ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में 14 मांगों को लेकर भूख हड़ताल जारी
विभाग एक वर्ष पूर्व 9 नवंबर 2023 को भराड़ीसैण में मुख्यमंत्री की इन सड़कों के डामरीकरण की घोषणा के बावजूद डामरीकरण तो दूर आज तक इन सड़कों के गड्ढे भी नही भर पाया है।
सरकार और अफसरों पर लगाया उपेक्षा का आरोप
मांगें नहीं मानी गई तो जारी रहेगी भूख हड़ताल
गैरसैंण। उत्तराखंड की ग्रीष्म कालीन राजधानी गैरसैंण की स्वास्थ्य, शिक्षा और सड़क सहित 14 सूत्रीय मांगों को लेकर व्यापार संघ अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह बिष्ट ने रामलीला मैदान में गुरूवा को भूख हड़ताल जारी रही
सुरेंद्र सिंह बिष्ट का कहना है कि स्वास्थ्य सेवाओं की बात करें तो आज भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गैरसैंण में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी बनी हुई है। इसको लेकर क्षेत्रवासियों में काफी आक्रोश व्याप्त है। विशेषज्ञ चिकित्सकों के न होने के चलते सबसे अधिक परेशानियों का सामना ग्रामीण गर्भवती महिलाओं को करना पड़ रहा है। उन्हें कि अल्ट्रासाउंड और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के लिए गैरसैंण से कई किलोमीटर दूर रानीखेत, हल्द्वानी या फिर श्रीनगर, देहरादून का रुख करना पड़ता है। इस दौरान कई बार गर्भवती महिलाओं के साथ अनहोनी हो जाती है।
सड़कों की बात करें तो राष्ट्रीय राजमार्ग 109 से लेकर ग्रामीण सड़कों तक के हाल बद से बदतर हो चुके हैं। आज भी ग्रामीण और स्कूली नौनिहाल जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने को मजबूर हैं। बिष्ट ने कहा कि कारगिल शहीद रणजीत सिंह मोटर मार्ग में आगरचट्टी से कोयलख के बीच बड़े-बड़े जानलेवा गड्ढे बने हुए हैं, जो किसी बड़ी दुर्घटना को दावत दे रहे हैं। वहीं अगर बात करें कारगिल शहीद कृपाल सिंह के गांव जाने वाली धुनारघाट से पज्याणा, बाटाधार वाली सड़क की तो इसके हाल भी ख़स्ताहाल हैं। इसमें जान जोखिम में डालकर ग्रामीण आवाजाही करने को मजबूर हैं। वहीं रिखोली-डिग्री कॉलेज-सेरा-फरकंडे-घंडियाल जाने वाले मोटर मार्ग के भी कमोबेश यही हाल हैं। विभाग एक वर्ष पूर्व 9 नवंबर 2023 को भराड़ीसैण में मुख्यमंत्री की इन सड़कों के डामरीकरण की घोषणा के बावजूद डामरीकरण तो दूर आज तक इन सड़कों के गड्ढे भी नही भर पाया है।
भूख हड़ताल पर बैठे व्यापार संघ गैरसैंण के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि स्वास्थ्य केंद्र में विशेषज्ञ चिकित्सकों की मांग लंबे समय से करते आ रहे हैं। लेकिन शासन में बैठे लोग सुनने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण सड़कों की स्थिति भी आज बदहाल हो चुकी है। सरकार व विभागीय अधिकारी कोई भी सुनने को तैयार नहीं हैं।
सुरेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि इन मांगों को लेकर पूर्व में भी महिला मंगल दलों के साथ मिलकर 45 दिनों तक क्रमिक अनशन कर चुके हैं। विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन देकर मांगों के निस्तारण की मांग की जा चुकी है। लेकिन आज तक उन मांगों पर कोई भी कार्रवाई शासन स्तर से नहीं हो पाई है। इस कारण आज मजबूरन भूख हड़ताल पर बैठने के लिए विवश होना पड़ रहा है। व्यापार संघ अध्यक्ष ने कहा कि अगर मांगें नहीं मानी जाती हैं, तो भूख हड़ताल आगे भी जारी रहेगी। इस दौरान कई महिलायें और स्थानीय जनप्रतिनिधि इस आंदोलन को अपना समर्थन देने पहुंचे।