उत्तराखंड

रुद्रप्रयाग की महिलाएं बन रही आत्मनिर्भरता की मिसाल

इस पहल के अंतर्गत महिलाओं ने 57 किलोग्राम मिष्ठान स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर तैयार कर 250 से 300 प्रति किलोग्राम की दर से बेचे।

स्वयं सहायता समूह की महिलाएं पारंपरिक मिष्ठानों से कमा रही सतत आय
स्वतंत्रता दिवस पर किया 57 किलो स्थानीय मिष्ठान तैयार
रुद्रप्रयाग। ग्रामोत्थान परियोजना एवं राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित उन्नति स्वायत्त सहकारिता नारी, हरियाली स्वायत्त सहकारिता रतूड़ा और स्वायत्त सहकारिता जवाड़ी की महिलाओं ने जनपद में आत्मनिर्भरता की एक नई कहानी लिखी है। इन सहकारिताओं से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पारंपरिक मिष्ठान अरसे एवं रोटने तैयार किए, जिनकी आपूर्ति जनपद के विभिन्न विभागों और विद्यालयों में की गई।
इस पहल के अंतर्गत महिलाओं ने 57 किलोग्राम मिष्ठान स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर तैयार कर 250 से 300 प्रति किलोग्राम की दर से बेचे। कुल मिलाकर महिलाओं ने 30,750 का व्यवसाय किया गया, जिससे उन्हें सतत आय का स्रोत प्राप्त हुआ। जिलाधिकारी प्रतीक जैन एवं मुख्य विकास अधिकारी राजेन्द्र सिंह रावत के मार्गदर्शन में यह पहली बार संभव हो पाया कि ऐसे पर्वों पर बाजार की मिठाइयों के बजाय स्थानीय, स्वच्छ और पारंपरिक मिष्ठानों को प्राथमिकता दी गई। यह पहल न केवल ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक सराहनीय कदम है, बल्कि उत्तराखंड की पारंपरिक सांस्कृतिक विरासत को भी संरक्षित करने का कार्य कर रही है। चंडिका स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष लीला देवी ने बताया कि इस तरह के प्रयासों से महिलाओं को घर बैठे स्वरोजगार के अवसर मिल रहे हैं और वे आत्मनिर्भर बन रही हैं।

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