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महाशिवरात्रि के अवसर पर टपकेश्वर महादेव मंदिर रूद्राभिषेक संपन्न

धार्मिक अनुष्ठान संपन्न होने के उपरांत भक्तजनों को प्रसाद वितरित किया गया और शिवभक्तों के मंगलमय जीवन के लिए कामना की गई।

देहरादून। महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर टपकेश्वर महादेव मंदिर में महंत दिगंबर भरत गिरी महाराज के सान्निध्य में रुद्राभिषेक संपन्न हुआ। मंगलवार को यहां महाशिवरात्रि के पावन अवसर से पूर्व टपकेश्वर महादेव, सेवादल, संरक्षक लाल चंद शर्मा ने टपकेश्वर महादेव मंदिर में जाकर भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस शुभ अवसर पर पूज्य महंत दिगंबर भरत गिरी महाराज के सान्निध्य में रुद्राभिषेक संपन्न हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं ने हर्षाेल्लास के साथ भाग लिया। इसके उपरांत नए ध्वज को पूरे विधि-विधान के साथ मंदिर शिखर पर चढ़ाया गया, जिससे समस्त क्षेत्र में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हुआ। इस पावन अवसर पर महंत श्री कृष्ण गिरी जी महाराज ने कहा कि शिव अनादि और अनंत हैं। महादेव की कृपा मात्र से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संचार होता है। महाशिवरात्रि का पर्व आत्मशुद्धि, साधना और शिव तत्व की अनुभूति का पर्व है। टपकेश्वर महादेव मंदिर में किया गया यह धार्मिक अनुष्ठान जनकल्याण और विश्व शांति के लिए एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक यज्ञ है। इस दौरान लाल चंद शर्मा ने कहा ध्वज सनातन परंपरा का प्रतीक है, जो धर्म, शक्ति और चेतना का प्रतिनिधित्व करता है। जब किसी मंदिर के शिखर पर नवीन ध्वज स्थापित किया जाता है, तो यह वहां प्रवाहित सकारात्मक ऊर्जा को और अधिक प्रबल बनाता है। महंत श्री दिगंबर भरत गिरी जी महाराज ने विधिवत मंत्रोच्चार के साथ यह धार्मिक अनुष्ठान सम्पन्न कराया, जिससे समस्त भक्तगण स्वयं को सौभाग्यशाली मान रहे थे। इस अवसर पर लाल चंद शर्मा ने कहा कि टपकेश्वर महादेव मंदिर केवल श्रद्धा और आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति की अमूल्य धरोहर भी है। उन्होंने कहा, हमें अपने धर्मस्थलों के संरक्षण और संवर्धन के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए। आज का यह आयोजन इसी दिशा में एक छोटा सा प्रयास है। पूरे आयोजन में श्रद्धालु भक्तों ने ओम नमः शिवाय और हरकृहर महादेव के जयघोष से वातावरण को शिवमय कर दिया। धार्मिक अनुष्ठान संपन्न होने के उपरांत भक्तजनों को प्रसाद वितरित किया गया और शिवभक्तों के मंगलमय जीवन के लिए कामना की गई। इस दौरान पंडित दिगंबर राजपाल गिरी, पंडित घनश्याम टमकरी, पंडित भरत जोशी, पंडित सतीश मौजूद रहे।

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