उत्तराखंड

ग्रामीणों ने श्रमदान से आवाजाही लायक बनाया राज्य मार्ग

स्कूली बच्चों को आने-जाने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो प्रसूति महिलाओं को भी स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाने में दिक्कतें हो रही हैं।

भीरी-परकण्डी राज्य मार्ग पर मलबा आने से कई दिनों से है बंद
बच्चों को स्कूल जाने और गर्भवती महिलाओं को हॉस्पिटल ले जाने में हो रही दिक्कतें
दस हजार लोगों का रोजगार हो रहा प्रभावित
पूरी तंगनाथ घाटी का एक मात्र राज्य मार्ग
रुद्रप्रयाग। लगातार हो रही बारिश के कारण कई दिनों से भीरी-परकंडी-मक्कूमठ राज्य मार्ग को जब विभाग नहीं खोल पाया तो ग्रामीण स्वयं फावड़ा-गैंती लेकर सड़क मार्ग को खोलने में जुट गए। क्षेत्र के ग्रामीणों ने बच्चों के स्कूल जाने की समस्या और प्रसूति महिलाओं को समय पर इलाज मिलने को लेकर सड़क मार्ग को पैदल आवाजाही लायक बना दिया है।
बता दें कि केदारघाटी क्षेत्र में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण कई लिंक मार्ग बंद पड़े हैं। लिंक मार्गों के बंद होने से ग्रामीण जनता को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। स्कूली बच्चों को आने-जाने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो प्रसूति महिलाओं को भी स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाने में दिक्कतें हो रही हैं। ऐसे में समस्या का समाधान ना होने से आक्रोशित ग्रामीण स्वयं ही मार्ग को खोलने में जुट रहे हैं।
क्षेत्र पंचायत सदस्य भींगी मीनाक्षी देवी, प्रधान परकंडी सुनीता बिष्ट, प्रधान उथिंड जयकृत कुंवर, पेलिंग सुनोज नेगी, नीमा देवी ने कहा कि मूसलाधार बारिश के कारण भरी-परकंडी मार्ग पर मलबा आया हुआ है, जिसे साफ करने को लेकर लोक निर्माण विभाग ऊखीमठ की मशीन एक दिन पहुंची और उसके बाद मार्ग पर फिर मलबा आने के बाद विभाग की मशीन नहीं आई। कई दिन गुजर जाने के बाद भी विभाग ने मार्ग नहीं खोला है, जिसस ग्रामीण जनता को कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है।
मार्ग पर प्रतिदिन लगभग सौ से ज्यादा गाड़ियां चलती हैं और विभाग की लापरवाही से बीमार व्यक्ति को हॉस्पिटल ले जाने में बहुत सारी परेशानी हो रही है। स्कूल के बच्चे पढ़ाई से वंचित हो रहे हैं। परकंडी, ककोला, पैलिंग, नहरा, कुडलिया आदि गांवों से लगभग प्रतिदिन 20 से 25 बच्चे भीरी स्कूल इसी मार्ग से जाते हैं, लेकिन विभाग द्वारा इस मार्ग पर एक दिन कार्य किया गया, जिस पर काम करने के बावजूद भी पैदल आवाजाही करना भी संभव नहीं था।
इसके बाद ग्रामीणों ने श्रमदान से मार्ग को खोलने की ठानी। समस्त क्षेत्र वासियों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने मार्ग को पैदल आवागमन के लिए फावड़ा-गैंती से पैदल जाने आने के लिए खुलवाया गया है। कहा कि मार्ग नहीं खुलने से क्षेत्र की जनता को गैस आपूर्ति, खाद्यान आपूर्ति, बीमार व्यक्ति व गर्भवती महिलाओं को हॉस्पिटल ले जाने में दिक्कतें हो रही हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से भी मांग की कि जल्द सड़क खोलकर क्षेत्र की जनता राहत दी जाए। कहा कि राज्य मार्ग पूरी तंुगनाथ घाटी का एक मात्र ऐसा मार्ग है, जिस पर लगभग दस हजार लोगों का व्यवसाय संचालित होता है। यदि विभाग ने दो दिन के भीतर कार्य शुरू नहीं किया जाता तो ग्रामीण जनता केदारनाथ हाईवे पर चक्काजाम करने को मजबूर हो जाएगा।

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