गजरौला। मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के मास्टर प्लान की ड्राइंग तैयार हो रही है। विभाग ने पुरानी फाइलों को निकालकर सत्यापन करने का कार्य भी शुरू कर दिया है। ताकि उन्हें सबसे पहले अनुमति दी जाएं। अब बिना नक्शे के कोई भी निर्माण कार्य नहीं हो सकेगा।
वर्ष 1997 में गजरौला नगर एमडीए के आधीन आया। लेकिन, यहां पर मास्टर प्लान नहीं बना था। वर्ष 2019 में इसके लिए प्रयास किया गया और मुख्यमंत्री ने इसे स्वीकृति प्रदान की। छह मार्च 2024 को गजरौला महायोजना 2031 की अधिसूचना जारी होने के बाद इसमें गजरौला नगर पालिका समेत धनौरा तहसील के 13 व हसनपुर तहसील के 09 गांवों को शामिल किया गया था।
एमडीए को 100 करोड़ के निवेश का अनुमान
इस योजना के अंतर्गत नगर गजरौला सहित 22 गांवो के 52 वर्ग किमी के एरिया जोड़ा गया है। यहां पर एमडीए नई टाउनशिप भी विकसित करेगा। लगभग 1672 करोड़ रुपये की योजनाओं से सड़कें, नाला निर्माण, बिजली, पानी समेत तमाम आवश्यक सुविधाओं पर काम किया जाएगा। शहर में नई रिंग रोड भी बनाई जाएगी।
इन सभी कार्यों की एक ड्राइंग तैयार हो रही है। जिसमें पूरे कामकाज का नक्शा बना होगा। कहां सड़कें बनेंगी। रिंगरोड कौन-कौन से गांवों को जोड़ेगी इत्यादि काम होंगे। खास बात यह भी है कि अगले 10 वर्षों में एमडीए को 1000 करोड़ के निवेश का अनुमान है। जिसमें 500 करोड़ नक्शा आदि शुल्क व 500 करोड़ रुपये प्राधिकरण व कोलोनिनाइजेर के द्वारा निवेश किया जाएगा।
50 से अधिक पुरानी फाइल, सत्यापन के बाद मिलेगी स्वीकृति
मास्टर प्लान जारी नहीं होने की वजह से एमडीए में शहर की लगभग 50 फाइलें पुरानी रूकी हुई हैं। जिन्हें स्वीकृति नहीं मिल पा रही थी। लेकिन, अब मास्टर प्लान जारी होने के बाद विभाग ने उन फाइल का सत्यापन करना मौके की स्थिति को देखने का कार्य शुरू कर दिया है। क्योंकि पहले उन्हीं फाइलों को स्वीकृति देने की प्लानिंग है।
मास्टर प्लान की ड्राइंग तैयार हो रही है। जिसमें मास्टर प्लान के प्रत्येक कार्यों को दर्शाया गया है। उधर, पुरानी फाइलों का सत्यापन भी शुरू कर दिया गया है। ड्राइंग स्वीकृत होने के बाद नक्शे पास होने का कार्य भी शुरू हो जाएगा। फिर निर्माण करने में कोई परेशानी नहीं आएगी।