
कड़ाके की ठंड ने बढ़ाई लोगों की टेंशन
प्रदेश में मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा
हरिद्वार और उधम सिंह नगर जिले में कोहरा लगने की संभावना
देहरादून। उत्तराखंड के तराई के क्षेत्रों में ठंड का प्रकोप बढ़ने लगा है। उधम सिंह नगर और नैनीताल जनपद के तराई के क्षेत्रों में कोहरे ने सफेद चादर ओढ़ ली है। जिस कारण विजिबिलिटी न के बराबर है। राष्ट्रीय राजमार्ग में वाहन रेंगते दिखाई दे रहे हैं। जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
मौसम विभाग ने आज उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों में हरिद्वार और उधम सिंह नगर जनपदों के कुछ स्थानों में मध्यम से घना कोहरा छाए रहने की संभावना है। जिसके लिए मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं मौसम विभाग ने प्रदेश के जनपदों में मौसम शुष्क रहने की संभावना जताई है। बात राजधानी देहरादून की करें तो आसमान मुख्यतःसाफ़ रहने की संभावना हैं। अधिकतम तापमान लगभग 24 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।
उत्तराखंड के तराई क्षेत्रों में ठंड का प्रकोप बढ़ने लगा है। उधम सिंह नगर सहित नैनीताल जनपद के कुछ हिस्सों में कोहरे ने सफेद चादर ओढ़ ली है। घने कोहरे के कारण विजिबिलिटी न के बराबर है। आलम ये है कि सड़को पर वाहन रेंगकर चल रहे हैं। ठंड बढ़ने के कारण लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं। नैनीताल जनपद के तराई क्षेत्र लालकुआं में भी ठंड ने दस्तक दे दी है। सीजन का पहला कोहरा लगने से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। घने कोहरे के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग 109 में वाहन रेंगते दिखाई दे रहे हैं। इसके अलावा ट्रेन, हवाई यातायात में भी कोहरा असर डालने लगा है।
आलम ये है कि लोगों को सुबह के आठ बजे बाद भी वाहनों में लाइट जलाकर चलाना पड़ रहा है। रेलवे स्टेशन के बाहर दुकानदारों द्वारा ठंड से बचने के लिए अलाव जलाई गई है। बढ़ती ठंड में राहगीर अलाव का सहारा ले रहे हैं। स्थानीय निवासी दीवान सिंह बिष्ट ने बताया कि सर्दियों के मौसम में आज पहली बार घना कोहरा लगा है। जिस कारण ठंड में इजाफा देखने को मिल रहा है। घने कोहरे के कारण विजिबिलिटी शून्य हो गई है। जिस कारण यातायात पर असर देखने को मिल रहा है। नगर पंचायत लालकुआं क्षेत्र में ठंड से बचने के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं। नगर पंचायत द्वारा पूर्व में ही जगह जगह अलाव की व्यवस्था की गई है। जिस कारण राहगीरों को ठंड में राहत है।
कड़ाके की ठंड से जमे नदी-झरने
उत्तरकाशी। उत्तराखंड में इस समय ठंड का कहर जारी है। उत्तरकाशी के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में तापमान शून्य से काफी नीचे जाने से प्राकृतिक जल स्रोत जम गए हैं। कड़ाके की ठंड से सिर्फ पहाड़ी इलाके ही नहीं, बल्कि मैदानी जिले भी प्रभावित हो रहे हैं। गंगोत्री धाम क्षेत्र से कुछ ऐसी ही तस्वीरें सामने आई हैं, यहां तापमान माइनस 10 डिग्री तक जाने के कारण नदी-नाले और झरने जमने लगे हैं।
शीतकाल में गंगोत्री नेशनल पार्क में अवैध शिकार रोकने और पार्क क्षेत्र में दुर्लभ वन्यजीवों की गतिविधियों की जानकारी के लिए गोमुख समेत केदारताल ट्रैक और नेलांग घाटी में करीब पचास ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। वहीं, धाम समेत अन्य जगहों पर में पानी की आपूर्ति बंद हो गई है। साथ ही वहां लोहे के पाइप फटने के कारण स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बीते कुछ दिनों से हालांकि गंगोत्री धाम में बारिश और बर्फबारी नहीं हुई है। लेकिन गंगोत्री धाम में इन दिनों बिना बारिश और बर्फबारी के भी न्यूनतम तापमान माइनस 1 से 10 डिग्री तक जा रहा है तो वहीं हर्षिल घाटी में दिन में अधिकतम तापमान चार से पांच डिग्री तक रह रहा है। शाम चार बजे के बाद यह माइनस 1 से देर रात्रि तक माइनस 8 डिग्री न्यूनतम जा रहा है। गंगोत्री नेशनल पार्क के कनखू बैरियर इंचार्ज वन दरोगा राजवीर रावत ने बताया कि गंगोत्री धाम में इन दिनों तापमान जीरो डिग्री से नीचे जा रहा है।



