
सीएम ने दिए निर्देश, पुलिस मुख्यालय स्तर पर गठित होगी एसआईटी
पुलिस ने अब तक 3 हजार कालनेमि अरेस्ट
धर्मातरण के फंसने वाले लोगों को परामर्श व मार्गदर्शन दिया जाएगा
देहरादून। उत्तराखंड में भेष बदलकर लोगों को ठगने के मामले अक्सर सामने आते रहे हैं। जिस पर लगाम लगाए जाने को लेकर उत्तराखंड सरकार ने ऑपरेशन ‘कालनेमि’ की शुरुआत की है, जिसके तहत करीब तीन हजार से अधिक लोगों पर कार्रवाई की जा चुकी है। ऐसे में अब उत्तराखंड सरकार ने ऑपरेशन ‘कालनेमि’ की निगरानी किए जाने को लेकर पुलिस मुख्यालय स्तर पर एसआईटी गठित करने का निर्णय लिया है। ताकि प्रदेश में बेहतर ढंग से ऑपरेशन कालनेमि को संचालित किया जाए और भेष बदलकर लोगों को ठगने वाले पर कालनेमि के तहत कार्रवाई की जा सके।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में धर्मांतरण कानून को और सख्त बनाते हुए, जरूरी कदम भी उठाने के निर्देश दिए हैं। दरअसल, सोमवार को सचिवालय में उच्च अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड सीमांत प्रदेश होने के साथ ही सनातन की पुण्य भूमि भी है। इसलिए यहां डेमोग्राफी में बदलाव की किसी भी कोशिश को सख्ती से रोका जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस इस तरह की संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखे।
सीएम धामी ने कहा कि धर्मांतरण कराने वाले तत्वों के जाल में फंसे लोगों को उचित परामर्श और मार्गदर्शन प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि हाल की घटनाओं को देखते हुए, धर्मांतरण कानून को और सख्त बनाए जाने की दिशा में तत्काल कदम उठाए जाएं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ऑपरेशन श्कालनेमिश् भी ऐसे तत्वों पर लगाम लगाने में सफल रहा है। इस मुहिम को आगे भी चलाए जाने की जरूरत है। इसलिए पुलिस मुख्यालय के स्तर पर, इसकी निगरानी के लिए एसआईटी का गठन किया जाए।
गौर है कि 10 जुलाई को सीएम धामी ने, कुछ लोग साधु-संत का भेष धारण कर सनातन धर्म की आड़ में लोगों को ठगने और उनकी भावनाओं से खिलवाड़ करते हैं, का तर्क देकर ऑपरेशन कालनेमि शुरू किया था। इस ऑपरेशन के तहत पुलिस ने ढोंगी और फर्जी बाबाओं पर कार्रवाई करना शुरू किया। पुलिस ने इस तरह प्रदेशभर में 3 हजार से ज्यादा ढोंगी और फर्जी बाबाओं पर एक्शन लिया। इस दौरान कुछ ऐसे मामले भी सामने आए, जिमसें अन्य धर्म के लोग भी हिंदू बनकर साधु संत के भेष में लोगों को ठगने का काम कर रहे थे।
खास बात है कि इस ऑपरेशन के दौरान पुलिस ने भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को भी पकड़ा। हालांकि कुछ मामलों में पुलिस ने अपने परिवार से बिछड़ चुके लोगों की पहचान कर उन्हें उनके परिजनों से भी मिलाया।
प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों की समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करेंः धामी
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रसिद्ध मंदिरों में श्रद्धालुओं की संख्या को ध्यान में रखते हुए समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।
आज यहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों हरिद्वार स्थित मनसा देवी कृचंडी देवी मंदिर, टनकपुर स्थित पूर्णागिरि धाम, नैनीताल के कैंची धाम, अल्मोड़ा के जागेश्वर मंदिर, पौड़ी स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर सहित अन्य प्रसिद्ध मंदिरों में श्रद्धालुओं की संख्या को ध्यान में रखते हुए समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन मंदिरों में भीड़ प्रबंधन, श्रद्धालु पंजीकरण, पैदल मार्गों और सीढ़ियों का चौड़ीकरण, अतिक्रमण हटाने तथा अन्य सभी मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, ताकि श्रद्धालुओं को सुगम एवं सुरक्षित दर्शन अनुभव प्राप्त हो। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि दोनों मंडलों के आयुक्तों की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाए। इस समिति में संबंधित जिलों के जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्ष, एवं कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को सदस्य के रूप में शामिल किया जाए। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से मनसा देवी मंदिर परिसर तथा अन्य प्रमुख मंदिर परिसरों के सुनियोजित विकास, धारणा क्षमता में वृद्धि और व्यवस्थित दुकान प्रबंधन पर बल देते हुए निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं के लिए दर्शन की व्यवस्था को सुदृढ़, सुव्यवस्थित और सुगम बनाया जाए। श्रद्धालुओं का पंजीकरण अनिवार्य रूप से किया जाए तथा दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या नियंत्रित करते हुए चरणबद्ध व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि भीड़ नियंत्रण में रहे और श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। बैठक में प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु, आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली, एस.एन. पाण्डेय, सचिव एवं आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी. अंशुमन, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते और अपर सचिव बंशीधर तिवारी उपस्थित थे।