उत्तराखंड

उत्तराखंड में महिला नीति राज्य स्थापना दिवस पर नहीं होगी लागू

महिला नीति में शिक्षा, स्वास्थ्य, के साथ ही महिलाओं को मिलने वाली अन्य सुविधाओं के विशेष प्रावधान किए गए हैं।

मत्रिमंडल बैठक न होने के चलते महिला नीति ड्राफ्ट पर नहीं लगी मुहर
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री ने राज्य स्थापना दिवस पर लागू करने को की थी घोषणा
देहरादून। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग और राज्य महिला आयोग की ओर से तैयार की गई राज्य महिला नीति का ड्राफ्ट लगभग तैयार हो चुका है। जिसको देखते हुए, महिला सशक्तिकरण मंत्री रेखा आर्य ने ये दावा किया था कि उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेश की महिलाओं को महिला नीति समर्पित कर दी जाएगी, लेकिन इस महीने मंत्रिमंडल की बैठक न होने के चलते महिला नीति ड्राफ्ट पर मंत्रिमंडल की मुहर नहीं लग पाई है। लिहाजा, उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर महिलाओं को महिला नीति की सौगात नहीं मिल पाएगी।
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग ने प्रदेश की महिलाओं को और अधिक सशक्त बनाने के साथ ही उनकी भागीदारी को सुनिश्चित किए जाने को लेकर महिला नीति तैयार किया है। इस महिला नीति में बेटी के जन्म से लेकर महिला के वृद्धावस्था और उसके निधन तक की चुनौतियों और समस्याओं को ध्यान में रखते हुए तमाम प्रावधान किए गए हैं। महिला नीति में शिक्षा, स्वास्थ्य, के साथ ही महिलाओं को मिलने वाली अन्य सुविधाओं के विशेष प्रावधान किए गए हैं। महिला नीति में हर वर्ग की महिलाओं को समाहित किया गया है।
दरअसल, राज्य महिला नीति 2024 ड्राफ्ट को लेकर 29 अक्टूबर 2024 को महिला सशक्तिकरण मंत्री रेखा आर्य की अध्यक्षता में आखिरी बैठक की गई थी। जिस बैठक में महिला नीति के ड्राफ्ट में कुछ संशोधन करने के साथ ही आगामी कैबिनेट में रहते हुए राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर लागू करने की बात कही गई। राज्य स्थापना दिवस से पहले कैबिनेट की बैठक न होने के चलते महिला नीति को मंत्रिमंडल से मंजूरी नहीं मिल पाई है। जिसके चलते राज्य स्थापना दिवस पर महिलाओं को समर्पित होने वाला राज्य महिला नीति को आगामी केबिनेट बैठक के सम्मुख रखा जाएगा। जिस पर मुहर लगने के बाद राज्य महिला नीति को लागू किया जाएगा।
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने कहा उनका उद्देश्य यही था कि 9 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर महिला नीति, प्रदेश की महिलाओं को समर्पित की जाएगी। अल्मोड़ा में हुए बस हदसे की वजह समेत अन्य कारणों के चलते कैबिनेट नहीं हो पाई। यह एक औचारिकता होती है कि नीति को लागू करने से पहले मंत्रिमंडल के मंजूरी की जरूरत होती है, ऐसे में राज्य स्थापना दिवस के बाद जब भी मंत्रिमंडल की बैठक होगी। उस बैठक में महिला नीति के प्रस्ताव को रखा जाएगा। जिस पर मुहर लगने के बाद प्रदेश की महिलाओं को महिला नीति समर्पित की जाएगी।

उत्तराखंड में महिला नीति का ड्राफ्ट तैयार, शासन के पास रिपोर्ट, फिर भी लागू नहीं हुई पॉलिसी
देहरादून। दो सालों में महिला आयोग की ओर से तमाम काम किए गए हैं। जिसमें महिला नीति भी एक है। महिला नीति तैयार होने के दो महीने बाद भी अभी तक महिला नीति लागू नहीं हो पाई है। जबकि पिछले साल राज्य स्थापना दिवस पर सीएम धामी ने जल्द ही महिला नीति को लागू करने की बात कही थी। महिला आयोग की ओर से महिला नीति का ड्राफ्ट शासन को सौंपा जा चुका है। राज्य महिला आयोग अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा इन 2 साल के कार्यकाल के दौरान चमोली और रुद्रप्रयाग में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग से संबंधित कार्यशाला का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय महिला आयोग के वित्तीय सहयोग से प्रदेश में संचालित महिला थाना को प्रभावित सेल बनाया गया। इसके लिए सेमिनार और खेल सेमिनार का आयोजन भी किया गया। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के साथ मिलकर सितंबर महीने में पोषण माह का कार्यक्रम आयोजित कराया गया। इसके साथ ही आयोग को महिलाओं से संबंधित प्राप्त तमाम शिकायतों का निस्तारण भी किया गया।
महिला नीति के सवाल पर अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा महिला नीति पूरी तरह से तैयार है। राज्य स्थापना दिवस पर सीएम धामी ने जल्द महिला नीति लागू करने की घोषणा भी की थी, जिससे महिला नीति में प्रदेश की महिलाओं से जुड़े हर विषय को शामिल किये जा सके। जिसमें आर्थिक, सामाजिक, शिक्षा, राजनीतिक, स्वास्थ्य समेत अन्य बिंदु शामिल हैं। ऐसे में महिला नीति जल्द ही राज्य में लागू होगी। उन्होंने कहा सरकार ने एकल महिला नीति तैयार की है। जिसमें एकल महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए तमाम प्रावधान किए गए हैं।

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