उत्तराखंड

दहन से पहले ही धड़ाम से गिरे रावण-कुंभकरण-मेघनाद के पुतले

गौर हो कि पुतला निर्माण करने के लिए रामपुर से टीम हर साल रुद्रपुर आती है। पुतला बनाने में 3 महीने से ज्यादा का समय लगता है।

रुद्रपुर में मची अफरा-तफरी
रुद्रपुर। उधम सिंह नगर जिले के रुद्रपुर में उस वक्त अफरा-तफरी का माहौल हो गया, जब अचानक से रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले दहन से पहले ही धड़ाम से आ गिरे। जिससे तीनों पुतले क्षतिग्रस्त हो गए। अब आयोजनों की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था करने की बात की जा रही है।
बता दें कि पूरे देश में आज दशहरा या विजयादशमी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस दिन देश के छोटे-बड़े तमाम शहरों में शाम को रावण दहन कार्यक्रम आयोजित होता है। उधम सिंह नगर जिला मुख्यालय रुद्रपुर में भी हर साल रावण, कुंभकरण और मेघनाद का पुतला दहन किया जाता है, लेकिन इस बार पुतला दहन कार्यक्रम में मौसम ने अड़चन डाल दी है।
दरअसल, अचानक आई तेज हवा और बारिश के कारण रुद्रपुर के गांधी पार्क में खड़े किए रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले धराशायी हो गए। पुतलों के नीचे गिरने से क्षतिग्रस्त भी हो गए। अब आयोजकों को शाम के कार्यक्रम की चिंता सताने लगी है। आयोजकों ने गांधी मैदान में दशहरा की तैयारी करते हुए रावण, कुंभकरण और मेघनाद के विशाल पुतले बनाकर मैदान में खड़ा किया था। आयोजक और दर्शक शाम का इंतजार कर रहे थे, लेकिन मौसम ने अचानक ऐसा करवट लिया कि दहन कार्यक्रम से पहले पुतले तेज हवा और बारिश की भेट चढ़ गए।
हवा का झोंका ऐसा आया कि लोगों के आंखों के सामने ही धड़ाम से पुतले नीचे आ गिरे। किसी का सिर टूटा तो किसी का हाथ और किसी पुतले का पैर। गमीनत रही कि इन पुतलों की चपेट में नहीं आया। जिससे बड़ा हादसा टल गया। हालांकि, अब आयोजक शाम तक वैकल्पिक व्यवस्था करने की बात कहते हुए नजर आ रहे हैं। गौर हो कि पुतला निर्माण करने के लिए रामपुर से टीम हर साल रुद्रपुर आती है। पुतला बनाने में 3 महीने से ज्यादा का समय लगता है। इस बार रुद्रपुर में 65 फीट का रावण और 60-60 फीट के मेघनाद और कुंभकरण पुतले का निर्माण किया गया था।
आयोजन समिति सदस्य हरीश अरोड़ा अचानक मौसम में परिवर्तन के कारण चली तेज हवा से पुतले नीचे गिर कर थोड़ा बहुत क्षतिग्रस्त हुए हैं। दर्शकों को निराश नहीं होने दिया जाएगा। आयोजक कमेटी की बैठक चल रही है। शाम को रावण भी मरेगा और पुतला भी दहन किया जाएगा। पुतला निर्माण में करीब डेढ़ लाख रुपए का खर्च आता है।

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