आस्था का डिजिटलीकरणः श्री मंदिर ने बगलामुखी धाम ने विश्वभर के भक्तों से जोड़ा
हरिद्वार स्थित बगलामुखी धाम मंदिर और श्री मंदिर ऐप के बीच सहयोग को डेढ़ वर्ष पूरे हो चुके हैं।

आस्था का डिजिटलीकरणः श्री मंदिर ने बगलामुखी धाम ने विश्वभर के भक्तों से जोड़ा
हरिद्वार। हरिद्वार स्थित बगलामुखी धाम मंदिर और श्री मंदिर ऐप के बीच सहयोग को डेढ़ वर्ष पूरे हो चुके हैं। इस अवधि में बगलामुखी धाम ने श्री मंदिर प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपनी उपस्थिति को सशक्त रूप से स्थापित किया है। इसके परिणामस्वरूप न केवल मंदिर की लोकप्रियता और श्रद्धालुओं की संख्या में निरंतर वृद्धि हुई है, बल्कि मंदिर गतिविधियों में भी उल्लेखनीय विस्तार हुआ है।
पहले जहां प्रति माह केवल 5 हज़ार श्रद्धालु बगलामुखी धाम में पूजा करवाते थे, श्री मंदिर ऐप से जुड़ने के बाद यह संख्या लगभग 40 हज़ार हो चुकी है। लगभग 30 प्रतिशत श्रद्धालु, प्रवासी भारतीय हैं, जो श्री मंदिर ऐप के जरिए सीधे बगलामुखी धाम से जुड़ रहे हैं। मंदिर मुख्यतः ज्योतिषीय उपायों, हवन और विशेष पूजाओं के लिए प्रसिद्ध है, जिनसे भक्त अपनी समस्याओं का समाधान पाने आते हैं।
श्री मंदिर के साथ जुड़ने से पहले बगलामुखी धाम की पहुंच सीमित थी, लेकिन अब देश-विदेश के भक्त यहाँ आने लगे हैं। हाल ही में मंदिर के जीर्णाेद्धार के दौरान दशमहाविद्या के अंतर्गत नौ नई मूर्तियों की प्रतिष्ठा की गई, जिसमें श्री मंदिर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मंदिर ट्रस्ट सदस्य नीलांजन रूद्र जी ने बताया कि “श्री मंदिर के साथ जुड़ने के बाद मंदिर की प्रसिद्धि और श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। अब देश-विदेश से भक्त माँ बगलामुखी के दर्शन कर रहे हैं और विशेष पूजाएं संपन्न करवा रहे हैं, जिससे न केवल इस मंदिर की महिमा पूरे विश्व में अखंड रूप से प्रसारित हो रही है, बल्कि विश्वभर के भक्त अब किसी भी कोने से इस मंदिर से जुड़कर अपनी श्रद्धा और आस्था अर्पित कर रहे हैं।
बता दें कि, श्री मंदिर ऐप हिन्दुओं कि आस्था का एक ऐसा ऐप है, जहाँ श्रद्धालु विश्व के किसी भी कोने से भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में पूजा और चढ़ावा जैसी सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं। श्री मंदिर ऐप, मंदिरों को अपने भक्तों से डिजिटली जोड़ने में सहायता करता है जिससे मंदिर आर्थिक रूप से सशक्त बनते हैं और स्थानीय अर्थव्यवस्था भी फलती फूलती है।
श्री मंदिर ऐप न केवल एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, बल्कि यह भारत के मंदिरों के पुनरुत्थान और विकास का एक आंदोलन है। यह मंदिरों को तकनीकी और सामाजिक रूप से सशक्त बनाते हुए भक्तों को वैश्विक स्तर पर जोड़ने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में कार्य कर रहा है।
श्री मंदिर के संस्थापक एवं सीईओ प्रशांत सचान ने कहा, “श्री मंदिर ऐप के माध्यम से लाखों श्रद्धालुओं को मंदिरों से जोड़ना हमारे लिए सेवा है। हमारा संकल्प है कि भारत लाखों करोड़ों भक्त अपने मंदिरों से सहजता से जुड़ सकें। आस्था और तकनीक को जोड़ना हमारे लिए अत्यंत संतोष का कार्य है, क्योंकि इस मंच के माध्यम से भक्त न केवल अपने आराध्य से जुड़े रहते हैं, बल्कि मंदिरों के विकास और स्थानीय समुदायों के उत्थान में भी योगदान दे पाते हैं। बगलामुखी धाम, हरिद्वार इस सकारात्मक परिवर्तन का प्रेरणादायक उदाहरण है। श्री मंदिर आज भारत का अग्रणी भक्ति प्लेटफॉर्म बन चुका है, जो देशभर के सैकड़ों मंदिरों को तकनीक, प्रचार और आर्थिक सशक्तिकरण के माध्यम से जोड़ रहा है। यह ऐप भक्तों को डिजिटल रूप से पूजाएं बुक करने, मंदिरों की जानकारी को देखने और धार्मिक अनुभव को घर बैठे प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।



