
बीते शनिवार की रात हुई मूसलाधार बारिश से पैदल मार्ग का 50 मीटर हिस्सा हुआ क्षतिग्रस्त
एसडीआरएफ और डीडीआरएफ के जवानों ने जंगल के रास्ते निकाले यात्री
रुद्रप्रयाग। जिले में लगातार बारिश का सितम जारी है। बारिश के कारण द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर को जोड़ने वाला पैदल मार्ग भी बंद हो गया है। मार्ग का पचास मीटर हिस्सा ध्वस्त होने से यात्री भी विभिन्न पड़ावों में फंस गए। एसडीआरएफ और डीडीआरएफ के जवानों ने वैकल्पिक मार्ग तैयार कर तीर्थयात्रियों को निकाला, जिसके बाद यात्रियों ने राहत की सांस ली।
बीती शनिवार रात्रि मदमहेश्वर घाटी में हुई मूसलाधार बारिश के कारण द्वितीय केदार मदमहेश्वर यात्रा के आधार शिविर गौण्डार-बणतोली के मध्य लगभग 50 मीटर पैदल मार्ग भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त हो गया है। पैदल मार्ग के क्षतिग्रस्त होने के कारण आवाजाही पूर्णतया ठप हो गयी और मध्यमहेश्वर धाम सहित यात्रा पड़ावों पर गये यात्री फंस गए। रविवार को जिला प्रशासन की ओर से एसडीआरएफ, डीडीआरएफ और लोनिवि के मजदूरों को मार्ग को खोलने और तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए भेजा गया।
रेस्क्यू टीम ने तीर्थयात्रियों को निकालते के लिए वैकल्पिक मार्ग तैयार किया। करीब 50 से 60 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित जंगल के रास्ते निकालकर गौण्डार पहुंचाया गया। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियन्ता आरपी नैथानी ने बताया कि क्षतिग्रस्त पैदल मार्ग को दुरूस्त करने के लिए दस मजदूरों को लगाया गया है। रास्ते को दुरूस्त होने में एक सप्ताह का समय लग सकता है। पूर्व प्रधान बीर सिंह पंवार ने बताया कि आपदा प्रभावित पैदल मार्ग के निचले हिस्से में मधु गंगा का बहाव तेज होने से रेस्क्यू कार्य में बहुत सारी दिक्कतें हुई।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नन्दन सिंह रजवार ने बताया कि जिले में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण जनजीवन खासा प्रभावित हो गया है। मदमहेश्वर यात्रा को जोड़ने वाले पैदल के ध्वस्त हो जाने के बाद शीघ्र एसडीआरएफ और डीडीआरएफ टीम को रवाना किया गया। टीम की ओर से वैकल्पिक मार्ग तैयार कर तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकालकर गौंडार भेजा गया। पैदल यात्रा पड़ावों में फंसे सभी तीर्थयात्रियों को निकाला जा चुका है।
खतरे के निशान से ऊपर बह रही अलकनंदा नदी,
रुद्रप्रयाग। जिले में लगातार बारिश जारी है। बद्रीनाथ और केदारनाथ क्षेत्र में हो बारिश के कारण नदियों का जल स्तर उफान पर है, जिस कारण नदियों से सटे आवासीय भवनों को खतरा बना हुआ है। बद्रीनाथ क्षेत्र में हो रही तेज बारिश के कारण अलकनंदा नदी का जल स्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। अलकनंदा नदी का जलस्तर 626.10 मीटर दर्ज किया गया है, जो खतरे के निशान 626.00 मीटर से थोड़ा ऊपर है। जबकि मंदाकिनी नदी के खतरे का स्तर 626.00 मीटर है और वर्तमान जलस्तर 624.70 मीटर है। पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रहलाद कोंडे ने बताया कि भारी बारिश के चलते नदियों का जल स्तर बढ़ रहा है। संबंधित विभागों को अपने क्षेत्रों में जनमानस और मवेशियों को नदी किनारे जाने से रोकने और सतर्कता बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं।