उत्तराखंड

फिर पार्टी कार्यालय को लेकर बवाल, कांग्रेसियों की पुलिस से झड़प

इस सूचना पर वो मौके पर पहुंचे और अपने पुराने ताले वापस लगवाए, लेकिन इसके तुरंत बाद भारी संख्या में पुलिस बल वहां पर पहुंच गया।

नैनीताल। जिले के रामनगर में रानीखेत रोड पर स्थित कांग्रेस कार्यालय में ताला लगाने को लेकर फिर बवाल हुआ है। कार्यालय में दूसरे पक्ष की ओर से ताला लगाए जाने की सूचना पर कांग्रेस के पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत अपने समर्थकों के साथ मौके पर पहुंचे। जहां उन्होंने अपने पुराने ताले वापस लगवाए। इसी बीच भारी संख्या में पुलिस बल भी वहां पर पहुंच गया। जिस पर रणजीत रावत और समर्थकों की पुलिस से झड़प हो गई। पूर्व विधायक ने इस मामले में पुलिस प्रशासन पर सीधे तौर पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत ने कहा कि सुबह उन्हें सूचना मिली थी कि कांग्रेस कार्यालय के गेट पर लगे उनके ताले को तोड़कर किसी अन्य व्यक्ति ने नए ताले लगा दिए हैं। इस सूचना पर वो मौके पर पहुंचे और अपने पुराने ताले वापस लगवाए, लेकिन इसके तुरंत बाद भारी संख्या में पुलिस बल वहां पर पहुंच गया। पूर्व विधायक रावत ने दावा किया कि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कहा कि कार्यालय के अंदर कुछ लोग बंद हैं, इस पर कांग्रेस नेताओं ने जवाब दिया कि यह कार्यालय उनका है और अंदर कोई भी उनका व्यक्ति मौजूद नहीं है।
इसके बावजूद पुलिस ने ताला तोड़ दिया, जिसकी पुष्टि खुद रणजीत रावत ने मीडिया के सामने की। रणजीत रावत ने आरोप लगाते हुए कहा कि सबकी मौजूदगी में पुलिस ने ताला तोड़ा है, जो इस बात का प्रमाण है कि पुलिस प्रशासन इस कार्यालय पर कब्जा कराने में शामिल है। यहां तक कि कुछ अधिकारी और कर्मचारी भी कह रहे हैं कि ऊपर बात कर लीजिए। इसका मतलब साफ है कि इस कार्रवाई के पीछे ऊपर तक की मिलीभगत है। पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत ने कहा कि पुलिस ने उनके कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज भी किया, जिसमें कुछ कार्यकर्ताओं को चोटें आई हैं और कुछ को कोतवाली में बैठाया गया है। उन्होंने दो टूक कहा कि वे डरने वाले नहीं हैं, पुलिस की सत्ता के दवाब का विरोध करते रहेंगे. यह हमारा कांग्रेस कार्यालय है और हम इस पर कब्जा नहीं छोड़ेंगे। फिलहाल, कांग्रेस कार्यालय के बाहर तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है और भारी संख्या में पुलिस तैनात है। मामला राजनीतिक रंग लेता जा रहा है। आने वाले समय में यह विवाद और गहराने की आशंका जताई जा रही है। क्योंकि, पहले भी इस कार्यालय को लेकर बवाल हो चुका है।

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