हरिद्वार। हाईकोर्ट के सख्त निर्देश के बाद हरिद्वार जिला प्रशासन की ओर से गंगा किनारे अवैध रूप से संचालित 60 स्टोन क्रशर पर कार्रवाई की गई। अवैध स्टोन क्रशरों के विरुद्ध अभी तक के इतिहास में यह सबसे बड़ी कार्रवाई है
शुक्रवार को 38 और शनिवार को 22 स्टोन क्रशर पर कार्रवाई हुई। ये स्टोन क्रशर गंगा के किनारे धड़ल्ले से संचालित हो रहे थे। हाईकोर्ट के निर्देश अनुसार प्रशासन की संयुक्त टीम ने इन स्टोन क्रशर मशीन की सीलिंग करने के साथ इन प्लांटों की बिजली-पानी की सप्लाई भी काट दी गई और प्लांट के मुख्य गेट को भी सील कर दिया है। इस कार्रवाई से खनन माफिया में हड़कंप मच गया है।प्रशासन के अनुसार रायवाला से लेकर भोगपुर तक गंगा किनारे के सभी क्रशर प्लांट को सील किया गया है। इस मामले में हरिद्वार के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को एक सप्ताह के भीतर एक्शन टेकन रिपोर्ट हाईकोर्ट में देनी है।
मातृ सदन की याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट ने 30 जुलाई को सख्त आदेश जारी कर हरिद्वार जनपद में गंगा किनारे संचालित 48 स्टोन क्रशरों पर तत्काल कार्रवाई करने और बिजली-पानी के कनेक्शन काटने के आदेश जारी किए। दरअसल हाईकोर्ट का यह आदेश 3 मई 2017 को जारी आदेश का पालन न होने पर दिया।
इसी बीच रायवाला से लेकर भोगपुर तक गंगा किनारे 12 और नए क्रशर को स्वीकृति दी थी। अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद जिला प्रशासन ने सीपीसीबी और नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) के नियमों के विरुद्ध गंगा किनारे संचालित 60 क्रशरों पर कार्रवाई कर दी है। शनिवार को भी सुबह से लेकर शाम तक क्रशरों पर कार्रवाई का अभियान चला।
भोगपुर, कटारपुर के अलावा श्यामपुर के बाहर पीली और गैंडीखाता में भी क्रशर प्लांट को सील किया है। इस कार्रवाई के दौरान संयुक्त टीम में जिला खाना अधिकारी मो काजिम रजा, तहसीलदार सचिन कुमार, ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता दीपक सैनी, ऊर्जा निगम के जेई निमेश वर्मा, अरविंद यादव और रियाजजुदीन टीम में शामिल रहे।