यूथशिक्षासामाजिक

सोशल मीडिया से दूर रहकर टॉपर लिस्ट में बनाई जगह, प्रेरणादायी है रश्मि की सफलता की कहानी

मेवाराम के तीन बच्चे हैं। 2 पुत्री और एक पुत्र सबसे बड़ी पुत्री अंकिता गंगवार डिबना पुर में पंचायत सहायक है। उससे छोटा पुत्र सौरभ गंगवार दिव्यांग है रश्मि गंगवार सबसे छोटी है।

बरेली। यूपी बोर्ड के बारहवीं और दसवीं के परिणाम घोषित हो गए हैं। बरेली की रश्मि गंगवार ने अपनी सफलता का परचम लहराया है। रश्मि गंगवार की सफलता का श्रेय उन्हीं को जाता है। पांच महीने पढ़ाई से ब्रेक लगने के बाद भी उन्होंने बोर्ड में सफलता प्राप्त की।

सेंथल से कुछ दूरी पर स्थित श्रीमती श्यामवती कन्या इंटर कॉलेज कचनेरा की छात्रा रश्मि गंगवार ने उत्तर प्रदेश में छठा स्थान, जबकि जिले में पहला स्थान प्राप्त कर एक नयी इबारत लिखी। जब परिणाम आया तो प्रदेश में विद्यालय की छात्रा रश्मि गंगवार का छठे स्थान पर नाम देखकर स्टाफ की खुशी का ठिकाना न रहा।

हासिल किए 97.50 प्रतिशत

रश्मि गंगवार ने 97.50 प्रतिशत अंक हासिल किए जबकि विद्यालय की एक अन्य छात्रा हिमांशी गंगवार पुत्री दीन दयाल की जिले में 10वी रैंक है। उसने 92.83 अंक अर्जित किये हैं।

एलआईसी एजेंट हैं पिता

प्रदेश में छठा स्थान प्राप्त करने वाली रश्मि गंगवार ग्राम डांडिया बाबूराम में रहती है। पिता मेवा राम एलआईसी एजेंट हैं और खेती करते है। मेवाराम की पत्नि राजकुमारी गृहणी है। मेवाराम के तीन बच्चे हैं। 2 पुत्री और एक पुत्र सबसे बड़ी पुत्री अंकिता गंगवार डिबना पुर में पंचायत सहायक है। उससे छोटा पुत्र सौरभ गंगवार दिव्यांग है रश्मि गंगवार सबसे छोटी है।

सुबह 4.30 बजे उठना है रूटीन

रश्मि ने बताया कि वह 8 से 9 घन्टे तक रोज़ पढ़ती थी। परिवार का पूरा सहयोग रहता था। रोज सुबह 4.30 बजे उठना उसके रूटीन में शामिल था। उसने बताया कि घर मे सिर्फ पिता के पास ही मोबाइल है। जब भी कोई बात करनी होती है पिता से मोबाइल लेती। सोशल मीडिया में कोई रुचि नहीं हैं उन्हें केवल अपनी शिक्षा पर ध्यान है।

डॉक्टर बनना है रश्मि का सपना

रश्मि कहती है कि वह डॉक्टर बन लोगों की सेवा करना चाहती है। वो बताती है कि क्रकेट में थोड़ी रुचि है। वह केवल क्रिकेट मैच देखना पसंद करती है और विराट कोहली फेवरेट खिलाड़ी हैं। उन्हें फिल्मों में कोई खास रुचि नहीं है। अभिनेताओं में वरुण धवन फिर भी फेवरेट है।

हादसे के चलते पांच माह नहीं पढ़ सकी

रश्मि कक्षा 9 में थीं। स्कूल से साइकिल से अपने घर जा रही थी तभी बाइक ने उन्हें टक्कर मार दी। जिससे वह गम्भीर रूप से चोटिल हो गईं। तीन माह रश्मि अस्पताल में भर्ती रही उसके जबड़े की सर्जरी हुई। इसके चलते कक्षा 9 में आधा वर्ष उसकी पढ़ाई बाधित रही लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और कठिन परिश्रम कर इसकी भरपाई की।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button