उत्तराखंडस्वास्थ्य

बिकरस्टाफ ब्रेनस्टेम एन्सेफलाइटिस जैसी दुर्लभ बीमारी से डॉक्टरों से बच्चे को दिलाई मुक्ति

यह बीमारी इतनी जटिल होती है कि रोगी की मांसपेशियां काम करना बंद कर देती हैं और श्वास लेने की क्षमता भी प्रभावित हो जाती है।

बीमारी से जूझ रहा था चार साल का बच्चा, दिया नया जीवन

श्रीनगर गढ़वाल। बेस अस्पताल श्रीनगर के डॉक्टरों ने दुर्लभ बीमारी से जूझ रहे चार साल के बच्चे को नया जीवन भी दिया। रुद्रप्रयाग की रहने वाले चार साल की बच्चे को बिकरस्टाफ ब्रेनस्टेम एन्सेफलाइटिस बीमारी से पीड़ित थी। यह बीमारी इतनी जटिल होती है कि रोगी की मांसपेशियां काम करना बंद कर देती हैं और श्वास लेने की क्षमता भी प्रभावित हो जाती है। जिससे मृत्यु का खतरा अत्यधिक बढ़ जाता है।
डॉक्टरों ने बताया कि बीमारी की शुरुआत बुखार से हुई, जिसके बाद बच्चे ने धीरे-धीरे बोलना और लोगों को पहचानना बंद कर दिया। हालात बिगड़ने पर वह कोमा में चला गया और पूरे शरीर में लकवे का असर हो गया था। यहां तक कि बच्चा खुद सांस भी नहीं ले पा रहा था। परिजन ने बच्चे को तत्काल रुद्रप्रयाग जिला चिकित्सालय से रेफर कर बेस अस्पताल श्रीनगर में भर्ती कराया।
अस्पताल पहुंचते ही विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने गहन जांच कर उपचार शुरू किया। बच्चे की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे पांच दिनों तक वेंटिलेटर पर रखा गया। लगातार निगरानी, गहन देखभाल और आधुनिक चिकित्सा पद्धति के परिणामस्वरूप धीरे-धीरे सुधार शुरू हुआ। करीब एक माह चार दिन तक चले उपचार के बाद अब बच्चा न केवल खुद सांस ले पा रहा है, बल्कि हाथ-पैर हिलाने लगा है। इसके अलावा बच्चा खुद खाना खा रहा है और पैरों की ताकत भी लौट रही है।
बच्चे के पिता करनैल सिंह ने भावुक होते हुए कहा कि डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ ने उनके मासूम बेटे को नई जिंदगी दी है। सरकार की आयुष्मान योजना के तहत उन्हें निः‘शुल्क इलाज मिला है। इसके लिए वे प्रदेश सरकार और चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ। धन सिंह रावत का आभार व्यक्त करते हैं।
इस कठिन उपचार में बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. सीएम शर्मा, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अंकिता गिरी, डॉ. ज्ञान प्रकाश, डॉ. पवन, डॉ. ज्योति, डॉ. धीरज सहित नर्सिंग स्टाफ की विशेष भूमिका रही।
बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ। सीएम शर्मा ने बताया कि बिकरस्टाफ ब्रेनस्टेम एन्सेफलाइटिस एक दुर्लभ और गंभीर बीमारी है। इसमें रोगी की मांसपेशियां काम करना बंद कर देती हैं और सांस लेना भी कठिन हो जाता है। ऐसी स्थिति में तुरंत गहन देखभाल और विशेषज्ञ उपचार अत्यंत जरूरी है। उनकी टीम ने समय रहते सही उपचार शुरू किया, जिसके परिणामस्वरूप बच्चा अब सामान्य जीवन की ओर लौट रहा है। यह हम सभी के लिए प्रेरणादायी है।
मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने कह कि उनके अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ ने टीम भावना और समर्पण से काम किया। बिकरस्टाफ ब्रेनस्टेम एन्सेफलाइटिस जैसी जटिल बीमारी में जीवनदान मिलना उनकी संस्थान की बड़ी उपलब्धि है। यह उनके डॉक्टरों की दक्षता और अस्पताल की आधुनिक सुविधाओं का प्रमाण है। मरीजों को बेहतर उपचार और हरसंभव सहयोग देना ही हमारी प्राथमिकता है।
बिकरस्टाफ ब्रेनस्टेम एन्सेफलाइटिस के बारे में जानिएरू बिकरस्टाफ ब्रेनस्टेम एन्सेफलाइटिस (बीबीई) एक दुर्लभ ऑटोइम्यून बीमारी है, जो आमतौर पर किसी संक्रमण के बाद होता है। बीबीई एक तरह से मरीज के केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (ब्मदजतंस दमतअवने ेलेजमउ) को सीधे प्रभावित करती है। इसके लक्षणों की बात की जाए तो उसमें आंखों की मांसपेशियों में लकवा (ऑप्थाल्मोप्लेजिया) और तालमेल की कमी (अटैक्सिया) शामिल हैं।

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