वायुसेना का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, 10 हुए एयरलिफ्ट
एसडीआरएफ उत्तराखंड पुलिस की दो टीमें हुईं रवाना
बुधवार सुबह पांच और ट्रेकर्स की मौत की खबर आई
देहरादून। सहस्त्रताल की ट्रेकिंग पर गया 22 सदस्यों वाले एक ट्रेकिंग दल के 9 सदस्यों की खराब मौसम के कारण मृत्यु होने की सूचना मिली है। बाकी सदस्यों के इस उच्च हिमालयी ट्रेक रूट में फंसने की सूचना थी। प्रशासन ने घटना की सूचना मिलते ही फंसे ट्रेकर्स को निकालने के लिए बुधवार सुबह टीम भेजी और वायु सेना ने भी रेस्क्यू ऑपरेशन में भाग लिया। फिलहाल 9 लोगों की मौत की खबर है। एसपी अर्पण यदुवंशी ने इसकी पुष्टि की है। वहीं, 10 ट्रेकर्स को एयरलिफ्ट कर देहरादून भेजा गया है, जबकि 3 स्थानीय वहीं फंसे हैं।
जिलाधिकारी ने फंसे ट्रेकर्स और मृतकों के शवों को निकालने के लिए वायु सेना के माध्यम से हेली रेस्क्यू अभियान संचालित करने के लिये भी अनुरोध किया था। वायुसेना ने आज लापता ट्रेकर्स की तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। जिला प्रशासन के अनुरोध पर वायु सेना के दो चेतक हेलीकॉप्टर अभियान में लगाए गए। इसके साथ जिलाधिकारी ने इस घटना के संबंध में राज्य के सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत सिन्हा सहित अन्य उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराया।
उत्तरकाशी जिले के डीएम डॉ। मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि, सहस्त्रताल के ट्रेकिंग रूट पर फंसे ट्रेकर्स को रेस्क्यू करने के लिए एसडीआरएफ और वन विभाग के रेस्क्यू दल अलग-अलग दिशाओं से घटनास्थल के लिए रवाना हो चुके हैं। वन विभाग की दस सदस्यों की रेकी और रेस्क्यू टीम सिल्ला गांव से आगे निकल चुकी है। जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से एसडीआएफ का दल भी बुधवार 5 जून को तड़के टिहरी जिले के बूढ़ाकेदार की तरफ से रेस्क्यू की कार्रवाई शुरू करने के लिए रवाना हो चुका है।
हिमालयन व्यू ट्रेकिंग एजेंसी, मनेरी के द्वारा मल्ला-सिल्ला-कुशकल्याण-सहस्त्
इसी दौरान मंगलवार 4 जून को अंतिम शिविर से सहस्त्रताल पहुंचने के दौरान मौसम खराब होने से यह दल रास्ता भटक गया। ट्रेकिंग एजेंसी ने खोजबीन करने पर इस दल के चार सदस्यों की मृत्यु होने की सूचना दी। मंगलवार को ट्रेक में 13 सदस्यों के फंसे होने की जानकारी सामने आई। घटना की जानकारी पर बुधवार 5 जून सुबह सेनानायक एसडीआरएफ मणिकांत मिश्रा के निर्देशानुसार एसडीआरएफ की 2 हाई एल्टीट्यूड रेस्क्यू टीमों को घटनास्थल पर रवाना किया गया। देहरादून से 3 सदस्यीय टीम को हेली के माध्यम से रेस्क्यू के लिए भेजा गया। एक टीम को आवश्यक उपकरणों के बैकअप में रखा गया है। इसी बीच सुबह पांच और ट्रेकर्स की मौत की खबर आई। इस तरह ट्रेकिंग दल के 9 सदस्यों की मौत की खबर है। एसपी उत्तरकाशी ने इस खबर की पुष्टि की है।
ट्रेकर एजेंसी के भगवत सेमवाल ने बताया कि करीब साढ़े 14 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित सहस्त्रताल पहुंचने के लिए भटवाड़ी ब्लाक के सोरा गांव से 45 किमी की लंबा सफर पैदल तय करना पड़ता है। इसके साथ ही इस ट्रेक के लिए मौसम आजकल अनुकूल रहता है। लेकिन जब हाइट पर पहुंचते हैं तो वहां पर तेज हवा के साथ ही धुंध फैल जाती है। इस कारण ट्रेकर रास्ता भटक जाते हैं। इसी कारण इस ट्रेकर दल के सदस्य भी रास्ता भटक गए होंगे।
हेलीकॉप्टर से की जा रही एरियल रेकी
देहरादून। इस रेस्क्यू अभियान के समन्वय में जुटे पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि एसडीआरएफ की माउंटेनियरिंग टीम भी देहरादून से हेलीकॉप्टर से एरियल रेकी के रवाना होने वाली है। जिला अस्पताल उत्तरकाशी और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भटवाड़ी को अलर्ट मोड पर रखा गया है। आईटीबीपी मातली से भी 14 रेस्क्यूअर्स और एक डॉक्टर की टीम भी रवाना हो गई है। एनआईएम से भी बैक अप टीम रवाना की जा रही है। प्राप्त सूचना के अनुसार वायुसेना की हेली सर्च एवं रेस्क्यू टीम अभियान में शामिल होने के लिए जल्द रवाना हो सकती है।
रेस्क्यू अभियान को लेकर जिले का आपदा कंट्रोल रूम मंगलवार शाम से ही निरंतर सक्रिय है। कंट्रोल रूम को मिली जानकारी के अनुसार टिहरी जिला प्रशासन द्वारा भी हेली रेस्क्यू हेतु अरदंगी हेलीपैड को अलर्ट मोड पर रखा गया है। यहां पर एम्बुलेंस टीम, लोनिवि और पुलिस की टीम तैनात की गई है। खोज व बचाव के लिए जनपद टिहरी से भी वन विभाग, एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय लोगों की टीम रवाना की जा रही है। ये टीम घनसाली के पिंस्वाड से पैदल रवाना होगी।
10 ट्रेकर्स हुए रेस्क्यू
देहरादून। सहस्त्रताल में फंसे 10 ट्रेकर्स को रेस्क्यू कर लिया गया है। इनमें सौम्या कनाले (पत्नी विवेक उम्र 37), विनय (पुत्र कृष्णमूर्ति उम्र 47), एस शिवा ज्योति, अनिल जमतीगे, भारत बोम्मना गौडर, सुधाकर (पुत्र बीएस नायडू उम्र 64 वर्ष), स्मृति डोलस (वाइफ गुरु राज उम्र 40 वर्ष), शीना लक्ष्मी (उम्र 48 वर्ष), मधु किरण रेड्डी, जयप्रकाश बी एस समेत 10 ट्रेकर शामिल हैं।