मानव को अपना आचरण अच्छा रखना चाहिए: जमलोकी
सनातन धर्म का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि सारे वेद और उपनिषद हमें सदमार्ग पर चलने को लेकर प्रेरित करते हैं।

देवशाल गांव में पितरों की शांति को लेकर श्रीमदभागवत कथा का आयोजन,
गुप्तकाशी। ग्राम देवशाल में देवशाली परिवार की ओर से अपने पितरों की शान्ति को लेकर सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया है। कथा के तीसरे दिन व्यास पीठ पर विराजमान आचार्य शिव प्रसाद जमलोकी ने कहा कि हर मानव अपने कर्मों से उच्च स्थान पाता है। मानव को अपना आचरण और कर्म अच्छा बनाये रखने का प्रयास करना चाहिए।
उन्होंने श्रीमद्भागवत में बताई गई शिक्षाओं की व्याख्या करते हुए बताया कि त्याग ही मोक्ष के मार्ग द्वार खोलता है। सनातन धर्म का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि सारे वेद और उपनिषद हमें सदमार्ग पर चलने को लेकर प्रेरित करते हैं। देवशाल व कोठेड़ा गांव की परम्पराओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि ज्योतिष विद्या का अनुसरण और अनुकरण करते हुए ही आज भी इन गांवों के विद्वान लग्न पत्रिका से विभिन्न धार्मिक क्रियाओं को संपंन करते और कराते हैं। सनातन धर्म में निहित परम्पराओं के पीछे छुपे विज्ञान का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता इस बात की है कि हम उन परम्पराओं के पीछे छुपे विज्ञान को जन सामान्य को बताएं। दुर्गा देवशाली एवं भुवनेश्वरी ने बताया कि स्वर्गीय गोदाम्बरी देवी, राधाकृष्ण देवशाली, जयकृष्ण देवशाली सहित देवशाली कुटुम्ब के पितरों की आत्मिक शांति व बैकुंठ वास की कामना के लिए इस सप्त दिवसीय कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया गया। कथा यज्ञ के प्रधान कर्मकांडी पंडित अरविंद प्रसाद जमलोकी ने बताया कि सनातन धर्म की पद्धति के अनुसार इस साप्ताहिक कार्यक्रम का आयोजन दैनिक पूजन के साथ किया जा रहा है। कथा के अन्य पंडित गया दत्त जमलोकी, बामदेव सेमवाल, देवी प्रसाद सेमवाल, अमित थपलियाल द्वारा दैनिक पूजन में विधि-विधान पूर्वक सहयोग किया जा रहा है।