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बसपा ने इस सीट पर कर दिया गेम, मायावती के फैसले ने बदला मुकाबले का आयाम

इससे पहले भाजपा वर्तमान सांसद राजेश वर्मा और कांग्रेस पूर्व विधायक राकेश राठौर को प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। महेंद्र के चुनाव मैदान में उतरने से अब मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।

सीतापुर। भाजपा, कांग्रेस के बाद आखिरकार बहुजन समाज पार्टी ने भी प्रत्याशी की घोषणा कर दी है। पार्टी ने पूर्व विधायक महेंद्र सिंह यादव को मैदान में उतारा है। इससे पहले भाजपा वर्तमान सांसद राजेश वर्मा और कांग्रेस पूर्व विधायक राकेश राठौर को प्रत्याशी घोषित कर चुकी है।

महेंद्र के चुनाव मैदान में उतरने से अब मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। महेंद्र को उम्मीदवार बनाए को पार्टी की सपा के परंपरागत वोट बैंक में सेंध लगाने के साथ ही भाजपा के कुछ मतों को अपने पाले में लाने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

कौन हैं बसपा प्रत्याशी महेन्द्र सिंह यादव?

मूल रूप से हरदोई के रहने वाले महेंद्र वर्ष 2017 में भाजपा के टिकट पर बिसवां से विधायक चुने गए थे। वर्ष 2022 में उन्होंने दावेदारी की थी, लेकिन टिकट नहीं मिल सका था। इस बार लोकसभा चुनाव के लिए भी वह भाजपा से दावेदार थे, लेकिन टिकट राजेश वर्मा को मिल गया। इसके बाद से वह बसपा से टिकट के लिए प्रयास कर रहे थे।

टिकट में देरी की ‘जागरण’ ने प्रकाशित की थी खबर

जिले में बसपा की जमीन मजबूत रही है। 1989 से 2019 तक हुए आठ चुनावों में तीन बार बसपा को यहां से जीत मिली है। इसके अलावा पार्टी के प्रत्याशी तीन बार दूसरे, दो बार तीसरे और एक बार चौथे स्थान पर रहे हैं।

इसके बाद भी पार्टी की ओर से प्रत्याशी की घोषणा नहीं की गई थी। जागरण ने 18 अप्रैल के अंक में ‘मजबूत जमीन पर बसपा नहीं तय कर पा रही प्रत्याशी’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। इसके बाद शुक्रवार को पार्टी की ओर से महेंद्र सिंह यादव को उम्मीदवार घोषित कर दिया गया है।

बसपा को तीन बार मिल चुकी है जीत

पार्टी गठन के बाद से अब तक हुए नौ चुनावों में से बसपा को 1999 व 2004 में पार्टी के राजेश वर्मा व 2009 में सफलता मिली है। पार्टी प्रत्याशी 1998, 2014 व 2019 में दूसरे, 1989 व 1996 में तीसरे और 1991 में चौथे स्थान पर रहे हैं।

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