उत्तराखंड

उत्तराखंड में वेडिंग डेस्टिनेशन विकसित करने के लिए तैयार होगी पॉलिसीः धामी

सीएम ने प्रदेश को वैडिंग डेस्टिनेशन के रूप में पहचान दिलाने के लिये तमाम स्थलों को चिन्हित कर वहां अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जाए।

बैठक के दौरान ने एक महीने की डेडलाइन तय
सीएम ने ली यूआईआईडीबी की बैठक, बैठक में अधिकारियों को दिये गये जरूरी दिशा निर्देश
देहरादून। उत्तराखंड सरकार प्रदेश में शीतकाल यात्रा को बढ़ावा देने के साथ ही अब वेडिंग डेस्टिनेशन विकसित करने पर जोर दे रही है। इसके लिए सीएम धामी ने पर्यटन विभाग को अगले 4 हफ्ते में पॉलिसी तैयार करने के निर्देश दिए हैं। बुधवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड निवेश और आधारिक संरचना विकास बोर्ड (यूआईआईडीबी) की तृतीय बैठक हुई। बैठक के दौरान सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विरासत के साथ विकास के मॉडल पर कार्य किया जाए। साथ ही पंतनगर और देहरादून एयरपोर्ट में विमानों की नाइट लैंडिग संबंधित की जा रही व्यवस्था में तेजी लाई जाये।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि दो नये शहरों को विकसित करने की कार्ययोजना को धरातल पर उतारने के लिए तेजी से कार्यवाही करे। गंगा और शारदा कॉरिडोर डेवलपमेंट और डाकपत्थर में बनने वाले नॉलेज सिटी के लिए चरणबद्ध तरीके से काम करे। साथ ही जून 2026 तक सभी परियोजनाओं का काम शुरू कर दिया जाए। सीएम ने कहा राज्य की आगामी 25 साल की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तमाम विकास योजनाओं का विधिवत प्लान तैयार करें। 2047 तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए राज्य में भी अल्पकालिक, लघुकालिक और दीर्घकालीन योजनाओं पर काम किया जाए।
सीएम ने कहा उत्तराखण्ड निवेश और आधारिक संरचना विकास बोर्ड के तहत सभी परियोजनाओं से संबधित क्षेत्रों के विकास के लिए बेहतर ढंग से काम किया जाए। जनप्रतिनिधियों और स्टेक होल्डरों के सुझावों को शामिल कर परियोजनाओं को आगे बढ़ाया जाए। साथ ही इन सभी परियोजनाओं की लगातार समीक्षा भी की जाये। सीएम ने प्रदेश को वैडिंग डेस्टिनेशन के रूप में पहचान दिलाने के लिये तमाम स्थलों को चिन्हित कर वहां अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जाए। इसके लिए वेडिंग प्लानरों, होटल समूहों से सहयोग लेकर इसके प्रचार प्रसार पर भी ध्यान दें।
राज्य में दो नये शहरों के विकास और सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं विकसित करने के लिए कार्ययोजना के तहत काम किए जाएं। सीएम ने कहा कि यूआईआईडीबी की परियोजनाओं के तहत पर्यटन और तीर्थाटन के लिहाज से महत्वपूर्ण स्थानों के विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। जिसके तहत, गंगा और शारदा कोरिडोर के पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व को ध्यान में रखते हुए काम किये जाएं। साथ ही ये भी सुनिश्चित किया जाए कि राज्य हित में जिन उद्देश्यों की पूर्ति के लिये यूआईआईडीबी का गठन किया गया है। उसके परिणाम जल्द से जल्द धरातल पर दिखाई दे।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड निवेश और आधारिक संरचना बोर्ड (न्प्प्क्ठ) की बैठक हुई है। बैठक में गंगा कॉरिडोर ऋषिकेश हरिद्वार, शारदा कॉरिडोर और कालसी में हरिपुर घाट निर्माण को लेकर चर्चा की गई है। इसके लिए एक टाइम बॉन्ड बनाया गया है। साथ ही निर्णय लिया गया है कि जनप्रतिनिधि और स्टेकहोल्डर्स से भी बातचीत की जाएगी, ताकि विरासत भी बनी रहें। सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री इस बात को कहते है कि विरासत के साथ विकास होना चाहिए।
ऐसे में पीएम की थीम और योजना के आधार पर सरकार आगे बढ़ेगी। इसके लिए सभी के सुझाव भी लिए गए हैं। लिहाजा, सभी के सुझावों के अनुरूप ये प्रोजेक्ट धरातल पर उतरे इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। सीएम ने कहा कि बोर्ड की समय- समय पर बैठक हो ताकि तेज गति से प्रोजेक्ट्स धरातल पर उतरे। इसके साथ ही सरकार ने जून 2026 तक का लक्ष्य रखा है कि तब तक सभी काम शुरू हो जाए।

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