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उद्यान घोटाले में सुप्रीम कोर्ट से प्रदेश सरकार को झटका

कोर्ट ने खारिज की राज्य सरकार की सीबीआई जांच रोकने की अपील

 

हाईकोर्ट ने दिए थे सीबीआई जांच के आदेश
देहरादून। सुप्रीम कोर्ट ने चर्चित उद्यान घोटाले मामले में सरकार की याचिका खारिज कर सरकार को बड़ा झटका दिया है। घोटाले की जांच सीबीआई से कराने संबंधी उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है। दरअसल, उद्यान विभाग के करोड़ों रुपये के इस घोटाले में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पिछले साल 26 नवंबर को इसकी जांच सीबीआई से करवाने के आदेश दिए थे।
उत्तराखंड सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने याचिका को खारिज करने का आदेश दिया।
इस घोटाले की जांच में उद्यान विभाग के तत्कालीन निदेशक हरविंदर सिंह बावेजा और रानीखेत से भाजपा विधायक प्रमोद नैनवाल के नाम सामने आने की जानकारी मिलने के बाद राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के सीबीआई जांच के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।  इस घोटाले के पूरे मामले को ‘पर्वतजन’ ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। मामले में सामाजिक कार्यकर्ता और किसान दीपक करगेती प्रतिवादी थे। करगेती ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की जानकारी देकर कहा कि सरकार की अपील खारिज कर दी गई है।

हिमाचल से प्रतिनियुक्ति पर लाए थे निदेशक
वर्ष 2021 में उत्तराखंड सरकार ने पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश से 1 वर्ष की प्रतिनियुक्ति पर डॉक्टर हरविंदर सिंह बवेजा को उत्तराखंड में बतौर उद्यान निदेशक तैनात किया था। इसके बाद डॉक्टर हरविंदर सिंह बवेजा ने प्रदेश के उद्यानों में जमकर लूट- खसोट करी थी।

रानीखेत विधायक पर भी है आरोप
उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग में करोड़ों रुपए के इस घोटाले की सीबीआई जांच में फंसे रानीखेत से भाजपा विधायक डॉक्टर प्रमोद नैनवाल ने गरीब कास्तकारों, राजस्व विभाग सहित वन विभाग की सैकड़ो नाली भूमि हड़प कर ली थी। इस जमीन पर विधायक द्वारा मनमाने तरीके से बगीचे स्थापित किए गए थे। अब इस मामले में तत्कालीन निदेशक बवेजा, भाजपा विधायक सहित अन्य आरोपी सीबीआई की रडार पर हैं और सुप्रीम कोर्ट द्वारा सरकार की याचिका खारिज हो जाने से आरोपियों पर तलवार लटकना तय है।

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