उत्तराखंडदेहरादून

पूर्व विधायकों को दी जाने वाले सुविधाओं में की गई कटौती

उन्होंने कहा यह निर्णय न केवल असंवेदनशील है, बल्कि उन जनप्रतिनिधियों के प्रति भी अन्यायपूर्ण है जिन्होंने वर्षों तक जनता की सेवा की है।

शिकायत दर्ज कराने के लिए कई पूर्व विधायक
पूर्व विधायकों की सुविधाओं में कटौती, भड़के जनप्रतिनिधि, मुख्य सचिव से की मुलाकात
देहरादून। पूर्व विधायक संगठन ने आज सचिवालय में दस्तक दी। मुख्य सचिव आनंद वर्धन से मुलाकात के दौरान पूर्व विधायकों ने अपनी सुविधाओं में कटौती पर नाराजगी जाहिर की। पूर्व विधायक संगठन ने फैसले पर पुनर्विचार की गुजारिश की। खास बात यह है कि इसमें भाजपा और कांग्रेस दोनों से जुड़े पूर्व विधायक मौजूद थे।
राज्य सरकार की ओर से पूर्व विधायकों को दी जाने वाली सुविधाओं में की गई कटौती अब जनप्रतिनिधियों के लिए परेशानी बन गई है। पूर्व विधायकों ने इस फैसले पर नाराजगी जताई है। पूर्व विधायकों का कहना है कि सरकार ने बिना किसी ठोस कारण के पहले से मिल रही सुविधाओं में कटौती की है, जो सही नहीं है। इस मुद्दे को लेकर पूर्व विधायकों ने मुख्य सचिव से मुलाकात कर अपना विरोध दर्ज कराया। पूर्व विधायकों ने मुख्य सचिव के सामने कहा कि उन्हें पहले यात्रा भत्ता, महंगाई भत्ता और आवासीय सुविधाओं में कुछ रियायतें दी जाती थीं, जो अब सीमित कर दी गई है। उन्होंने कहा यह निर्णय न केवल असंवेदनशील है, बल्कि उन जनप्रतिनिधियों के प्रति भी अन्यायपूर्ण है जिन्होंने वर्षों तक जनता की सेवा की है।
कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे। वर्तमान में पूर्व विधायक हीरा सिंह बिष्ट ने कहा कि सरकार का यह कदम गलत है। उन्होंने कहा पूर्व विधायकों को जो सुविधाएं पहले मिलती रही हैं, उन्हें जारी रखा जाना चाहिए। यह सम्मान और परंपरा दोनों का मामला है। उन्होंने सरकार से इस निर्णय पर पुनर्विचार की मांग की। इसी दौरान पूर्व विधायक संगठन ने राज्य में बेरोजगारों, उपनल कर्मचारियों और किसानों की समस्याओं का मुद्दा भी मुख्य सचिव के सामने रखा। संगठन ने कहा सरकार को इन वर्गों की समस्याओं पर भी गंभीरता से विचार करना चाहिए।
पूर्व विधायक केदार सिंह रावत ने बताया अब तक पूर्व विधायक और सांसदों को सरकारी अतिथि गृहों में आगंतुक सूची में रखा जाता था। जिससे उन्हें आवास व्यवस्था में प्राथमिकता मिलती थी, लेकिन हालिया आदेश के बाद उन्हें इस सूची से हटा दिया गया है। दिल्ली स्थित उत्तराखंड निवास में जहां वर्तमान विधायकों को ठहरने के लिए 1500 रुपये देने होते हैं, वहीं पूर्व विधायकों के लिए यह राशि 3500 रुपये कर दी गई है। पूर्व विधायकों ने स्पष्ट किया कि वे सुविधाओं के दुरुपयोग के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन जिस तरह से एकतरफा तरीके से रियायतों में कटौती की गई है, वह गलत संदेश देती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार इस पर विचार करते हुए पुराने प्रावधानों को बहाल करेगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button