
भालू पित्त और जंगली जानवरों के पांच नाखून मिले
देहरादून। उत्तराखंड एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने दो वन्यजीव तस्करों को विकासनगर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास एसटीएफ को एक भालू पित्त और वन्यजीवों के पांच नाखून मिले हैं।
उत्तराखंड एसटीएफ ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि विकासनगर थाना क्षेत्र से वन्यजीव के अंगो और भालू पित्त की तस्करी हो रही है। इसके बाद एसटीएफ ने इलाके में अपने मुखबीरों को एक्टिव किया और अपने स्तर पर भी मामले की तहकीकात की। एसटीएफ को वन्यजीव तस्करों को गिरफ्तार करने के लिए कई सुराग हाथ लगे। इसके बाद एसटीएफ ने इलाके में अपनी चेकिंग बढ़ाई।
एसटीएफ ने बताया कि विकासनगर से यमुनोत्री जाने वाले रास्ते पर हतीयारी गांव से पहले उन्हें बाइक सवार दो व्यक्ति आते हुए दिखे, जिन्हें उनकी टीम ने रोका। पूछताछ में आरोपियों ने अपना नाम भगवान सिंह रावत और जितेन्द्र सिंह पुंडीर बताया। तलाशी के दौरान भगवान सिंह रावत के पास से भालू की पित्त (वजन 155 ग्राम) जितेन्द्र सिंह पुंडीर के पास जंगली जानवर के पांच नाखून मिले।
भालू पित्त और जंगली जानवरों के अंगों को वन्यजीव जन्तु संरक्षण अधिनियम की पहली अनुसूची में रखा गया है। इसका शिकार करना एक गंभीर अपराध है। पकड़े गए तस्कर के खिलाफ थाना विकासनगर में वन्यजीव अधिनियम (वाइल्ड लाइफ एक्ट) के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है।
एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया कि आरोपियों से फिलाहल पूछताछ की जा रही है। यदि इस मामले में अन्य किसी व्यक्ति की संलिप्तता मिलती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही वन विभाग से भी जानकारी की जा रही है। एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया कि देश में वन्यजीव अंगों की अवैध तस्करी में शामिल तस्करों की अवैध गतिविधियों की रोकथाम और धरपकड़ के लिए डीजीपी दीपम सेठ उत्तराखंड पुलिस ने एसटीएफ को कार्रवाही करने के निर्देश दिए थे, जिसके क्रम में एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर द्वारा अपनी टीमों को स्पष्ट निर्देशित किया गया है कि वन्य जीवों की तस्करी में शामिल प्रत्येक तस्कर की कुंडली तैयार कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाही की जाए।



