देहरादून। उत्तराखंड में लोकसभा की पांच सीटें हैं। जिन पर पहले चरण यानि 19 अप्रैल को मतदान होगा। इन पांच सीटों पर बीजेपी ने कैंडिडेट घोषित कर दिये हैं। बीजेपी ने पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट से पूर्व राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी को टिकट दिया। टिहरी से बीजेपी ने राजपरिवार का बहू माला राज्यलक्ष्मी शाह पर भरोसा जताया है। राज्यलक्ष्मी शाह तीन बार टिहरी लोकसभा सीट से चुनाव जीत चुकी है।
हरिद्वार लोकसभा सीट से बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को चुनावी समर में उतारा है। नैनीताल उधम सिंह नगर सीट पर केद्रीय मंत्री अजय भट्ट पर भाजपा ने फिर से भरोसा जताया है। अल्मोड़ा पिथौरागढ़ लोकसभा सीट से बीजेपी ने अजय टम्टा को टिकट दिया है. अजय टम्टा 2014 और 2019 में इसी सीट से सांसद चुके जा चुके हैं।
कांग्रेस ने अभी तीन सीटों पर प्रत्याशी घोषित किये हैं। इसमें पौड़ी गढ़वाल से पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल चुनावी मैदान में हैं। टिहरी से कांग्रेस ने जोत सिंह गुनसोला को टिकट दिया है। अल्मोड़ा पिथौरागढ़ सीट पर कांग्रेस ने फिर से प्रदीप टम्टा पर भरोसा जताया है। कांग्रेस ने हरिद्वार और नैनीताल लोकसभा सीट पर कैंडिडेट की घोषणा नहीं की है।
बता दें साल 2019 में सात चरणों में लोकसभा चुनाव हुये थे। जिसमें उत्तराखंड में 11 अप्रैल को वोटिंग हुई थी. साल 2019 लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड में 64.0 प्रतिशत वोटिंग हुई। इस साल पाचों सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी। साल 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 61.01 प्रतिशत वोट मिले थे। कांग्रेस को 31.40 प्रतिशत वोट मिले थे। साल 2019 में उत्तराखंड में 75,62,830 मतदाता थे। जिसमें से 48,42,925 मतदाताओं ने वोट डाले। इस साल 18 दलों ने लोकसभा चुनाव में हिस्सा लिया।
वहीं, साल 2014 की बात करें तो इन लोकसभा चुनावों में 71,29,939 मतदाता थे। जिनमें से 43,91,890 मतदाताओं ने वोट दिया। साल 2014 में उत्तराखंड में 61.6 प्रतिशत मतदान हुआ। साल 2014 में भी बीजेपी ने पांचों सीटों पर जीत हासिल की थी। इस साल बीजेपी को 55.9 फीसदी वोट मिले. कांग्रेस को 34.4 फीसदी वोट मिले. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड के 26 दलों ने हिस्सा लिया।
प्रचार को लेकर चुनाव आयोग ने दी गई हिदायत
जाति-धर्म के नाम पर वोट न मांगे
प्रचार में बच्चों का इस्तेमाल न किया जाए
प्रचार मुद्दों पर आधारित होना चाहिए
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फेक न्यूज फैलाने वालों पर कार्रवाई होगी
राजनीतिक दल मर्यादा बनाए रखें
मनी और मसल पावर का इस्तेमाल न करें