अल्मोड़ा की सोमेश्वर विधानसभा सीट के स्यूनरोट के जंगल में हुआ भीषण हादसा
तेज हवाओं के कारण जंगल की आग ने धारण किया विकराल रूप
घायल महिलाएं 90 प्रतिशत तक आग में झुलसी
अल्मोड़ा। जिले की सोमेश्वर विधानसभा सीट के स्यूनराकोट के जंगल में भीषण आग लगी हुई है। तेज हवाओं के कारण जंगल की आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। वनाग्नि गांव की सीमा की ओर बढ़ने लगी। इस बीच जंगल में लीसा निकालने का काम कर रहे चार लीसा श्रमिक आग की लपटों के बीच में फंस गए।
आग बुझाने का प्रयास करते करते हुए एक श्रमिक आग की भीषण लपटों की चपेट में आ गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। तीन लीसा श्रमिक गंभीर रूप से झुलस गए हैं। इन श्रमिकों को उपचार के लिए अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के बेस परिसर में भर्ती कराया गया है। अल्मोड़ा के अस्पताल में इलाज के दौरान एक और श्रमिक ने दम तोड़ दिया। लीसा श्रमिकों के वनाग्नि की चपेट में आने से इलाके में हड़कंप मचा हुआ है।
प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पंत के पैतृक गांव स्यूनराकोट के जंगल में अचानक आग लग गई। आग ने कुछ ही देर में विकराल रूप धारण कर लिया। वनाग्नि की इस घटना के दौरान जंगल में लीसा निकालने का काम कर रहे चार नेपाली श्रमिक आग की लपटों के बीच में फंस गए। चारों ने आग को बुझाने का काफी प्रयास किया, लेकिन भीषण लपटों के बीच वह आग से अपने आप को बचाने में नाकामयाब साबित हुए। वनाग्नि की इस घटना में दीपक बहादुर नाम के नेपाली श्रमिक की दर्दनाक मौत हो गई है। तीन अन्य श्रमिक ज्ञानेश, तारा और पूजा गंभीर रूप से झुलस गए।
आनन फानन में ग्रामीणों की मदद से घायलों को जंगल से बाहर निकाला गया। मौके पर मौजूद लीसा ठेकेदार और पूर्व प्रमुख रमेश भाकुनी ने बताया कि हादसे की सूचना प्रशासन समेत इमरजेंसी सेवा 108 एंबुलेंस को दी गई। लेकिन सूचना के चार घंटे बाद भी एबुलेंस मौके पर नहीं पहुंची। इस कारण घायलों को स्थानीय वाहनों से उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया। बेस अस्पताल के सीएमएस डॉ अशोक ने बताया कि अस्पताल में आग से झुलसे हुए तीन लोगों को लाया गया है। ये लोग करीब 90 प्रतिशत से अधिक जल चुके हैं। इनका प्राथमिक उपचार किया जा रहा है। अस्पताल में बर्न वार्ड नहीं है। इलाज के दौरान एक लीसा श्रमिक ज्ञानेश ने भी दम तोड़ दिया। तारा और पूजा को प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर हल्द्वानी भेजा गया है।
अचानक हुए हादसे वन विभाग में मचा हडकंप
अल्मोड़ा। अस्पताल में पहुंची पुलिस के एसआई कृष्ण कुमार बताया कि बेस अस्पताल से इस घटना की सूचना दी गई थी कि तीन लोग यहां जली हुई स्थिति में लाए गए हैं। जानकारी मिली है कि जंगल की आग की चपेट में चार लोग आए थे जिनमें से एक श्रमिक की मौके पर ही मौत हो गई। तीन श्रमिकों का बेस अस्पताल में उपचार किया जा रहा है। इधर अचानक हुए इस हादसे के बाद वन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
रुद्रप्रयाग में वनाग्नि में जला 39 हेक्टेयर जंगल
रुद्रप्रयाग। जनपद के जंगलों में लगातार आग धधक रही है। आग लगने के कारण आसमान में धुंध छाई हुई है। जंगलों में लगी आग विकराल रूप लेती जा रही है। अभी तक रुद्रप्रयाग जनपद में 52 वनाग्नि की घटनाएं सामने आ चुकी हैं और करीब 39 हेक्टेयर वन भूमि जलकर राख हो गई हैं। वन विभाग की ओर से आग पर काबू पाने के प्रयास तो किये जा रहे हैं, लेकिन आग पर काबू नहीं पाया जा रहा है। रुद्रप्रयाग के जंगल लगातार आग की चपेट में आते जा रहे हैं। वनों में लगी आग के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लगातार वनाग्नि की घटनाएं बढ़ रही हैं। वन विभाग भी आग पर काबू पाने में विफल हो रहा है। आग लगने से प्राकृतिक वन संपदा जलकर राख हो रही है। रुद्रप्रयाग जनपद के भीतर 39 हेक्टेयर वन भूमि जलकर स्वाहा हो गई है। पूरे जनपद में वनाग्नि की अलग-अलग स्थानों पर 52 घटनाएं हुई हैं। वन विभाग ने आग लगाने वाले तीन लोगों को भी मौके से गिरफ्तार किया है। जिले के हरियाली वैली में तीन दिनों से आग लगी हुई है।
बागेश्वर में मंदिर में लगी आग
बागेश्वर। बागेश्वर शामा तहसील के लाथी गांव में वनाग्नि से क्षेत्र का सबसे पुराना बंजैंण मंदिर जलकर राख हो गया है। इस घटना में मंदिर में रखे सारे बर्तन जलकर राख हो गए हैं। इसके अलावा करीब सात तोला सोना भी आग की भेंट चढ़ गया। ग्रामीणों बताया कि इस अग्निकांड में दस लाख रुपये का नुकसान हुआ है। ग्रामीणों ने प्रशासन से इसकी भरपाई की मांग की है।