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हरिद्वार पहुँचा सीएम धामी, घायलों का हाल चाल जाना

उन्होंने सवाल उठाया कि क्यों हम वहां आने वाली भीड़ को नियंत्रित नहीं कर पाए। कहां पर हमसे चूक हो गई? यह देखना पड़ेगा।

देहरादून। रविवार को हरिद्वार मनसा देवी मंदिर में भगदड़ हादसे के बाद सीएम धामी एक्शन में हैं। घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी घायलों से मिलने के लिए हरिद्वार पहुंचे। जहां जिला अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की और उनका हाल चाल जाना। इससे पहले सीएम धामी ने इस हादसे की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए हैं। बता दें रविवार सुबह हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में भारी भीड़ थी. वीकेंड होने के कारण दूसरे राज्यों से श्रद्धालु यहां दर्शन करने पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि मंदिर के मुख्य सीढ़ी पैदल मार्ग पर ज्यादा भीड़ बढ़ने से भक्तों के बीच भगदड़ की स्थिति बन गई। सीढ़ी मार्ग पर श्रद्धालु एक दूसरे के ऊपर गिरे। जिसके कारण यहां बड़ा हादसा हो गया। जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई, 29 लोग घायल बताये जा रहे हैं।
बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हरिद्वार जिला अस्पताल पहुंचकर मनसा देवी मंदिर में मची भगदड़ में घायल हुए लोगों से मिले। सीएम धामी ने घायलों का हर संभव उचित इलाज मुहैया कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद सीएम धामी ने घटनास्थल की बारीकी से जानकारी ली।

मनसा देवी हादसा, कांग्रेस नेताओं ने घटना पर जताया दुख, धामी सरकार को घेरा
हरिद्वार। मनसा देवी भगदड़ में 6 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। 28 लोग घायल बताए जा रहे हैं। इस दुर्घटना के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रीतम सिंह ने भगदड़ में मारे गए लोगो के अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त की है। साथ ही कांग्रेस ने सरकार की व्यवस्थाओं पर भी सवाल खड़े किए हैं।
हरीश रावत ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा मनसा देवी मंदिर में हुई भगदड़ में अब तक छह से सात लोगों के मरने की खबर आ रही है, जो बहुत ज्यादा चिंता जनक है। उन्होंने कहा मनसा देवी मंदिर में स्थान के हिसाब से ही उड़न खटोले से ही लोग आते हैं। नियंत्रित करने के लिए लंबा मार्ग है। यहां पैदल और चढ़ाई वाला मार्ग भी है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्यों हम वहां आने वाली भीड़ को नियंत्रित नहीं कर पाए। कहां पर हमसे चूक हो गई? यह देखना पड़ेगा।
उन्होंने कहा ऐसी जगहों पर अनुभवी और क्राउड मैनेजमेंट क्षमता वाले अधिकारियों को लगाना चाहिए। हरीश रावत ने कहा प्रदेश में धार्मिक स्थलों की तरफ लोग निरंतर आ रहे हैं। ऐसे में सरकार को व्यवस्थाओं पर ध्यान देना चाहिए। हरीश रावत ने कहा इस तरीके के मिस मैनेजमेंट के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनानी होगी। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि इस घटना को बड़ी चेतावनी के रूप में लिया जाए। पुलिस विभाग में ऐसे दक्ष ग्राउंड मैनेजमेंट वाले अधिकारियों और प्रशासन के अधिकारियों को ऐसे महत्वपूर्ण स्थान पर नियुक्त किया जाए। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं प्रकट की है। उन्होंने कहा घायलों को बचाने का हर संभव प्रयास होना चाहिए। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है।

मनसा देवी मंदिर में भगदड़ की जांच के आदेश
हादसे पर  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जताया दुःख
मृतकों के परिजनों को दो लाख एवं घायलों को पचास हजार की सहायता
देहरादून। हरिद्वार जनपद में मनसा देवी मंदिर के पैदल मार्ग में रविवार सुबह करीब नौ बजे भगदड़ के कारण दर्दनाक घटना घटित हुई। इस हृदयविदारक हादसे में अब तक 6 श्रद्धालुओं की मृत्यु की पुष्टि हुई है, जबकि 28 अन्य श्रद्धालु घायल हुए हैं।
इस हादसे पर माननीय मुख्यमंत्रीपुष्कर सिंह धामी ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत श्रद्धालुओं के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि इस दुख की घड़ी में राज्य सरकार पूरी तरह से पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये तथा घायलों को पचास-पचास हजार रुपये की राहत राशि देने की घोषणा की है।

घायलों को त्वरित चिकित्सकीय सुविधा
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने जानकारी देते हुए बताया कि इस घटना में घायल हुए श्रद्धालुओं को शीघ्र चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई गई है। 5 गंभीर रूप से घायल श्रद्धालुओं को तत्काल एम्स, ऋषिकेश रेफर किया गया है। शेष 23 घायलों का उपचार जिला चिकित्सालय, हरिद्वार में चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें घायलों को हर संभव चिकित्सकीय सुविधा मुहैया करा रही हैं। मुख्यमंत्री स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और उन्हें लगातार रेस्क्यू और बचाव अभियान को लेकर अवगत कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी हरिद्वार को निर्देशित किया है कि वे सभी पीड़ितों एवं उनके परिजनों को तत्काल राहत और सहायता प्रदान करें। इसके साथ ही उन्होंने घटना की मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन को निर्देश दिए हैं कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा व्यवस्था, एवं यात्रा मार्गों की व्यवस्था की गहन समीक्षा की जाए।

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