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दार्जिलिंग में NDRF ने बरामद किए 11 शव, PM मोदी ने जताया शोक

अपुष्ट सूत्रों के अनुसार मृतकों की संख्या 17 है, जिनमें से ज़्यादातर मिरिक और सुखियापोखरी में हैं। उत्तर बंगाल में रेल संपर्क बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

सिलीगुड़ी। पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग की पहाड़ियों एवं मैदानी इलाकों में भारी बारिश से पुल के ढहने और भूस्खलन की घटनाओं के बाद विभिन्न स्थानों से कम से कम 11 शव बरामद किए गए हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने रविवार को यह जानकारी दी। इस घटना के कारण पहाड़ियों और पड़ोसी सिक्किम का देश के बाकी हिस्सों से संपर्क टूट गया था। अपुष्ट सूत्रों के अनुसार मृतकों की संख्या 17 है, जिनमें से ज़्यादातर मिरिक और सुखियापोखरी में हैं। उत्तर बंगाल में रेल संपर्क बुरी तरह प्रभावित हुआ है। रेल पटरियाँ जलमग्न हो गई हैं, जिसके कारण पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) को अपनी सेवाएं रद्द करनी पड़ी हैं या मार्ग बदलना पड़ा है। पर्यटकों को होटलों में ही रहने और तुरंत बाहर न निकलने के लिए कहा गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दार्जिलिंग में पुल दुर्घटना में हुई जानमाल की हानि पर शोक व्यक्त किया है।

PM मोदी ने ”एक्स” पर एक पोस्ट में कहा, “दार्जिलिंग में एक पुल दुर्घटना में हुई जानमाल की हानि से गहरा दुख हुआ है। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति संवेदना। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना।” उन्होंने आगे कहा , “भारी बारिश और भूस्खलन के मद्देनजर दार्जिलिंग और आसपास के इलाकों की स्थिति पर कड़ी नज़र रखी जा रही है। हम प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह इस बात से बेहद चिंतित हैं कि कल रात कुछ ही घंटों में अचानक हुई भारी बारिश और बाहर से हमारे राज्य में नदी के पानी के अत्यधिक प्रवाह के कारण उत्तर बंगाल और दक्षिण बंगाल दोनों के कई इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। उत्तर बंगाल में 12 घंटों में अचानक 300 मिमी से अधिक बारिश हुई और साथ ही संकोश नदी में पानी का अत्यधिक प्रवाह हुआ और साथ ही भूटान और सिक्किम से नदी का पानी भी बह गया। इससे आपदाएं हुईं।

उन्होंने कहा, “भारी बारिश और नदियों में आई बाढ़ से उत्पन्न स्थिति में हमने अपने कुछ भाइयों और बहनों को खो दिया है, यह जानकर हमें गहरा सदमा और दुख हुआ है। मैं मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करती हूँ और परिवारों को तत्काल सभी प्रकार की सहायता पहुंचाऊंगी।” उन्होंने कहा कि दो लोहे के पुल ढह गए हैं, कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं और बाढ़ आ गई है और दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार जिलों में बड़े पैमाने पर ज़मीन जलमग्न हो गई है। विशेष रूप से मिरिक, दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, जलपाईगुड़ी, माटीगाड़ा और अलीपुरद्वार में चिंताजनक क्षति और नुकसान की खबरें आई हैं। स्थिति पर नज़र रखी जा रही है और उन्होंने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, उत्तर बंगाल के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ वर्चुअल बैठकें कीं। बैठक में गौतम देब और अनित थापा जैसे जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए। इस बीच राज्य सरकार ने पर्यटकों को सलाह दी है कि जब तक पुलिस उन्हें सुरक्षित बाहर नहीं निकाल लेती, वे वहीं रुकें।

ममता बनर्जी ने कहा, “मैं व्यक्तिगत रूप से जानकारी रख रही हूं, निर्देश दे रही हूं और लगातार स्थिति का जायजा ले रही हूं। हमारे अधिकारी और पुलिस सभी प्रभावित लोगों तक हर संभव सहायता पहुंचाएंगे।” राज्य मुख्यालय और जिलों में चौबीस घंटे नियंत्रण कक्ष हैं। नबान्ना आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष का नंबर 91 33 2214 3526 और 91 33 2253 5185 है, जबकि टोल-फ्री नंबर 91 86979 81070 और 1070 हैं।

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