खौफनाक! प्रेमी के साथ मिलकर पति को उतारा मौत के घाट, ब्यास नदी में फेंका शव; ऐसे हुआ खुलासा
हत्या करने के बाद पत्नी ने शव को ब्यास नदी में फेंक दिया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने सुखदीप कौर प्रेमी हरजिंदर सिंह गुरलीन सिंह व अर्शदीप सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
फिरोजपुर। गांव जीरा में अवैध संबंधों में रोड़ा बने पति की महिला ने ही अपने प्रेमी के साथ मिलकर गला घोंटकर हत्या कर डाली। उसने शव को पत्थरों व लोहे की जंजीरों से बांधकर ब्यास में बहा दिया।
पुलिस को उलझाने के लिए उसने छह दिन गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई कि पति माता वैष्णो देवी गया था और लापता हो गया। हालांकि, मोबाइल फोन की लोकेशन और कॉल डिटेल ने सारा राज खोल दिया।
पुलिस ने चार लोगों को किया अरेस्ट
पुलिस ने हत्या के आरोप में 33 वर्षीय सुखदीप कौर व उसके प्रेमी हरजिंदर सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। अभी तक मृतक मंजीत सिंह का शव बरामद नहीं कर सकी है। एसएसपी सौम्या मिश्रा ने बताया कि जीरा निवासी सुखदीप कौर ने थाना जीरा में 12 जून को गुमशुदगी रिपोर्ट में बताया था कि उसका पति मंजीत सिंह माता वैष्णो देवी की यात्रा पर गया था।
10 जून के बाद से उसका फोन स्विच ऑफ है। पुलिस की जांच में मंजीत के फोन की लोकेशन माता वैष्णो देवी मार्ग में नहीं मली। सुखदीप कौर के मोबाइल से पता चला कि छह जून तक दोनों साथ थे। पुलिस ने मंजीत के भाई गुरसेवक सिंह को बुलाया तो अवैध संबंधों का मामला सामने आया।
पति को सैर के बहाने ले गई पत्नी
सख्ती से पूछताछ में सुखदीप ने स्वीकारा कि उसने ही प्रेमी हरजिंदर सिंह निवासी गांव गंडीविंड (तरनतारन) व गुरलीन सिंह उर्फ मोटा निवासी मोहनपुर तरनतारन, अर्शदीप सिंह निवासी गांव सरहाली (तरनतारन), जगजीवन सिंह व हरदीप सिंह उर्फ हैप्पी सिंह निवासी गंडीविंड (तरनतारन) के साथ पति की हत्या की थी।
सुखदीप छह जून की रात को पति को सैर के बहाने अपने साथ जीरा ले गई। वहां गला घोंट दिया। पुलिस ने सुखदीप कौर, प्रेमी हरजिंदर सिंह, गुरलीन सिंह व अर्शदीप सिंह को गिरफ्तार कर लिया। जगजीवन व हरदीप उर्फ हैप्पी की तलाश है।
शादी से पहले से थे प्रेम संबंध
हरजिंदर के साथ सुखदीप के विवाह से पहले से संबंध थे। पति जब बाधा बनने लगा तो उन्होंने उसे रास्ते से हटाने का षड्यंत्र रचा। मंजीत डीजे का काम करता था। उसके पास करीब 14 लाख रुपये थे। उसने हाल में जमीन भी बेची थी, जिसका भी लाखों रुपया आया था। सुखदीप ने सोचा सारा पैसा भी उसे मिल जाएगा।