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कुरान और संविधान का नहीं कोई टकरावः शहजाद

विधायक बोले लिव इन है अपराध

देहरादून। विधानसभा सदन की कार्यवाही के दौरान विपक्ष के नेताओं ने यूसीसी विधेयक को पारित न कर उसमें मौजूद कमियों को दूर करने के लिए प्रवर समिति को सौंपने की मांग की है। यूसीसी विधेयक पर चर्चा के दौरान बहुजन समाज पार्टी से विधायक शहजाद ने यूसीसी में किए गए तमाम प्रावधानों पर सवाल खड़े किए। बीएसपी विधायक ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा भगवान राम किसी एक के नहीं बल्कि पूरे हिंदुस्तान के हैं। उन्होंने कहा सरकार चाहती है उनके अलावा भगवान राम का नाम कोई और न ले। उन्होंने कहा यूसीसी का कानून आना चाहिए लेकिन पूर्ण रूप से आना चाहिए।
बसपा विधायक ने कहा कुरान और संविधान का कोई टकराव नहीं है। संविधान हमें अधिकार देता है कि अपने धर्म के अनुसार जीवन यापन करें। विधायक ने आशंका जताई है कि इस कानून के आने के बाद भविष्य में पुरुष और महिला के बीच की गैपिंग भी बढ़ेगी। भारत के मुसलमान सुन्नी मुसलमान हैं। उनका मानना है कि एससी से कन्वर्ट हुए हैं। छुआछूत और अत्याचार की वजह से ही मुस्लिम बने हैं। साथ ही उन्होंने कहा डर की वजह से धर्म परिवर्तन नहीं हो सकता। दबाव में कुछ दिन तक वह नए धर्म में रहेगा, लेकिन कुछ समय बाद अपने पुराने धर्म का पालन करना शुरू कर देगा।

सरकार सभी स्कूलों-अस्पतालों का अधिग्रहण करे
देहरादून। बहुजन समाज पार्टी से विधायक शहजाद ने कहा प्रदेश के सभी स्कूलों और अस्पतालों का सरकार अधिग्रहण करे। जिससे सबको समान सुविधा मिल सके। तभी समान नागरिक सुरक्षा कानून सभी के लिए बराबर होगा। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष कह रहे हैं कि वो मदरसों में रामचरितमानस पढ़ाएंगे। वो कैसे पढ़ाएंगे? इसके लिए कह रहे हैं कि मॉडर्न मदरसा बना रहे हैं, लेकिन बिना पैसे के कैसे मॉडर्न मदरसा बनाएंगे ये एक बड़ा सवाल है। अगर उत्तराखंड सरकार विकसित राष्ट्र की अवधारणा रख रही है तो चिकित्सा और शिक्षा फ्री करनी चाहिए।
यूनिफॉर्म सिविल कोड में लिव इन रिलेशन को लेकर कानून का प्रावधान किया गया है। जिसके तहत लिव इन रिलेशन में रहने वाले लोगों को रजिस्ट्रेशन करना होगा। उन्होंने कहा लिव इन रिलेशन एक अपराध है। उन्होंने कहा जिन क्षेत्रों में रहन-सहन निम्न स्तर पर है, उन क्षेत्रों में लोगों के अधिक बच्चे हैं। ऐसे में सरकार को चाहिए कि निम्न स्तर पर रह रहे लोगों की स्थिति को सुधारा जाए। शहजाद ने कहा उत्तराखंड सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड को तो पारित कर लेगी, लेकिन सदन के भीतर चर्चा के दौरान जो तमाम सुझाव दिए गए हैं उन सुझावों के तहत यूनिफॉर्म सिविल कोड को बेहतर बनाने के लिए यूसीसी विधेयक को प्रवर समिति को सौंपा जाना चाहिए।

यूसीसी में पुरुष और महिला को बराबर श्रेणी में रखा गयाः रेखा आर्या
देहरादून। कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने यूसीसी पर मीडिया से बात करते हुए जानकारी दी कि आज का दिन उत्तराखंड के लिए बड़ा ही ऐतिहासिक है। उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना है।इसके तहत पुरुष और महिला नागरिकों को बराबर श्रेणी में रखा गया है। दोनों के अधिकार एक समान रखे गए हैं।साथ ही कुछ ऐसे अधिकार जिनके तहत महिलाओं के अधिकारों का हनन होता था वह भी सुरक्षित होंगे। जानकारी देते हुए बताया कि आज भी हमारे समाज मे बहु विवाह प्रथा, बाल विवाह, मौखिक तलाक सहित कई अन्य प्रथाएं प्रचलित हैं। कहीं ना कहीं समान नागरिक संहिता से अब सभी के हित सुरक्षित होंगे। समान नागरिक संहिता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विजन “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के तहत उत्तराखंड के लिए मजबूत आधार स्तम्भ का कार्य करेगा।समान नागरिक संहिता से अब देवभूमि में देवियों के अधिकार सुरक्षित होंगे।

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