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उत्तराखंड में शीत लहर मचा रही कहर

25 दिसंबर की प्रेस रिलीज में भी पुष्टि की गई है कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से 26-28 दिसंबर तक उत्तर भारत में शीत लहर का दौर जारी रहेगा, जिसमें उत्तराखंड प्रमुख रूप से प्रभावित होगा।

मौसम विभाग ने जारी किया छह जिलों में ऑरेंज अलर्ट
मैदानी क्षेत्रों में घना कोहरा और पर्वतीय क्षेत्रों बर्फबारी की चेतावनी
शीत लहर के कारण तापमान में आ सकती है गिरावट

देहरादून। सर्दी का सितम उत्तराखंड में तेज हो गया है। मौसम विभाग ने आज राज्य के देहरादून, हरिद्वार, ऊधम सिंह नगर, चंपावत, नैनीताल और पौड़ी गढ़वाल समेत छह जिलों में ‘शीत दिवस जैसी स्थिति’ के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। घना कोहरा मैदानी इलाकों में छाया रहेगा, जबकि पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी और बारिश की संभावना से तापमान में भारी गिरावट दर्ज होने की आशंका है। यह स्थिति 25 से 27 दिसंबर तक बनी रहने का पूर्वानुमान है, जिससे दैनिक जीवन पर गहरा असर पड़ सकता है।
मौसम विज्ञान केंद्र, देहरादून के अनुसार, शुक्रवार को राज्य के मैदानी भागों में न्यूनतम तापमान 4-6 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क सकता है, जबकि अधिकतम तापमान सामान्य से 4-5 डिग्री नीचे रहने की संभावना है। पर्वतीय जिलों जैसे उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी का दौर जारी रह सकता है, जो जनजीवन को और चुनौतीपूर्ण बना देगा। अमर उजाला के देहरादून संस्करण के पहले पेज पर प्रकाशित सिंगल कालम समाचार में इसकी विस्तृत जानकारी दी गई है, जिसमें स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि कोहरे के कारण दृश्यता 50 मीटर से भी कम हो सकती है, जिससे सड़क हादसों का खतरा बढ़ जाएगा।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) की 24 दिसंबर की प्रेस रिलीज के मुताबिक, उत्तराखंड में 24 से 26 दिसंबर तक कुछ स्थानों पर ‘कोल्ड डे टू सीवियर कोल्ड डे’ की स्थिति बनी रहेगी। यह स्थिति न्यूनतम और अधिकतम तापमान दोनों में सामान्य से काफी नीचे रहने को दर्शाती है। 25 दिसंबर की प्रेस रिलीज में भी पुष्टि की गई है कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से 26-28 दिसंबर तक उत्तर भारत में शीत लहर का दौर जारी रहेगा, जिसमें उत्तराखंड प्रमुख रूप से प्रभावित होगा।
आईएमडी के विस्तारित रेंज पूर्वानुमान के अनुसार, 26 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में समान शीत लहर की स्थिति बनी रहेगी, जबकि 30 और 31 दिसंबर को यह फिर से तेज हो सकती है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में बताया गया है कि 25 और 26 दिसंबर को उत्तराखंड में कोल्ड डे टू सीवियर कोल्ड डे की स्थिति का सामना करना पड़ेगा, जो बिहार और झारखंड जैसे पड़ोसी राज्यों को भी प्रभावित करेगी। इसके अलावा, 20 दिसंबर की मौसम चेतावनी में उल्लेख किया गया था कि 25-26 दिसंबर के आसपास एक मजबूत पश्चिमी विक्षोभ आने से पहाड़ी इलाकों में भारी बर्फबारी हो सकती है।

ठंड से प्रभावित क्षेत्र और संभावित खतरे
देहरादून। ऑरेंज अलर्ट वाले छह जिलों में देहरादून सबसे अधिक प्रभावित होने की संभावना है, जहां सुबह से ही घना कोहरा छाया हुआ है। अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, कोहरे ने जमीनी तापमान को पहले ही कम कर दिया है, और आज पूरे दिन यह स्थिति बनी रहेगी। पौड़ी और नैनीताल जैसे पर्वतीय जिलों में ऊंचाई वाले भागों में हल्की बारिश के साथ बर्फबारी की चेतावनी है, जो सड़क मार्गों को अवरुद्ध कर सकती है। हरिद्वार और ऊधम सिंह नगर में यमुना और गंगा के किनारे बसे इलाकों में कोहरा नदियों के कारण और गहरा हो सकता है। इस शीत लहर से किसान, मजदूर वर्ग और बुजुर्ग सबसे अधिक प्रभावित होंगे। स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टियां पहले से ही चल रही हैं, लेकिन यात्रा करने वालों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर भारत में कोहरा और शीत लहर से नई साल की यात्राओं पर असर पड़ेगा, जिसमें दिल्ली-एनसीआर से उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को परेशानी हो सकती है। ईकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, दिल्ली में भी 24-26 दिसंबर तक समान स्थिति बनी रहेगी, जो उत्तराखंड की समस्या को और बढ़ा सकती है।

मौसम विभाग की प्रशासन को तैयारी की सलाह
उत्तराखंड सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट जारी कर दिया है। आपदा प्रबंधन विभाग ने हेल्पलाइन नंबर (1070) सक्रिय कर दिए हैं, और सड़क परिवहन विभाग ने धीमी गति वाली वाहनों के लिए चेतावनी जारी की है। आईएमडी ने यात्रियों को सलाह दी है कि कोहरे में हेडलाइट जलाकर धीरे चलें, और पर्वतीय यात्रा से बचें। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड से बचाव के लिए गर्म कपड़े पहनें, गर्म भोजन लें, और घरों में हीटिंग सिस्टम का सही उपयोग करें। एमएसएन की एक रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि राज्य में पहले ही घना कोहरा और शीत लहर की चेतावनी जारी हो चुकी है, जो सर्दी के मौसम को और कठिन बना रही है।

आगे का पूर्वानुमान
आईएमडी के अनुसार, 27 दिसंबर के बाद शीत लहर में कुछ कमी आ सकती है, लेकिन 30-31 दिसंबर को फिर से तेज होने की संभावना है। जनवरी 2026 के पहले सप्ताह तक कोई बड़ा बदलाव नहीं दिख रहा। राज्यवासी सतर्क रहें, क्योंकि यह सर्दी का सबसे कठोर दौर साबित हो सकता है।

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