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अग्नि हादसे के शिकार परिवार से मिलीं हरसिमरत कौर, दो सगी बहनों की मौत पर जताया दुख; सरकार से की ये अपील

वहीं इस घटना के चलते दो सगी बहनों की मौत हो गई। इस हादसे के बाद पीड़ित परिवार से मिलने पहुंची हरसिमरत कौर ने दोनों सगी बहनों की मौत पर दुख जताया। सरकार से पुल को चौड़ा करने की भी मांग की।

बठिंडा। बठिंडा से लोकसभा उम्मीदवार और तीन बार की सांसद हरसिमरत कौर बादल आज बठिंडा की उड़िया कॉलोनी में पहुंची, उन्होंने अग्नि हादसे के शिकार हुए परिवारों के साथ दुख साझा किया। इस दौरान उन्होंने दो बच्चों की इस हादसे में हुई मौत के मामले में भी परिवार से मुलाकात करके उनका ढांढस बंधाया।

इस दौरान हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि पीड़ित परिवारों को शिरोमणी अकाली दल द्वारा प्रत्येक तरह की मदद दी जाएगी, वहीं उन्होंने मौजूदा भगवंत मान सरकार पर भी तंज कसा और कहा कि केजरीवाल पर पैसे बर्बाद करने वाले भगवंत मान को पंजाबियों की कोई चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि भगवंत मान सरकार को चाहिए कि वह जल्द से जल्द उक्त परिवारों की आर्थिक सहायता करे, ताकि यह परिवार इस हादसे से उभर सकें।

विधायक की जारी मदद धनराशि बेहद कम- हरसिमरत कौर

हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि बठिंडा शहर के विधायक द्वारा पीड़ित परिवारों को 25-25 हजार रुपए देने का ऐलान किया गया है, जो की बहुत कम राशि है और इस राशि से तो तिरपाल भी नहीं खरीदी जा सकती। उन्होंने कहा कि गत दिवस हुए इस भयानक हादसे में 10 घर जो झुग्गी के रूप में बने हुए थे, जलकर नष्ट हो गए और घरेलू सामान भी खाक हो गया, ऐसे में 25-25 हजार रुपए देने का ऐलान शर्मनाक है।

सरकार पर हरसिमरत कौर ने साधा निशाना

हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि सरकार के पास पैसों की कोई कमी नहीं होती और सरकार को अब तक उक्त परिवारों की सुध ले लेनी चाहिए थी। बीबा बादल ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि उड़िया कॉलोनी को जाने वाला पुल सकरा है, जिस पर से फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी नहीं निकल सकती और उक्त इलाके के निवासियों द्वारा पुल को चौड़ा करने की मांग भी उठाई गई थी, लेकिन बदलाव वाली सरकार द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया।

पुल चौड़ा होता तो बच जाती बच्चियों की जिंदगी

उन्होंने कहा कि 20-50 लाख रुपए से तैयार होने वाले इस पुल को अगर चौड़ा कर दिया जाता, तो शायद दो बच्चियों की जिंदगियां बचाई जा सकती थीं, परंतु इस निकम्मी सरकार ने सिर्फ केजरीवाल की खुशी के लिए ही पैसे खर्च करने मुनासिब समझ रखे हैं, जो कर्ज लेकर केजरीवाल को हवाई यात्राएं करवाते रहे हैं और अब जब केजरीवाल जेल में बैठा है तो उसके लिए धरना प्रदर्शन करने जैसे ड्रामे करके पैसे बर्बाद किए जा रहे हैं, जिससे यह तो साफ है कि मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी बचाने के लिए अपने आका का हुक्म बजा रहा है।

कैसे हुआ था हादसा?

सरहिंद नहर के किनारे बसी उड़िया कालोनी में मंगलवार की सुबह करीब साढ़े पांच बजे करीब 10 झुग्गियों में भयानक आग लग गई। इस आगजनी में दो सगी बहनों की जलकर मौत हो गई, जिनकी पहचान राधा कुमारी (5) और मीरा कुमारी (4) के तौर पर हुई। जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसका इलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा है।

जानकारी के अनुसार, एक झुग्गी में महिला खाना बना रही थी। सुबह के समय तेज हवा के कारण खुले स्थान में बनी झुग्गियों के कारण चूल्हे की चिंगारी उड़कर सरकंडों व घास-फूस से बनी झुग्गी को आग लग गई। यह आग देखते ही देखते साथ लगती करीब 10 झुग्गियों तक फैल गई। आग लगने के कारण झुागियों में पड़े करीब तीन गैस सिलेंडर फट गए और आग और बढ़ गई। जिस झुग्गी में आग लगी उसके परिजनों ने शोर मचाते हुए अन्य लोगों को जगाने की कोशिश की।

आग की चपेट में आ गई दो सगी बहनें

इस दौरान एक झुग्गी में सो रहे चार बच्चों को मौके से बाहर निकाल लिया था, लेकिन बच्चे डर से इतना सहम गए कि वह आग बुझाने में जुटे परिवार की नजर ओझल होकर साथ बनी एक अन्य झुग्गी में जाकर छिप गए। इस दौरान उस झुग्गी में भी आग लग गई व इसमें दो बच्चे व एक व्यक्ति झुलस गए। इसमें दो सगी बहनों आग की चपेट में आकर बुरी तरह से जुलस गई, जिन्हें उपचार के लिए सहारा जनसेवा की टीम ने सिविल अस्पताल बठिंडा में भर्ती करवाया गया, जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृतक घोषित कर दिया।

मृतक के पिता रविंदर शाह के मुताबिक वह अपने परिवार के सदस्यों को भी आग से बाहर निकालने लगा, लेकिन उनकी दोनों बेटियों राधा और मीरा उन्हें नहीं मिल रही थी। बाद में पता चला कि राधा और मीरा बचने के लिए दूसरी झुग्गी में छिप गई हैं। वहां पड़े सिलेंडर में विस्फोट होने से वे बुरी तरह झुलस गए।

संकरी गलियों के कारण नहीं पहुंच सकी एंबुलेंस

नुकसान रोकने के लिए फायर बिग्रड की गाड़ियों को मौके पर बुलाया गया और गाड़ियां समय पर भी पहुंच गई, लेकिन जिस जगह पर आग लगी थी वो काफी सकुचित इलाका है और वहां जाने के लिए एकमात्र रास्ता नहर पर बनी तीन फीट की पुली है, जहां से फायर बिग्रेड की गाड़ियां अंदर दाखिल नहीं हो सकती थी।

इस स्थिति में फायर ब्रिगेड की गाड़ियों के लिए विकल्प की तलाश करने में काफी समय खराब हुआ। वहीं बाद में करीब दो हजार मीटर लंबी पानी की पाइप लगाकर आग बुझाने का प्रयास किया गया, लेकिन तब तक काफी माली नुकसान हो चुका था। करीब आधे घंटे की मश्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।

राजनीतिक दलों व प्रशासन ने कही आर्थिक सहायता देने की बात

हादसे के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता व जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। हादसे के संबंध में जानकारी लेने के लिए प्रभावित परिवार के सदस्यों से भी मिले। उन्होंने प्रभावित परिवार को आर्थिक सहायता देने की बात कही। वहीं, बठिंडा शहरी क्षेत्र के विधायक जगरूप सिंह गिल ने भी मौके पर पहुंचकर प्रभावित परिवार से बात कर मृतक बच्चों के प्रति संवोदना व्यक्त की।

उक्त घटना प्रशासन की अनदेखी व लापरवाही का परिणाम : सोनू महेश्वरी

दूसरी तरफ इस घटना के बाद समाजसेवी संस्था नौजवान वेलफेयर सोसायटी के प्रधान सोनू महेश्वरी ने जिला प्रशासन की कारगुजारी पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि उक्त घटना प्रशासन की अनदेखी व लापरवाही का नतीजा है। उन्होंने बताया कि उड़िया कालोनी में जिला प्रशासन की तरफ से एक कालोनी का निर्माण किया जा रहा था।

वहीं, साल 2021 में उन्होंने जिला प्रशासन को इस पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था उड़िया कालोनी में सैकड़ों गरीब परिवार रह रहे हैं और उनकी कालोनी में अगर किसी समय कोई अनहोनी घटना घटित होती है, तो उक्त स्थान तक जाने के लिए किसी तरह का विकल्पिक रास्ता नहीं है, जिससे मौके पर एबुलेंस व फायर बिग्रेड की गाड़ियां नहीं जा सकती है, जिससे बड़ा जानी व माली नुकसान हो सकता है।

तब इस संबंध में जिला प्रशासन ने शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया, बल्कि 7 मार्च 2023 को डीसी दफ्तर की तरफ से कहा गया कि उक्त स्थान पर इस तरह की कोई समस्या नहीं है, बल्कि समुचित रास्ता है। अगर जिला प्रशासन ने इस चेतावनी व शिकायत पर गौर कर मौके पर जाकर सही स्थिति का पता लगाया होता तो विकल्प के तौर पर बनी पुली को चौड़ी कर फायर ब्रिगेड व एंबुलेस के लिए रास्ता बनाया होता तो आज यह घटना नहीं होती। शायद दो बच्चियों को भी अपनी जान न गंवानी पड़ती। उन्होंने मामले में निष्पक्ष जांच करवाने व इस लापरवाही के लिए जिम्मेवार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग भी की है।

पीड़ित परिवारों को रैन बसेरे में किया जाएगा शिफ्ट: निगम कमिश्नर

निगम कमिश्नर राहुल ने बताया कि उड़िया कालोनी में करीब 194 परिवार रहते है, जिसमें 51 परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्के मकान बनाकर दिए जा चुके, जबकि बाकी परिवारों को भी पक्का मकान देने के लिए योजना पर काम चल रहा है, जिन्हें भी पक्के मकान बनाकर दिए जाएंगे।

मंगलवार को हुए हादसे में 10 कच्चे मकानों को नुकसान हुआ। इन पीड़ित परिवारों को निगम के रैन बसेरे मे शिफ्ट किया जाएगा, ताकि वह वहां पर रह सके। जबकि शहर की विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं द्वारा पीड़ित परिवारों के लिए लंगर और खाने-पाने की व्यवस्था की गई।

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