दिसम्बर आधा माह गुजरने के बाद भी केदारनाथ धाम बर्फ विहीन
धाम में पेयजल और बिजली लाइन का अंडर ग्राउंड कार्य चल रहा है, जबकि सीमेंट वर्क नहीं हो पा रहे हैं। धाम में डेढ़ सौ के करीब मजदूर कार्य कर रहे हैं।

धाम में चल रहा पेयजल व बिजली का अंडर ग्राउंड लाइन बिछाने का कार्य
पुराने रामबाड़ा-गरूड़चट्टी मार्ग को भी किया जा रहा दुरूस्त
रुद्रप्रयाग। दिसम्बर आधा माह से अधिक समय गुजर चुका है, लेकिन केदारनाथ धाम बर्फ विहीन है। धाम में नवम्बर के बाद बर्फ नहीं गिरी है। ऐसे में धाम में लगातार निर्माण कार्य भी चल रहे हैं। धाम में डेढ सौ के करीब मजदूर मौजूद हैं, जो कोरी ठंड का सामना कर 5-6 घंटे ही कार्य कर पा रहे हैं। हालांकि धाम में ठंड के कारण सीमेंट से होने वाले कार्य नहीं हो पा रहे हैं।
दिसम्बर माह का तीसरा सप्ताह शुरू होने के बाद भी केदारनाथ धाम में बर्फबारी नहीं हुई है। पिछले वर्षों तक धाम में इन दिनों तक पांच फिट से अधिक बर्फ गिर जाती थी और सभी कार्य बंद हो जाते थे, लेकिन धाम में अभी तक बर्फ नहीं गिरी है। आखिरी बर्फबारी धाम में पिछले महीने बीस नवम्बर को हुई थी। दिसम्बर माह का आधा से अधिक समय गुजर चुका है, लेकिन अभी तक धाम में बर्फ नहीं गिरी है। जिस कारण धाम में द्वितीय चरण के पुनर्निर्माण कार्य लगातार जारी हैं। केदारनाथ धाम सहित धाम की चोटियों पर भी बर्फ नहीं दिखाई दे रही है। कपाट बंद होने के बाद से धाम में लगातार मजदूरों की आवाजाही बनी हुई है। केदारनाथ में बर्फबारी नहीं होने से मजदूरों को कोरी ठंड का सामना करना पड़ रहा है। धाम में सुबह दस बजे बाद धूप आ रही है तो दोपहर बाद धूप गायब हो रही है, जिस कारण मजदूर 5 से 6 घंटें ही कार्य कर पा रहे हैं। लोनिवि गुप्तकाशी के अधिशासी अभियंता राजविंद सिंह ने बताया कि केदारनाथ धाम में तापमान रात के समय माइनस दस डिग्री जा रहा है, जिस कारण मजदूरों को भी दिक्कतें हो रही है। धाम में पेयजल और बिजली लाइन का अंडर ग्राउंड कार्य चल रहा है, जबकि सीमेंट वर्क नहीं हो पा रहे हैं। धाम में डेढ़ सौ के करीब मजदूर कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा वर्ष 2013 की आपदा में ध्वस्त हुए रामबाड़ा-गरूड़चट्टी पैदल मार्ग के पुनर्निर्माण कार्य भी जारी है। यहां करीब 80 श्रमिक लगे हुए हैं। पैदल मार्ग पर रैलिंग का कार्य चल रहा है। आगामी 2026 की यात्रा में तीर्थयात्रियों को पुराने मार्ग से भी आवागमन करने में आसानी होगी, जिससे पैदल मार्ग पर श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
आपदा के बोल्डरों से खूबसूरत दिख रही केदारपुरी
विशालकाय पत्थरों में उकेरी गई हैं गौ माता, देवी-देवताओं के साथ पशु-पक्षियों की तस्वीरें
रुद्रप्रयाग। चौराबाड़ी से आई आपदा में केदापुरी में बड़े-बड़े विशालकाय बोल्डर भी आए, जिनका उपयोग आज कलाकृतियों को बनाने में किया जा रहा है। धाम में बोल्डरों पर मंदिर, गौ माता, भगवान गणेश, शंकर, विष्णु, लक्ष्मी, सरस्वती, पार्वती, कार्तिकेय, ऋषि मुनियों के चित्र उकेरे जा रहे हैं। इन कलाकृतियों में देवी-देवताओं के विभिन्न आसन दर्शाए गए हैं, जबकि पंच पांडव भी बनाए गए हैं तो पशु-पक्षियों को भी बहुत ही सुंदर तरीके से बनाया गया है, जिन्हें देखकर केदारपुरी की भव्यता और अधिक बढ़ रही है। जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने कहा की नवम्बर के बाद धाम में बर्फ नहीं गिरी है और धाम में लगातार पुनर्निर्माण कार्य जारी हैं। मौसम साफ रहने तक कार्य जारी रहेंगे। उन्होंने बताया कि केदारनाथ मंदिर के पीछे बोल्डरों पर कलाकृतियां की जा रही हैं। भक्त बाबा केदार के दर्शन के बाद केदारपुरी का अवलोकन करते हैं, जिससे उन्हें ये कलाकृतियां प्रभावित कर रही हैं। उन्होंने बताया कि आगामी यात्रा सीजन में बहुत सारे बोल्डरों में तीर्थयात्रियों को कलाकृतियां देखने को मिलेंगी।



