
जगह-जहग रास्ते में फंस रहे तीर्थयात्री
केदारनाथ हाईवे के मुनकटिया में पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर गिरे
केदारनाथ धाम जाने वाले श्रद्धालुओं को सोनप्रयाग में ही रोका गया
रुद्रप्रयाग। पहाड़ों में रविवार रात से लगातार भारी बारिश जारी है। बारिश के कारण अलकनंदा और मंदाकिनी नदी विकराल रूप धारण करके बह रही है। बदरीनाथ और केदारनाथ हाईवे पर भी जगह-जगह बोल्डर व मलबा गिर रहा है, जिस कारण चारधाम यात्रियों को भी परेशानियां हो रही हैं।
केदारनाथ हाईवे के मुनकटिया में पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर आने से मार्ग बंद हो गया था। इससे केदारनाथ धाम जाने वाले श्रद्धालुओं को सोनप्रयाग में ही रोका गया। कड़ी मशक्कत के बाद मार्ग को पैदल यात्रियों और शटल के लिए खोला गया। वहीं बदरीनाथ हाईवे सिरोबगड़ में बंद पड़ा था। इसे भी युद्ध स्तर पर काम करके खोला गया है। राजमार्गों को खोलने को लेकर एनएच विभाग की मशीनें जुटी रहीं। बारिश इसी प्रकार होती रही तो दिक्कतें अधिक बढ़ सकती हैं।
मौसम विभाग ने दो दिन तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है और बारिश के अलावा भूस्खलन की चेतावनी भी जारी की है। पहाड़ों में मौसम विभाग की भविष्यवाणी सच साबित होती दिखाई दे रही है और लगातार कल रात से बारिश जारी है। केदारनाथ धाम सहित रुद्रप्रयाग जनपद में बारिश के कारण हालात अस्तव्यस्त हैं। लगातार हो रही बारिश के कारण अलकनंदा व मंदाकिनी नदी उफान पर बह रही हैं। रुद्रप्रयाग स्थित संगम स्थल का निचला हिस्सा भी पूरी तरीके से जलमग्न हो गया है।
मौसम विभाग ने दो दिन तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है और बारिश के अलावा भूस्खलन की चेतावनी भी जारी की है। पहाड़ों में मौसम विभाग की भविष्यवाणी सच साबित होती दिखाई दे रही है और लगातार बीती रात से बारिश जारी है। केदारनाथ धाम सहित रुद्रप्रयाग जनपद में बारिश के कारण हालात अस्तव्यस्त हैं। लगातार हो रही बारिश के कारण अलकनंदा व मंदाकिनी नदी उफान पर बह रही हैं। रुद्रप्रयाग स्थित संगम स्थल का निचला हिस्सा भी पूरी तरीके से जलमग्न हो गया है।
आपदा से 143 भवनों को नुकसान, दो राष्ट्रीय राजमार्ग व 50 सड़कें बंद
देहरादूनं। राज्य में आपदा से 143 भवनों को नुकसान हो चुका है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून के बाद से 133 मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। आठ मकानों को गंभीर नुकसान पहुंचा और दो मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। इसके अलावा आपदा के कारण 21 लोगों की जान जा चुकी है और 11 घायल हुए। नौ लोग लापता है।
प्रदेश में बारिश के बाद जगह-जगह मलबा आने से दो राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 50 सड़कें बंद हो गई हैं। इससे स्थानीय लोगों के साथ ही चारधाम आने वाले तीर्थयात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक देहरादून जिले में लखवाड़ बैंड के पास किलोमीटर 26 में मलबा आने से विकासनगर-कालसी-बड़कोट राष्ट्रीय राजमार्ग में वाहनों की आवाजाही बंद है। जिले में तीन ग्रामीण सड़के भी बंद हैं। इसके अलावा उत्तरकाशी जिले में ऋषिकेश-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग औजरी में बंद है। इस जिले में एक राज्यमार्ग और 11 ग्रामीण सड़के भी बंद हैं। रुद्रप्रयाग जिले में तीन ग्रामीण मार्ग, नैनीताल जिले में काठगोदाम-हैडाखान राज्यमार्ग, चमोली जिले में 13 ग्रामीण मार्ग, पिथौरागढ़ में सात, बागेश्वर में चार, पौड़ी में तीन और टिहरी जिले में दो ग्रामीण सड़के बंद हैं।