उत्तराखंडदेहरादून

उत्तराखंड के विकास की नई उड़ान जनभागीदारी से बदलता उत्तराखंडः धामी

750 करोड़ रुपये की इस परियोजना से न केवल सीमांत क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएँ मज़बूत होंगी, बल्कि युवाओं के लिए नए रोज़गार और शिक्षा के अवसर भी खुलेंगे।

विकास, नवाचार और आधुनिकता के नए युग में प्रवेश कर रही देवभूमि
2024-25 के लिए स्वीकृत विकास परियोजनाएँ संकल्प की ठोस नींव
सिल्वर जुबली वर्ष में विकास में जुड रहीं नई उपलब्धियां
देहरादून। उत्तराखंड की ऊँची चोटियाँ, बहती नदियाँ और हरियाली की चादर हमें हमेशा यह याद दिलाती हैं कि यह धरती केवल भौगोलिक रूप से नहीं, बल्कि संभावनाओं के लिहाज से भी अद्वितीय है। हमारा राज्य आस्था और पर्यटन की राजधानी है, लेकिन इसके साथ ही यह विकास, नवाचार और आधुनिकता के नए युग में प्रवेश कर रहा है।
‘नया उत्तराखंड’ यह सिर्फ़ एक नारा नहीं, बल्कि हमारा साझा सपना है। एक ऐसा सपना, जहाँ हर गाँव सड़क से जुड़ा हो, हर घर में पानी पहुँचे, हर बच्चे को आधुनिक शिक्षा मिले और हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएँ अपने घर के पास उपलब्ध हों। यह यात्रा आसान नहीं थी, लेकिन जब संकल्प मजबूत हो तो पहाड़ भी रास्ता देते हैं। 2024-25 के लिए स्वीकृत विकास परियोजनाएँ इसी संकल्प की ठोस नींव हैं।
उत्तराखंड के विकास की सबसे बड़ी चुनौती रही है कनेक्टिविटी। पहाड़ी राज्य होने के कारण गाँव, कस्बे और शहर कई बार अलग-थलग पड़ जाते हैं। इसी सोच के साथ, हमने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 327 करोड़ रुपये की लागत से नई सड़कों के निर्माण की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। रंबाडादृगरुड़चट्टी फुटपाथ का निर्माण श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। रामगढ़ ब्लॉक, नौगांव-सैयूरी मोटर रोड, और क्वालगाँव-झुमराड़ा सड़क जैसी परियोजनाएँ केवल रास्ते नहीं हैं, ये उन मौकों की पगडंडियाँ हैं जिन पर चलकर उत्तराखंड के गाँव नए सपनों से जुड़ेंगे। छभ्-109 से नई कलेक्टरेट और मेडिकल कॉलेज तक सड़क चौड़ीकरण परियोजना हमारे प्रशासनिक और स्वास्थ्य ढांचे को नई रफ़्तार देगी। जब पहाड़ों पर सड़कें बनती हैं, तो सिर्फ़ दूरी नहीं घटती, बल्कि संभावनाएँ बढ़ती हैं।
उत्तराखंड के हर नागरिक को आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएँ देना हमारा संकल्प है। पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज का निर्माण इसी विज़न का सबसे बड़ा उदाहरण है। 750 करोड़ रुपये की इस परियोजना से न केवल सीमांत क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएँ मज़बूत होंगी, बल्कि युवाओं के लिए नए रोज़गार और शिक्षा के अवसर भी खुलेंगे। 50-बेड के क्रिटिकल केयर ब्लॉक्स, भटवाड़ी पीएचसी का सब-डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में अपग्रेडेशन और सरकारी नर्सिंग इंस्टीट्यूट में आधुनिक सुविधाओं का विकास हमारी प्रतिबद्धता को और भी मज़बूत करते हैं। “उत्तराखंड का कोई भी नागरिक इस भावना के साथ अस्पताल न जाए कि इलाज के लिए उसे राज्य की सीमाओं से बाहर जाना पड़े।”

हर घर तक पानी, हर खेत तक जीवन
पेयजल और सिंचाई हमारी प्राथमिकता रही है। मायापुर पेयजल योजना, नया गांव हाथीबड़कला, एकता विहार पेयजल योजना जैसी योजनाएँ हजारों परिवारों को राहत देने जा रही हैं। 619.66 लाख रुपये की लागत वाली हाथीबड़कला योजना का उद्देश्य है कि पहाड़ों की प्यास बुझाई जा सके और हर घर तक पानी की आपूर्ति हो। इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, हमने जलवायु अनुकूल कृषि प्रशिक्षण शुरू किया है। 200 से अधिक किसानों को आधुनिक तकनीकों, ड्रिप इरिगेशन और फसल विविधीकरण की ट्रेनिंग दी गई है। यह केवल खेती नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर किसान बनाने की दिशा में ठोस कदम है।

संस्कृति और पर्यटन का पुनर्जागरण
उत्तराखंड सिर्फ़ प्राकृतिक सौंदर्य का राज्य नहीं है, यह संस्कृति और आस्था की धरोहर भी है। इसीलिए हमने 13 मॉडल संस्कृत गांवों की स्थापना की योजना बनाई है। इन गांवों में परंपरा, शिक्षा और आधुनिक सुविधाओं का अनोखा संगम होगा। केदारनाथ में रंबाडा-गरुड़चट्टी फुटपाथ श्रद्धालुओं के अनुभव को नया रूप देगा, वहीं हरिद्वार में घाटों का निर्माण और मरम्मत आगामी कुंभ 2027 की तैयारियों का हिस्सा है। नए इको-टूरिज्म जोन पर्यटन के नए अवसर पैदा करेंगे और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार का रास्ता खोलेंगे। उत्तराखंड का भविष्य पर्यटन, आस्था और आधुनिकता के इस संगम में ही है।

सुरक्षा और प्रशासन में नई ऊर्जा
सीमावर्ती राज्य होने के कारण हमारी सुरक्षा और प्रशासनिक संरचना मज़बूत होना ज़रूरी है। इसी सोच के साथ, हमने बनभूलपुरा और बनबसा जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में आधुनिक पुलिस स्टेशन भवनों का निर्माण शुरू किया है। ये भवन तकनीकी दृष्टि से सुसज्जित होंगे, ताकि नागरिकों को तेज़, पारदर्शी और प्रभावी सुरक्षा मिल सके।

विजन 20307 हमारा साझा सपना
हमारा लक्ष्य केवल परियोजनाएँ शुरू करना नहीं है, बल्कि एक समग्र विकास मॉडल तैयार करना है, जो 2030 तक उत्तराखंड को भारत के अग्रणी राज्यों में खड़ा कर सके। हमारे विज़न की मुख्य बातों में स्वास्थ्य सेवाओं की 100ः पहुँच, हर बच्चे तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, युवाओं के लिए तकनीक-आधारित रोजगार, पर्यावरण संरक्षण के साथ संतुलित औद्योगिक विकास, महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और सशक्तिकरण शामिल है।

जनभागीदारी से विकास की यात्रा
यह यात्रा केवल सरकार की नहीं है, बल्कि हम सबकी है। जब जनता का विश्वास सरकार की नीतियों से जुड़ता है, तो विकास की रफ़्तार कई गुना बढ़ जाती है। हमारे हर कदम का उद्देश्य यही है कि उत्तराखंड का हर नागरिक विकास का भागीदार बने, लाभार्थी नहीं। नया उत्तराखंड अब सपना नहीं, हकीकत बन रहा है। हमने पहला कदम उठा लिया है, अब इस सफर में आपका साथ सबसे बड़ी ताकत है। आपका विश्वास, हमारी प्रेरणा है और आपका समर्थन, हमारा संकल्प।

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