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नौकरी से स्वरोजगार की ओर बढ़ रहा प्रदेश का युवा

पंकज गुप्ता ने कहा इसका असर हमें वार्षिक क्रेडिट प्लान में देखने को भी मिल रहा है, जहां हम हर साल टारगेट से ऊपर ही जा रहे हैं, लेकिन कम नहीं रह रहे हैं।

उत्तराखंड में हुआ सवा 3 लाख एमएसएमई रजिस्ट्रेशन
विश्व भर में अंतरराष्ट्रीय एमएसएमई दिवस मनाया जा रहा

देहरादून। पिछले कुछ सालों में माइक्रो इंडस्ट्रीज सेक्टर में उत्तराखंड ने लंबी छलांग लगाई है। आज उत्तराखंड में 3.15 लाख से ज्यादा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) यूनिट रजिस्टर्ड हो चुके हैं। इससे करीब 20 लाख लोग रोजगार से जुड़े हैं। ऐसे में उत्तराखंड अब नौकरी से स्वरोजगार की ओर बढ़ता नजर आ रहा है।
बता दें कि आज विश्व भर में अंतरराष्ट्रीय एमएसएमई दिवस मनाया जाता है। जिसका मकसद पूरे दुनिया भर में छोटे इंडस्ट्रियल कारोबारी को एक साथ जोड़ना और उन्हें आगे बढ़ना है। एमएसएमई सेक्टर आज देश की इकोनॉमी सेक्टर में बड़ा रोल निभा रहा है। एमएसएमई (एमएसएमई) का भारत की जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 30 फीसदी से ज्यादा का योगदान है। एमएसएमई देश में मेन्यूफेक्चरिंग, सर्विस और ट्रेड के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
उत्तराखंड में एमएसएमई की भूमिका की बात की जाए तो आज उत्तराखंड माइक्रो एंड स्मॉल इंडस्ट्री सेक्टर में बेहतर कार्य कर रहा है। उत्तराखंड एक पर्वतीय राज्य है, जिसकी भौगोलिक परिस्थितियां और सीमित संसाधन कभी-कभी विकास के मार्ग में बाधा बनते हैं, लेकिन इन्हीं परिस्थितियों के बीच एमएसएमई सेक्टर ने राज्य की आर्थिक आत्मनिर्भरता की मजबूत नींव रखी है।
उत्तराखंड इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी अनिल गोयल का कहना है कि आज एमएसएमई वर्ल्ड इकोनॉमी, नेशनल इकोनॉमी और स्टेट इकोनॉमी में रेवेन्यू मॉडल, रोजगार का एक बेहतरीन उदाहरण है। उन्होंने उत्तराखंड के परिपेक्ष में एमएसएमई सेक्टर के बारे में भी जानकारी भी दी।
उत्तराखंड इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी अनिल गोयल ने बताया कि कई चुनौतियां शुरुआती दौर में एमएसएमई सेक्टर में देखने को मिलती है। अन्य चुनौतियों से मिलजुल कर लड़ने के लिए इंडस्ट्रियल एसोसिएशन काम करती है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में एमएसएमई सेंटर को बढ़ावा देने के लिए सरकार के माध्यम से कई नई पहल हुई है।
उन्होंने फाइनेंशियल मैनेजमेंट को लेकर कहा कि एमएसएमई सेक्टर में छोटी-छोटी लापरवाही से बड़े नुकसान हो सकते हैं, जिसको लेकर लगातार एमएसएमई सेक्टर के लोगों को जागरूक किया जा रहा है। वहीं, सरकार भी तमाम ऐसी योजनाएं चल रही हैं, जिससे एमएसएमई सेक्टर को लाभ मिल रहा है। इसके बावजूद भी उत्तराखंड का एमएसएमई सेक्टर लगातार आगे बढ़ रहा है।
एमएसएमई इंडस्ट्री के लिए सरकार के प्रयास पर उत्तराखंड इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने अहम जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में एमएसएमई सेक्टर की बात करें तो कुछ चुनौतियां जरूर हैं, लेकिन इसके बावजूद भी साल 10 साल से उत्तराखंड में एमएसएमई सेक्टर तरक्की कर रहा है। पंकज गुप्ता ने कहा इसका असर हमें वार्षिक क्रेडिट प्लान में देखने को भी मिल रहा है, जहां हम हर साल टारगेट से ऊपर ही जा रहे हैं, लेकिन कम नहीं रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों में देखने को मिल रहा है कि लोग स्वरोजगार के प्रति ज्यादा जागरूक हो रहे हैं। अब लोग नौकरी लेने नहीं देने की बात कर रहे हैं।

नई एमएसएमई पॉलिसी लाई है सरकार
देहरादून। सरकार लगातार एमएसएमई सेक्टर को सब्सिडी दे रही है। सरकार की ओर से नई एमएसएमई पॉलिसी भी लाई गई है। जिससे इस सेक्टर में काम करना पहले से ज्यादा आसान हुआ है। बैंक भी लगातार एमएसएमई के साथ एक सामंजस्य से बैठाकर काम कर रहे हैं। उत्तराखंड सरकार की नई एमएसएमई पॉलिसी ने कई संभावनाएं नए उद्योगों के सामने खोल दी है। उत्तराखंड की ही एक एमएसएमई उद्यमी डॉक्टर गिरीश वर्मा ने बताया कि वह उत्तराखंड में पिछले चार सालों से मेडिसिनल मशरूम के क्षेत्र में काम कर रही हैं। कुछ साल पहले उत्तराखंड में एमएसएमई सेक्टर के लिए कुछ खास नहीं था और ना ही लोगों को जानकारी थी, लेकिन अब कुछ सालों से लोगों में भी जागरूकता आई है और सरकार ने भी कई बेहतरीन कदम इस सेक्टर के लिए उठाए हैं।

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