उत्तराखंडदेहरादून

भारतीय सेना को मिले 491 जांबाज सैन्य अफसर, 34 विदेशी कैडेट भी हुए पास आउट

यह कमीशनिंग न केवल भारत के रक्षा नेतृत्व को सुदृढ़ करती है, बल्कि मित्र देशों के साथ दीर्घकालिक सैन्य सहयोग को भी सशक्त बनाती है।

आईएमए की 157वीं पासिंग आउट परेड आयोजित
कैडेट की पीपिंग सेरेमनी व फिर प्रथम पग के साथ सेना में बतौर अफसर हुई एंट्री
थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ली परेड की सलामी
देहरादून। भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) के ऐतिहासिक ड्रिल स्क्वायर में आज 157वीं पासिंग आउट परेड का भव्य आयोजन किया गया। गौरव, परंपरा और सैन्य गरिमा से परिपूर्ण इस अवसर पर अधिकारी कैडेट्स को भारतीय सेना में कमीशन प्रदान किया गया। यह समारोह अकादमी के आदर्श वाक्य “वीरता और विवेक” तथा कैडेट्स के कठोर प्रशिक्षण, अनुशासन और अदम्य साहस का सशक्त प्रतीक रहा। भारतीय सैन्य अकादमी के चेटवुड भवन के ग्राउंड पर ऑफिसर्स कैडेट ने शानदार परेड से सभी का दिल जीत लिया। थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने परेड की सलामी ली। अकादमी की परंपरा के अनुसार पास आउट होने वाले कैडेट्स मैदान पर परेड करते नजर आए। इसके बाद पीपिंग सेरेमनी और फिर प्रथम पग के साथ उनकी सेना में बतौर अफसर एंट्री हो गई।
157वें रेगुलर कोर्स, 46वें टेक्निकल एंट्री स्कीम, 140वें टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स, 55वें स्पेशल कमीशंड ऑफिसर्स कोर्स और टेरिटोरियल आर्मी ऑनलाइन एंट्रेंस एग्ज़ाम 2023 कोर्स के कुल 525 अधिकारी कैडेट्स के साथ-साथ 14 मित्र राष्ट्रों के 34 विदेशी अधिकारी कैडेट्स को कमीशन प्रदान किया गया। यह कमीशनिंग न केवल भारत के रक्षा नेतृत्व को सुदृढ़ करती है, बल्कि मित्र देशों के साथ दीर्घकालिक सैन्य सहयोग को भी सशक्त बनाती है। इस गरिमामय समारोह के साक्षी गर्वित अभिभावक, परिजन, वरिष्ठ सैन्य अधिकारी तथा अनेक विशिष्ट अतिथि बने। परेड का समापन पारंपरिक ‘अंतिम पग’ के साथ हुआ, जब युवा अधिकारी राष्ट्र की संप्रभुता, सम्मान और मूल्यों की रक्षा के संकल्प के साथ आगे बढ़े। 157वें कोर्स के साथ भारतीय सैन्य अकादमी ने एक बार फिर राष्ट्र के लिए साहस, पेशेवर दक्षता और अटूट समर्पण से नेतृत्व करने वाले अधिकारियों के निर्माण की अपनी गौरवशाली परंपरा को सुदृढ़ किया है। इस बार अकादमी से कुल 525 ऑफिसर्स कैडेट्स पास आउट हुए हैं। इनमें भारत के 491 कैडेट्स के साथ-साथ 14 मित्र देशों के 34 विदेशी कैडेट्स भी शामिल हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय सैन्य अकादमी की साख और भरोसे का यह एक और प्रमाण है। हर बैच की तरह यह बैच भी देश सेवा की शपथ के साथ इतिहास रचते हुए अकादमी से विदा लेने जा रहा है।

पीओपी राष्ट्र के प्रति आजीवन कर्तव्य और निस्वार्थ सेवा की शुरूआतः जनरल द्विवेदी
देहरादून। खास बात यह है कि इस बार पासिंग आउट परेड में स्वयं थल सेना अध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी मौजूद रहे। उन्होंने परेड का निरीक्षण किया और कैडेट्स की सलामी स्वीकार की। सेना प्रमुख की मौजूदगी ने इस समारोह को और भी विशेष और गौरवशाली बना दिया। थल सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने परेड की समीक्षा की और नव-नियुक्त अधिकारियों को प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूर्ण करने पर बधाई दी। उन्होंने युवा अधिकारियों के उच्च स्तर के अनुशासन, नेतृत्व क्षमता और सहनशक्ति की प्रशंसा करते हुए उन्हें भारतीय सेना की गौरवशाली परंपराओं का निर्वहन करने तथा निष्ठा, प्रतिबद्धता और सम्मान के साथ राष्ट्र सेवा करने का आह्वान किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि सेना में कमीशन प्राप्त करना केवल प्रशिक्षण की समाप्ति नहीं, बल्कि राष्ट्र के प्रति आजीवन कर्तव्य और निस्वार्थ सेवा की शुरुआत है।

पासिंग आउट पेरड के दौरान सुरक्षा व्यवस्था रही कड़ी
देहरादून। पासिंग आउट परेड को लेकर अकादमी और उसके आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। अकादमी परिसर के भीतर सेना के जवान तैनात किए गए थे, जबकि बाहरी क्षेत्रों में पुलिस बल की भी व्यापक तैनाती की गई। किसी भी तरह की अव्यवस्था से निपटने के लिए सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट रही। परेड के मद्देनजर ट्रैफिक प्लान में भी बदलाव किया गया। प्रेमनगर से आगे अकादमी की ओर जाने वाले मार्ग पर ट्रैफिक डायवर्जन लागू किया गया। बड़ी संख्या में लोग पीओपी देखने पहुंचे थे तो जाम की स्थिति से बचने के लिए प्रशासन ने पहले से ही वैकल्पिक मार्ग तय किए थे।

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