उत्तराखंड

बधाणीताल को पर्यटन मानचित्र पर नई पहचान दिलाने की दिशा में बड़ा कदम

सौन्दर्यीकरण कार्यों का शिलान्यास

बधाणीताल को पर्यटन मानचित्र पर नई पहचान दिलाने की दिशा में बड़ा कदम
सौन्दर्यीकरण कार्यों का शिलान्यास
डीएम प्रतीक जैन के प्रयासों से संवर रहा बधाणीताल, पर्यटन विकास को मिलेगी नई गति
स्थानीय सहभागिता के साथ पर्यटन संवर्धन
बधाणीताल विकास कार्यों का भव्य शुभारंभ
रुद्र्र्रप्रयाग। राज्य सेक्टर के अंतर्गत पर्यटन विकास को लेकर अवस्थापना निर्माण योजना के तहत विकासखण्ड जखोली स्थित बधाणीताल के सौन्दर्यीकरण एवं विकास कार्यों का शिलान्यास कार्यक्रम गरिमामय वातावरण में सम्पन्न हुआ।
जिलाधिकारी प्रतीक जैन, विधायक भरत चौधरी एवं जिपंअ पूनम कठैत ने संयुक्त रूप से विकास कार्यों का विधिवत शिलान्यास किया। कार्यक्रम से पूर्व स्थानीय ग्रामीणों ने जनपद के शीर्ष प्रशासनिक एवं जनप्रतिनिधियों का पारंपरिक ढंग से गर्मजोशी के साथ स्वागत किया।
शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान विधिविधान से पूजा-अर्चना कर विकास कार्यों का शुभारंभ किया गया। प्रस्तावित कार्यों के अंतर्गत ग्लास हाउस, कैफेट एरिया, रैलिंग एवं फुटपाथ, बहुउद्देशीय मंच तथा ताल का सौन्दर्यीकरण किया जाना है, जिससे बधाणीताल को एक आकर्षक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकेगा। इन कार्यों की कार्यदायी संस्था ग्रामीण निर्माण विभाग है। कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी प्रतीक जैन सहित उपस्थित जनप्रतिनिधियों एवं स्थानीय जनमानस ने स्थानीय मातृशक्ति के साथ बढ़ाणीताल की परिक्रमा की। इस अवसर पर धार्मिक आस्था, लोक परंपराओं एवं सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण का संदेश दिया गया। जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने कहा कि बधाणीताल प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण क्षेत्र है और यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। कहा कि जिला प्रशासन का निरंतर प्रयास है कि जनपद के दूरस्थ एवं प्राकृतिक स्थलों को पर्यटन मानचित्र पर सुदृढ़ पहचान दिलाई जाए, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले। उन्होने बधाणीताल के प्राकृतिक सौंदर्य की सराहना करते हुए पर्यटन संवर्धन की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि बधाणीताल क्षेत्र का आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व भी अत्यंत प्राचीन और विशिष्ट है। जिलाधिकारी ने कहा कि पर्यटन विकास के साथ-साथ क्षेत्र की धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को संरक्षित रखना जिला प्रशासन की प्राथमिकता है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता का संदेश देते हुए ताल में मछलियों को दाना भी खिलाया और क्षेत्र को स्वच्छ व संरक्षित बनाए रखने का आह्वान किया। उन्होने कहा कि बधाणीताल को केंद्र में रख कर इस संपूर्ण बांगर क्षेत्र को पर्यटन के मानचित्र पर लाना हमारा लक्ष्य है जिस को लेकर इस क्षेत्र में नए ट्रैकिंग मार्गो को विकसित करने का लक्ष्य है यहां पर होम स्टे आदि से लोगों की आजीविका संवर्धन किया जा रहा है। कहा कि यहां के गांवों के आंतरिक मार्गों को भी सुदृढ करने को लेकर आवश्यक कार्य बजट किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मयाली-बधाणीताल सड़क मार्ग पर भी निरंतर कार्य प्रगति पर है तथा शीघ्र इस सड़क मार्ग को सुचारु किया जाएगा जिससे इस क्षेत्र में आवागमन अधिक सुगम होगा। उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों से संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुना तथा क्षेत्र के समग्र विकास को लेकर विचार-विमर्श किया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी राजेंद्र सिंह रावत, उप जिलाधिकारी जखोली अनिल सिंह रावत, महावीर पंवार, जिला पंचायत सदस्य गयाड़ू लाल, अधिशासी अभियंता ग्रामीण निर्माण विभाग मीनल गुलाटी, जिला पर्यटन विकास अधिकारी राहुल चौबे सहित बड़ी संख्या में स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीणजन उपस्थित थे।

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