
वन विभाग ने बढ़ाई गश्त, अब तक लगभग 17 से 18 प्रजाति यहां पहुंची
देहरादून। आसन झील इन दिनों विदेशी पक्षियों से गुलजार है। पक्षियों को निहारने और कैमरे में केद करने के लिए पक्षी प्रेमी भी आसन झील पंहुच रहे हैं। वन विभाग ने भी इनकी सुरक्षा को लेकर गश्त बढ़ा दी है।
चकराता वन प्रभाग के तहत आसन कंजर्वेशन वेटलैंड आसन झील मे विदेशी पक्षियों का आगमन शुरू हो गया है। अक्टूबर महीने में शुरुआती दिनों में साइबेरियन पक्षी आने लगते हैं। इन्हें निहारने पक्षी प्रेमी आसन कंजर्वेशन वेटलैंड आसन झील पंहुच रहे हैं। साथ ही इस दौरान सैलानियों का आगमन भी बढ़ जाता है। रामपुर मंडी स्थित रामसर साइड को प्रवासी पक्षियों के अशियाने के रूप मे जाना जाता है। सर्दी शुरू होते ही ठंडे देश साइबेरिया, रूस, समेत मध्य व दक्षिणी यूरोप, मध्य एशिया और चीन के कुछ हिस्सों से बड़ी संख्या मे प्रवासी पक्षी आसन रामसर साइट पर आने लगते हैं।
अक्टूबर से मार्च तक रंग बिरंगे विदेशी मेहमानों के दीदार का सिलसिला जारी रहता है। यह पक्षी करीब 16000 हजार किलोमीटर की हवाई दूरी तय करके यहां पंहुचते हैं। पक्षियों की चहचाहट करते हुए नजारा देखते ही बनता है। प्रति वर्ष आसन झील में देशी व विदेशी पक्षियों का झुरमुट सुबह की गुनगुनी धूप सेकते हुए देखे जा सकता है। कई पक्षी झील के अंदर डूबकी लगाते भी देखे जा सकते हैं। यह मन मोहक नजारा पक्षी प्रमियों और यात्रियों ,सैलानियों के लिए मन को खुशनुमा बना देता है।
आसन कंजेर्वेशन चकराता वनप्रभाग के वन दरोगा प्रदीप सक्सेना ने बताया आसान कंजर्वेशन मे हर साल अक्टूबर महीने में प्रवासी पक्षियों का आगमन शुरू हो जाता है। जिसमें सुर्खाब आ गई है। लगभग 17 से 18 प्रजाति यहां पर अभी तक पहुंच चुकी हैं। जिनकी संख्या लगभग ढाई हजार के करीब है। इनकी देखरेख और नियमित गश्त की जाती है। प्रवासी पक्षी नवंबर ,दिसंबर तक पांच हजार तक 32 प्रकार की प्रजातियां यहां पर प्रवास के लिए पंहुचती है। उच्चधिकारियों की टीम का गठन किया गया है। प्रक्षिशु सहित गश्त कर रहे हैं।



