उत्तराखंड

ज्ञान गोदड़ी मामले में हाईकोर्ट ने सरकार व नगर निगम हरिद्वार से मांगा जवाब

शिरोमणि प्रबंधक कमेटी अमृतसर ने दायर की याचिका

नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरिद्वार में हरकी पैड़ी के समीप स्थित ज्ञान गोदड़ी में गुरुद्वारे के पुनर्निर्माण किए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार और नगर निगम हरिद्वार से स्थिति स्पष्ट कराने को कहा है। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने की है।
मामले के अनुसार शिरोमणि प्रबंधक कमेटी अमृतसर ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हरिद्वार हरकी पैड़ी के समीप ज्ञान गोदड़ी में गुरुद्वारे का पुनर्निर्माण किया जाए। याचिका में कहा गया है कि सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव के हरिद्वार में प्रथम आगमन पर तत्कालीन लंढौरा नरेश ने अपनी हवेली में ज्ञान गोदड़ी का आयोजन किया था। गुरु नानक के आगमन पर हरकी पैड़ी में गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी के लिए जगह आवंटित की थी, जो 1976 तक इस स्थान पर थी, लेकिन 1976 में हरकी पैडी के सौंदर्यीकरण के नाम पर गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी को वहां से इस आश्वासन पर हटाया गया कि उसे पुनः इसी स्थान पर स्थपित किया जाएग, लेकिन इस ऐतिहासिक धरोहर व सिखों के पवित्र चिह्न को अभी तक वहां स्थापित भी नहीं किया गया।
साल 2001 में इसकी शिकायत राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग से की गई। तत्कालीन जिलाधिकारी ने भूमि आवंटित करने के लिए सरकार को संस्तुति भेजी, लेकिन जो भूमि आवंटित की जानी थी, वो भूमि उत्तर प्रदेश सरकार की थी। इसके बाद फिर संस्तुति भेजी गई, लेकिन अब तक उस संस्तुति पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। लिहाजा, अब नैनीताल हाईकोर्ट में मामले में सुनवाई शुरू हो गई है।

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