अतीक अहमद से दूरी बनी तो आबिद प्रधान को मिला सरकारी गनर, दामाद के साथ कब्जाने लगा जमीन अब हुई उम्रकैद
छह साल पहले देवरिया जेल में माफिया अतीक ने आबिद के दामाद जैद समेत तीन लोगों को बेरहमी से पीटा था। सलाखों के पीछे पिटने के बाद सभी लोग यहां अलग-अलग अस्पताल में इलाज करवाए लेकिन किसी ने मुखालफत की हिम्मत नहीं जुटाई थी।
प्रयागराज।बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा पाने वाला अतीक का खास शूटर आबिद प्रधान कभी सरकारी गनर लेकर घूमता था। छह साल पहले देवरिया जेल में माफिया अतीक ने आबिद के दामाद जैद समेत तीन लोगों को बेरहमी से पीटा था।
सलाखों के पीछे पिटने के बाद सभी लोग यहां अलग-अलग अस्पताल में इलाज करवाए, लेकिन किसी ने मुखालफत की हिम्मत नहीं जुटाई थी। इसी बीच लखनऊ के बिल्डर मोहित को भी देवरिया जेल में पीटा गया, जिसका मामला उछलने पर कार्रवाई शुरू हो गई। तब जैद खालिद ने धूमनगंज थाने में अतीक समेत 14 लोगों के विरुद्ध अपहरण, हमला समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई।
अतीक और आबिद प्रधान के बीच दूरी
दामाद की ओर से एफआईआर कराए जाने के बाद ही अतीक और आबिद प्रधान के बीच दूरी बढ़ गई। दोनों के बीच खींचतान शुरू हुई तो आबिद को एक पुलिस अधिकारी का संरक्षण प्राप्त हुआ, जिसके बाद उसे और उसके दामाद को सरकारी गनर उपलब्ध करवाया गया।
ससुर-दामाद ने सरकारी सुरक्षा मिलते ही जमीन पर कब्जा करने का काम शुरू कर दिया था। मगर बीते साल उमेश पाल की हत्या के बाद सुरक्षा हटा ली गई थी, लेकिन इससे पहले आबिद अपने गांव में निर्विरोध प्रधान निर्वाचित हो गया था।
अलग-अलग थानों में कई मुकदमे
अतीक के गैंग आईएस-227 का आबिद सक्रिय सदस्य है। उसके खिलाफ अलग-अलग थानों में कई मुकदमे दर्ज हैं। उमेश पाल का अपहरण के मुकदमे में भी वह बरी हो गया था, लेकिन अब राजू पाल हत्याकांड में उसे सजा सुनाई गई है।
कहा जा रहा है कि सीबीआई कोर्ट का फैसले की जानकारी मिलने के बाद आबिद के गांव पूरामुफ्ती थाना क्षेत्र स्थित मरियाडीह में अफरातफरी मची रही। लोग उसकी चचेरी बहन अल्कमा व चालक सुरजीत की हत्या को लेकर भी तरह-तरह की चर्चा करते रहे।