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मूल निवास होता तो हल्द्वानी की अप्रिय घटना न होतीः डिमरी

मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति की पत्रकार वार्ता

मजबूत भू कानून से बचेगी जमीन और संस्कृतिः बुद्धिबल्लभ
18 फरवरी को कोटद्वार में होगी मूल निवास स्वाभिमान महारैली
रुद्रप्रयाग। हल्द्वानी में हुई घटना को लेकर ‘मूल निवास, भू- कानून समन्वय संघर्ष समिति’ ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है। समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि अगर प्रदेश में मजबूत भूमि कानून और मूल निवास लागू होता तो इस तरह की अप्रिय घटना नहीं होती। उन्होंने हल्द्वानी की घटना की कड़ी भर्त्सना करते हुए कहा कि देवभूमि की पहचान शांति की रही है। इस घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और दंगाइयों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
रुद्रप्रयाग में आयोजित पत्रकार वार्ता में डिमरी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जिन बाहरी तत्वों को प्रदेश की शांति के लिए खतरा बताते हैं और जिनके खिलाफ सख्त एक्शन लेने की बात करते हैं उन बाहरी तत्वों की पहचान वह कैसे करेंगे ? उन्होंने कहा कि मूल निवास और मजबूत भूमि कानून किसी भी बाहरी तत्व के खिलाफ सबसे असरदार हथियार है। डिमरी ने कहा कि सत्ताधारी भाजपा हल्द्वानी के बहाने ध्रुवीकरण की कोशिश कर रही है, जिससे मूल निवास और भू-कानून जैसे मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाया जा सके।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में न केवल हल्द्वानी बल्कि तमाम दूसरे इलाकों में भी अवैध अतिक्रमण मौजूद हैं, जिनके खिलाफ सरकार बुलडोजर चलाने की बात कहती है, लेकिन असल समाधान बुलडोजर नहीं बल्कि मजबूत भू-कानून है। डिमरी ने कहा कि सरकार को चाहिए कि प्रदेश में मजबूत भू-कानून सख्ती से लागू कर समस्त भूमि का ब्यौरा जुटाए और उसके आधार पर आगे की कार्यवाही करे।
डिमरी ने कहा कि धामी सरकार हल्द्वानी के मुद्दे पर मूल निवास और भू कानून के नजरिए से सोचने के बजाय सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का एजेंडा चला रही है, ताकि 2024 की चुनावी नैया पार हो सके। पहाड़ के लोगों के साथ भेदभाव कर रही है। अतिक्रमण के बहाने पहाड़ी क्षेत्रों में कई लोगों की दुकानें और मकान तोड़े गए, वहीं देहरादून में बसी अवैध बस्तियों को हटाने के बजाय उन्हें राहत देते हुए रातों-रात अध्यादेश लाया गया। सरकार के दोहरे चरित्र को जनता समझने लगी है। उन्होंने यह भी कहा कि 18 फरवरी को कोटद्वार में मूल निवास स्वाभिमान महारैली निकाली जाएगी।
यूकेडी जिलाध्यक्ष बुद्धिबल्लभ ममगाई, केंदीय मंत्री जितार सिंह जगवाण, समिति के कोर मेंबर प्रांजल नौडियाल ने कहा कि उत्तराखंड की अस्मिता तभी बचेगी, जब मूल निवास और मजबूत भू कानून लागू होगा। अभी हल्द्वानी में इस तरह की घटना हुई, आगे भी ऐसी घटनाओं की संभावना बनी रहेगी। डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद मूल निवास 1950 लागू न होना भाजपा सरकार को सवालों के घेरे में लाती है। सरकार जनता की हितैषी है तो विधानसभा में मूल निवास 1950 का विधेयक पारित करे। मूल निवास न होना सभी समस्याओं की जड़ है। आज बाहर के लोग हमारे संसाधनों को लूट रहे हैं। इसके लिए राष्ट्रीय दलों की नीतियां जिम्मेदार हैं।

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