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आईएएस बृजेश कुमार संत के मामले पर हाईकोर्ट में सुनवाई

जबकि नियमावली यह कहती है कि एसटीए का चैयरमेन वह व्यक्ति होगा जिसका उसमें उसका कोई हित न हो।

कोर्ट ने नोटिस जारी कर सरकार से मांगा जवाब
देहरादून। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार ने आईएएस बृजेश कुमार संत को कई विभागों का कार्यभार दिए जाने के मामले में दायर उत्तराखंड टैक्सी मैक्सी महासंघ की याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने आईएएस बृजेश कुमार संत को नोटिस जारी कर राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने को कहा है।
मामले के अनुसार टैक्सी मैक्सी महासंघ की तरफ से कहा गया है कि एक आईएएस को राज्य सरकार ने छह विभागों का कार्यभार दिया गया है। इसकी वजह से उनके कार्य समय पर नहीं हो पा रहे हैं और उनकी समस्याओं का समाधान भी नहीं हो पा रहा है।
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने आईएएस बृजेश कुमार संत को दो विभाग खनन के और तीन विभाग ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के दिए है, जिसमें ट्रांसपोर्ट सेकेट्री, ट्रांसपोर्ट कमिश्नर, चैयरमेन एसटीए (राज्य परिवहन प्राधिकरण) व रोडवेज डिपार्टमेंट का वित्तीय सलाहकार की जिम्मेदारी दी गयी है। जबकि नियमावली यह कहती है कि एसटीए का चैयरमेन वह व्यक्ति होगा जिसका उसमें उसका कोई हित न हो। इसलिए उनकी जगह किसी अन्य अधिकारी को इस विभाग की जिम्मेदारी दी जाय, ताकि उनके कार्य समय पर हो सके।

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