिक संरक्षण में एआई के तकनीक के समावेश पर भी जोर दिया है। इस मौके पर उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह ने भी भारतीय वन सेवा के अधिकारियों को बधाई दी और कहा कि उन्हें प्रकृति संरक्षण की बड़ी जिम्मेदारी मिली है।

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